कभी दिल्ली में बेचते थे लैंप, अब T20 में किया बड़ा धमाका... कौन हैं तेजस्वी जायसवाल? जिन्होंने तीसरे ही मुकाबले में जड़ी फिफ्टी
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025/26 में त्रिपुरा के लिए खेलते हुए तेजस्वी जायसवाल ने अपने तीसरे ही टी20 मुकाबले में पहला अर्धशतक जड़ दिया. उत्तराखंड के खिलाफ 37 गेंदों में 51 रन की पारी खेलकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया. तेजस्वी, टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के बड़े भाई हैं. कभी भाई के सपनों के लिए खुद का क्रिकेट करियर छोड़कर दिल्ली में लैंप बेचकर गुजारा करने वाले तेजस्वी ने 2023 के बाद क्रिकेट में वापसी की और अब त्रिपुरा से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं. उनका सफर संघर्ष, त्याग और दोबारा उठ खड़े होने की मिसाल बन गया है.;
Tejaswi Jaiswal Inspiring cricket story: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025/26 में जहां बड़े-बड़े नाम अपना जलवा दिखा रहे हैं, वहीं कुछ अनजान चेहरे भी अपनी शानदार पारियों से सबका ध्यान खींच रहे हैं. इन्हीं में एक नाम है तेजस्वी जायसवाल, जिन्होंने अहमदाबाद में उत्तराखंड के खिलाफ खेलते हुए त्रिपुरा की ओर से अपना पहला टी20 अर्धशतक जड़ दिया. यह उनके टी20 करियर का तीसरा ही मुकाबला था और इस सीजन का पहला मैच, जिसमें उन्होंने खुद को साबित कर दिया.
पावरप्ले के आखिर में जब श्रीदम पॉल 22 गेंदों पर 43 रन बनाकर आउट हुए, तब नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने उतरे तेजस्वी जायसवाल ने अनुभवी बल्लेबाज हनुमा विहारी, विजय शंकर और कप्तान मणिशंकर मुरासिंह के साथ मिलकर पारी को संभाला. तेजस्वी ने 37 गेंदों में 51 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें एक चौका और चार छक्के शामिल थे. हालांकि, उनकी यह अर्धशतकीय पारी टीम को जीत नहीं दिला सकी. त्रिपुरा ने 20 ओवर में 6 विकेट पर 163 रन बनाए, जिसे उत्तराखंड ने 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 167 रन बनाकर हासिल कर लिया.
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यशस्वी जायसवाल के बड़े भाई हैं तेजस्वी
तेजस्वी जायसवाल, भारतीय टीम के युवा स्टार यशस्वी जायसवाल के बड़े भाई हैं. दिलचस्प बात यह रही कि जिस दिन तेजस्वी ने अपना पहला टी20 अर्धशतक लगाया, उसी दिन छोटे भाई यशस्वी जायसवाल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम में अपना पहला वनडे शतक जड़ दिया. यह संयोग दोनों भाइयों की मेहनत और संघर्ष की कहानी को और खास बना देता है.
मुंबई की चॉल से वानखेड़े तक का सपना
तेजस्वी और यशस्वी का बचपन मुंबई की एक छोटी सी चॉल में बीता. दोनों भाई धूल भरी गलियों में क्रिकेट खेलते हुए बड़े हुए और एक दिन वानखेड़े स्टेडियम में खेलने का सपना देखने लगे, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ी, क्रिकेट के खर्च भी बढ़ने लगे- किट, कोचिंग फीस, यात्राएं और दूसरी जरूरतें. परिवार की सीमित आमदनी में दो खिलाड़ियों को संभालना लगभग नामुमकिन हो गया.
इसी दौरान तेजस्वी ने एक बड़ा और चुपचाप लिया गया फैसला किया. उन्होंने खुद अपने क्रिकेट सपनों को पीछे छोड़ दिया ताकि छोटे भाई यशस्वी का रास्ता आसान हो सके. बिना किसी शिकायत या शोर-शराबे के उन्होंने दिल्ली का रुख कर लिया.
दिल्ली में लैंप बेचकर भाई के सपनों को दी रौशनी
दिल्ली में तेजस्वी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई. जहां एक ओर यशस्वी मुंबई में चमकती रोशनी के बीच प्रोफेशनल ट्रेनिंग कर रहे थे, वहीं तेजस्वी दिल्ली की एक दुकान पर फैंसी लैंप बेचने का काम करने लगे. जिन हाथों में कभी क्रिकेट बैट हुआ करता था, अब वही हाथ कैश और बिल संभालते थे... लेकिन इसके बावजूद तेजस्वी हर महीने अपनी कमाई का एक हिस्सा मुंबई भेजते थे, ताकि यशस्वी के लिए बेहतर सामान और कोचिंग का इंतजाम हो सके.
इसी दौरान उम्र में धोखाधड़ी से जुड़ी अफवाहों ने तेजस्वी के क्रिकेट करियर की रही-सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया. उन्होंने किसी तरह का विवाद खड़ा करने के बजाय खुद को और पीछे कर लिया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे यशस्वी के करियर पर कोई असर पड़े.
यशस्वी बने स्टार, तेजस्वी की दोबारा वापसी
साल बीतते गए और यशस्वी जायसवाल भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारे बन गए. उनके बल्ले से रन निकले, रिकॉर्ड टूटे और दुनिया ने उनकी प्रतिभा को सलाम किया. लेकिन बहुत कम लोग उस बड़े भाई को जानते थे, जिसने इस सफर की नींव रखी थी. 2023 के बाद तेजस्वी ने एक बार फिर क्रिकेट में वापसी की और अब वह घरेलू क्रिकेट में त्रिपुरा की ओर से खेल रहे हैं. जिसने कभी अपने सपनों को छोड़ दिया था, वह अब दोबारा उन्हें जी रहा है.
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तेजस्वी जायसवाल का अब तक का रिकॉर्ड
तेजस्वी 2024 में त्रिपुरा टीम से जुड़े. अब तक वह सभी फॉर्मेट मिलाकर टीम के लिए 9 मुकाबले खेल चुके हैं. उन्होंने 2024/25 रणजी ट्रॉफी में मेघालय के खिलाफ अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. इस सीजन में उन्होंने 7 पारियों में 164 रन बनाए, उनका औसत रहा 23.42. तेजस्वी ने अब तक सिर्फ एक लिस्ट-A मैच खेला है, जो विजय हजारे ट्रॉफी 2024/25 में केरल के खिलाफ था. उस मैच में उन्होंने ओपनिंग करते हुए 40 गेंदों में 23 रन बनाए थे. अब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनका पहला टी20 अर्धशतक यह संकेत दे रहा है कि तेजस्वी जायसवाल की संघर्ष भरी कहानी अब एक नई उड़ान भरने को तैयार है.