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PK के 'तुरूप का इक्का' बनेंगे वकील अभय कांत झा! जन सुराज ने भागलपुर से दिया टिकट; दंगे के 800 से ज्यादा पीड़ितों को दिलाया है न्याय

अभय कांत झा, जो भागलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और दंगों के 800 से ज्यादा पीड़ितों को न्याय दिला चुके हैं, अब जन सुराज ने उन्हें भागलपुर से चुनावी टिकट देकर प्रशांत किशोर के तुरूप का इक्का' बनाया है. उनकी न्यायिक लड़ाई और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें इस अहम भूमिका के लिए पूरी तरह उपयुक्त बना दिया है.

PK के तुरूप का इक्का बनेंगे वकील अभय कांत झा! जन सुराज ने भागलपुर से दिया टिकट; दंगे के 800 से ज्यादा पीड़ितों को दिलाया है न्याय
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( Image Source:  x-@jansuraajonline )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 14 Oct 2025 12:23 PM IST

बिहार में चुनावी दंगल शुरू होने के बाद उथल-पुथल देखने को मिल रही है. जहां प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. इस सूची में 65 नए नाम शामिल किए गए, जिसके साथ ही पार्टी अब तक कुल 116 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है.

पिछले दिनों प्रशांत किशोर के तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर के दौरे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि दूसरी सूची में ही इस हाईप्रोफाइल सीट से उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन राघोपुर का नाम फिलहाल रोक लिया गया है, जिससे राजनीतिक हलचल और बढ़ गई है, लेकिन इस बीच भागलपुर विधानसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार के तौर पर वकील अभयकांत झा को चुना है, जिन्होंने भागलपुर दंगे में 800 से ज्यादा पीड़ितों के केस मुफ्त में लड़े थे.

कौन हैं अभयकांत झा?

अभयकांत झा कोई साधारण नाम नहीं है. 1989 के भीषण भागलपुर सांप्रदायिक दंगे में जब पूरा शहर जल रहा था और इंसानियत दम तोड़ रही थी, उस समय अभयकांत ने अपने भय से ऊपर उठकर न्याय का साथ चुना. यही वकील थे अभयकांत झा. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के 880 से ज़्यादा पीड़ितों के केस मुफ्त लड़कर न्याय दिलाया.

आरोपियों को दिलाई उम्रकैद की सजा

दिसंबर 1989 में भागलपुर दंगे की व्यापक जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया गया, जिसमें जस्टिस रामनंदन प्रसाद को अध्यक्ष बनाया गया और उनके साथ जस्टिस रामचंद्र प्रसाद सिन्हा तथा जस्टिस एस. शमसुल हसन शामिल थे. लंबी सुनवाई और गवाहियों के आधार पर आयोग ने मार्च 1995 में 323 पेज की विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी. इसके बावजूद कई मामलों पर कार्रवाई वर्षों तक ठंडी पड़ी रही. बाद में 2005 में पुराने मामलों की फाइलें दोबारा खोली गईं, जिसके बाद कई आरोपियों को उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई. हालांकि, पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण कुछ मुख्य आरोपी अदालत से बरी भी हो गए.

सामाजिक सक्रियता

अभयकांत झा भले ही ब्राह्मण समुदाय से संबंध रखते हों, लेकिन उनकी पहचान कभी जातिगत दायरे तक सीमित नहीं रही. उन्होंने खुद को हमेशा जनता के हित, न्याय और मानवीय मूल्यों के पक्षधर के रूप में स्थापित किया. राजनीति से दूर रहने के बावजूद वे लगातार सामाजिक सेवा और शैक्षिक गतिविधियों से जुड़े रहे.1989 के भागलपुर दंगे के बाद उनकी पहचान और भी मजबूत हुई, जब उन्होंने बिना किसी स्वार्थ के दंगा पीड़ितों की निःशुल्क कानूनी मदद की. इस साहसिक कदम ने उन्हें समाज में न्यायप्रिय और विश्वसनीय व्यक्तित्व के रूप में सम्मान दिलाया.

लिस्ट के नए नाम

  • भाजपा छोड़ने के बाद राजनीति में नई पारी की शुरुआत करने वाले नरपतगंज से चार बार के विधायक जनार्दन यादव को भी जन सुराज पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. यादव ने बीते सितंबर में भाजपा से इस्तीफ़ा देकर प्रशांत किशोर की पार्टी का दामन थामा था.
  • इसी तरह, पार्टी ने पुराने राजनीतिक परिवारों को भी अपने साथ जोड़कर चुनावी समीकरण को दिलचस्प बना दिया है. बक्सर से चार बार भाजपा सांसद रहे लालमुनि चौबे के बेटे हेमंत चौबे को चैनपुर सीट से टिकट दिया गया है.
  • दूसरी ओर पार्टी ने प्रशासनिक पृष्ठभूमि वाले चेहरों पर भी भरोसा जताया है. नोखा (रोहतास) से सेवानिवृत्त डीएसपी नसरुल्लाह खान को उम्मीदवार घोषित किया गया है.
  • वहीं फुलवारी (सु) से शिक्षाविद और समाजसेवी प्रोफेसर शशिकांत प्रसाद चुनावी मैदान में उतरेंगे.
  • बड़हरिया (सीवान) सीट से पार्टी ने डॉ. शाहनवाज को प्रत्याशी बनाया है, जिन्हें सामाजिक कार्यों के लिए क्षेत्र में जाना जाता है.
  • जन सुराज पार्टी ने अपनी दूसरी सूची में अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है. इनमें ठाकुरगंज से मोहम्मद एकरामुल हक, केसरिया से नाज़ अहमद खान उर्फ पप्पू खान और बहादुरपुर से आमिर हैदर शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025बिहारप्रशांत किशोर
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