हिंदू को मुसलमान बनने का दबाव देते थे शाहिद अफ़रीदी! दानिश कनेरिया के खुलासे से हड़कंप, इरफान पठान के सुर में मिलाया सुर

भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी के बीच जुबानी जंग ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है. इरफ़ान ने अफ़रीदी को ‘बदतमीज़’ कहकर उनके निजी कमेंट्स का ज़िक्र किया, वहीं पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने भी अफ़रीदी पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने और भेदभाव करने के आरोप दोहराए. कनेरिया ने इरफ़ान का समर्थन करते हुए कहा कि अफ़रीदी हमेशा व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेते हैं.;

( Image Source:  statemirrornews )

Shahid Afridi, Irfan Pathan, Danish Kaneria: पाकिस्तान के ऑलराउंडर और पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी पर भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान के तीखे बोल पिछले दो दिनों से खूब चर्चा बटोर रहे हैं. इरफ़ान पठान ने एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान शाहिद अफ़रीदी से जुड़े अपने कुछ दिलचस्प किस्से साझा किए. इसी कार्यक्रम के दौरान इरफ़ान ने कुछ ऐसी बातें बताईं जिसे अब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने भी सही बताया है. जैसे ही इरफ़ान ने अफ़रीदी के मैदान और मैदान के बाहर के व्यवहार पर टिप्पणी की क्रिकेट की दुनिया में भूचाल आ गया.

दानिश पाकिस्तान के टीम में अफ़रीदी के साथी खिलाड़ी रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि कैसे अफ़रीदी ने उन्हें (कनेरिया को) बार बार कमज़ोर करने की कोशिशें कीं. कनेरिया ने अफ़रीदी पर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाने का आरोप भी लगाया. इसके साथ ही दानिश कनेरिया ने X पर इरफ़ान के समर्थन में एक पोस्ट लिखा- इरफ़ान भाई, आप बिल्कुल सही हैं. वह हमेशा व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेता है, चाहे वो किसी का परिवार पर हो या धर्म, वह हमेशा व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी का सहारा लेता है. निश्चित तौर पर क्लास और शालीनता उसकी ताक़त नहीं रहे हैं.

दानिश कनेरिया और शाहिद अफ़रीदी के विवादों की कहानी

पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया और ऑलराउंडर शाहिद अफ़रीदी के बीच वर्षों पुराना तनावपूर्ण संबंध रहा है. इन दोनों खिलाड़ियों के आपसी संबंध कभी अच्छे रहे ही नहीं.साल 2000 से 2010 के बीच पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट और केवल 18 वनडे मैच खेलने वाले दानिश कनेरिया अपने मामा अनिल दलपत के बाद पाकिस्तान की ओर से खेलने वाले केवल दूसरे हिंदू थे. कुछ साल पहले दानिश कनेरिया ने आरोप लगाया था कि उन्हें पाकिस्तान की टीम में भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि वो एक हिंदू हैं. उन्होंने दावा किया कि कुछ खिलाड़ी उनके साथ खाना खाने से भी हिचकते थे.उसी दौरान दानिश ने ख़ास तौर पर शाहिद अफ़रीदी का नाम लिया और उनपर आरोप मढ़ा कि अफ़रीदी ने टीम के बाकी सदस्यों को मेरे साथ मेलजोल नहीं रखने के लिए भी उकसाया.


कनेरिया ने दावा किया था कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और साथी खिलाड़ी लेग स्पिनर अफ़रीदी ने उनके साथ भेदभाव किया, शायद उनके धर्म के कारण. कनेरिया ने कहा था, "जब हम घरेलू क्रिकेट में एक ही टीम में खेलते थे या वो मुझे वनडे मैचों में खिलाते थे, तब वह हमेशा मेरे ख़िलाफ़ रहते थे. अगर एक व्यक्ति हमेशा आपके ख़िलाफ़ रहता है और आप उस स्थिति में होते हैं, तो (धर्म) के अलावा और क्या कारण हो सकता है?" साथ ही कनेरिया ने अफ़रीदी पर धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप भी मढ़ा. उन्होंने बताया, "शाहिद अफ़रीदी ही वो व्यक्ति थे जो मुझसे बार-बार धर्म परिवर्तन के लिए कह रहे थे, उन्होंने कई बार ऐसा किया."

ये भेदभाव नहीं था तो क्या था?

कनेरिया ने तब कहा था कि अगर अफ़रीदी ने उनके साथ भेदभाव नहीं किया होता, तो वह कई और वनडे मैच खेल सकते थे. उन्होंने कहा, "मैं उनकी वजह से ज़्यादा वनडे नहीं खेल पाया और जब हम एक ही डिपार्टमेंट (घरेलू क्रिकेट में) में खेलते थे, तब भी उन्होंने मेरे साथ ग़लत व्यवहार किया था. वह कप्तान थे और मुझे टीम से बाहर रखते थे और अक्सर वनडे में भी बिना किसी कारण के ऐसा ही करते थे. वह दूसरों का सपोर्ट करते थे, लेकिन मुझे नहीं. भगवान का शुक्र है कि मैं फ़िर भी पाकिस्तान के लिए काफ़ी खेला और मुझे इस पर बहुत गर्व है."


कनेरिया ने यह भी बताया था कि वो (कनेरिया) वनडे टीम के नियमित सदस्य हुआ करते थे. उन्होंने कहा, "मैं एक लेग स्पिनर था और वो (अफ़रीदी) भी. ये भी दूसरी वजह थी. वो (अफ़रीदी) पाकिस्तान के बड़े स्टार थे, इसके बावजूद वो मेरे साथ ऐसा व्यवहार करते थे ये मुझे समझ नहीं आया क्यों? कहा जाता था कि दो लेग स्पिनर टीम में एक साथ नहीं खेल सकते. साथ ही वनडे मैचों में मुझे नहीं खिलाए जाने पर मेरी फ़ील्डिंग को मुद्दा बनाया जाता था. पर उस समय टीम में क्या कोई बिल्कुल फिट लीडर था. तब बमुश्किल एक या दो अच्छे फ़ील्डर्स हुआ करते थे. पाकिस्तान को उसकी फ़ील्डिंग के लिए जाना ही नहीं गया."

अफ़रीदी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने किया था खंडन

भले ही कनेरिया ने आरोप मढ़े हों पर जहां अफ़रीदी ने उनके आरोपों का खंडन किया था वहीं उन्होंने कनेरिया पर हमदर्दी बटोरने का आरोप भी मढ़ा था. अफ़रीदी ने कहा था, "कनेरिया झूठ बोल रहा है. वह अपनी ग़लती नहीं मान रहा और हमदर्दी बटोरने की कोशिश कर रहा है." अफ़रीदी का इशारा कनेरिया पर लगे स्पॉट-फ़िक्सिंग के आरोपों की ओर था, जिसकी वजह से इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECP) ने उन्हें आजीवन प्रतिबंधित कर रखा है. साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी एक वक्तव्य जारी कर कनेरिया के अफ़रीदी पर लगाए आरोपों को बेतुका और निराधार बताया था.

स्पॉट फ़िक्सिंग के बाद पीसीबी से मांगी मदद, पर...

कनेरिया पर एसेक्स काउंटी के लिए खेलने के दौरान स्पॉट फ़िक्सिग का आरोप लगा. उन्होंने लंबे समय तक पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) से मदद की गुहार लगाई. वो कहते हैं, "मैं रिलिजन कार्ड नहीं खेलना चाहता हूं. मुझे बस पीसीबी का सपोर्ट चाहिए. अगर वो मोहम्मद आमिर, सलमान बट्ट को सिस्टम में वापस आने की इजाज़त दे सकते हैं तो मुझे क्यों नहीं? हां, मैंने ग़लती की, पर दूसरों ने भी की है. वो मुझे टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल करके फ़ेंक नहीं सकते. मैंने लंबे समय तक पाकिस्तान क्रिकेट की सेवा की है और इतने सालों के बाद उन्हे मेरा समर्थन करना चाहिए."


कनेरिया पाकिस्तान क्रिकेट के साथ बिताए अपने ख़ुशनुमा समय के लिए इंज़माम-उल-हक़ और मोहम्मद यूनिस का शुक्रिया अदा करते हैं. वे कहते हैं, मैंने अधिकांश मैच मोइन ख़ान, राशिद लतीफ़, इंज़ी भाई (इंज़माम-उल-हक़) या यूनिस भाई के नेतृत्व में खेला. मैं अफ़रीदी के नेतृत्व में बहुत कम खेला हूं. इंज़ी भाई और यूनिस भाई ने मेरा पूरा सपोर्ट किया और यही वास्तविकता है. हालांकि, इंज़ी भाई मुझसे सार्वजनिक रूप से सकारात्मक बात नहीं करते थे, पर मैं उनके सपोर्ट के लिए हमेशा उनका आभार व्यक्त करता रहूंगा. उनके नेतृत्व के दौरान ही मुझमें निखार आया."

तब कनेरिया को मिला था शोएब अख़्तर का साथ

दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ शोएब ने भी साल 2019 में एक चैट शो के दौरान ये कहा था कि दानिश कनेरिया के साथ उनके पाकिस्तान के साथियों ने इसलिए ग़लत व्यवहार किया क्योंकि वो एक हिंदू थे. पीटीवी स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम में दौरान शोएब ने कहा था, "मेरे करियर के दौरान मैंने (टीम में) उन दो-तीन खिलाड़ियों से लड़ाई की जिन्होंने धर्म के मुद्दे पर बातें करनी शुरू कीं. इससे क्या होता है कि कोई व्यक्ति हिंदू है, वो (कनेरिया) हमेशा टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करते थे. उसी हिंदू ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हमारे लिए टेस्ट जीता. अगर उन्होंने पाकिस्तान के लिए ढेर सारे विकेट लिए हैं तो उन्हें टीम में खेलना ही चाहिए."

इरफ़ान पठान और अफ़रीदी के बीच जंग का क्या है पूरा मामला?

दरअसल, टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान ने एक पॉडकास्ट में उनके और शाहिद अफ़रीदी के बीच प्रतिद्वंद्विता को लेकर कुछ बातें कीं, जो कि निजी स्तर तक पहुंच गई थीं. इरफ़ान ने बताया कि अफ़रीदी ने उनके (इरफ़ान के) पठान होने पर व्यक्तिगत टिप्पणी की थी. इसी दौरान इरफ़ान ने अफ़रीदी को 'बदतमीज़ आदमी' कहा.


पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच के पहले ओवर में हैट्रिक लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले इरफ़ान का इस चिर प्रतिद्वंद्वी टीम के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड भी बहुत बढ़िया रहा है. इरफ़ान ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक शतक समेत 807 रन बनाए हैं तो 67 विकेट भी चटकाए हैं. अफ़रीदी को तो इरफ़ान ने कुल 11 बार आउट किया है, जिसमें 2007 के वर्ल्ड टी20 के फ़ाइनल में पहली ही गेंद पर (गोल्डन डक) आउट करना सबसे यादगार रहा.

अफ़रीदी की 'नकली पठान' टिप्पणी से तिलमिलाए इरफ़ान

अफ़रीदी ने कमेंटेटर हर्ष भोगले के साथ एक बातचीत में ख़ुद को असली पठान और इरफ़ान को नकली पठान बताया था. इरफ़ान ने इसी पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "बदतमीज़ आदमी है. मुझे लगा कि वो सिर्फ़ मेरे नहीं, मेरे वालिद (पिता) के बारे में भी कह रहा है, जो उसे नहीं करना चाहिए था." इरफ़ान कहते हैं, "यही बात मेरे अंदर एक ज़िद और जुनून पैदा कर गई थी. जब भी गेंद मेरे हाथ में होती थी, मन में यही होता था कि इसे तो आउट करना ही है. बड़े-बड़े मौक़ों पर आउट किया है- वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में सिरीज़ का फ़ैसला होने के समय. मैंने उसे 11 बार आउट कर दिखाया कि असली पठान कौन है.”

इरफ़ान ने जब अफ़रीदी के बारे में कहा- इसने कुत्ते का मांस खाया है

इरफ़ान ने 2006 के पाकिस्तान दौरे का एक वायका सुनाया, तब दोनों टीमें एक ही फ़्लाइट से कराची से लाहौर जा रही थीं. इरफ़ान कहते हैं, "अफ़रीदी आया और मेरे सिर पर हाथ रखकर बाल बिगाड़ दिया और बोलता है- 'कैसे हो बच्चे?', तो मैंने पूछा, 'तुम कब से मेरे अब्बू बन गए?'" इसके बाद अफ़रीदी ने कुछ बुरा कहा. अफ़रीदी का सीट इरफ़ान के पास ही था. तो इरफ़ान ने कुछ ऐसा कहा कि अफ़रीदी का मुंह बंद हो गया.


इरफ़ान बोले, "पाकिस्तान के ऑलराउंडर अब्दुल रज़्ज़ाक मेरे बगल में बैठे थे. मैंने उनसे पूछा कि यहां किस प्रकार का मीट उपलब्ध है. तो उन्होंने कहा कि किसी अलग जानवर का मीट मिल रहा है. तब मैंने पूछा कि क्या कुत्ते का मांस है? रज़्ज़ाक को आश्चर्य हुआ और उन्होंने मुझसे पूछा- इरफ़ान आप ऐसा क्यों बोल रहे हो? तब मैंने कहा, इसने कुत्ते का मांस खाया है, तभी भौंक रहा है. यह सुनने के बाद अफ़रीदी चुप हो गया. अगर कुछ कहता तो मैं फ़िर बोल उठता देखो वो फ़िर भौंक रहा है. तब जाकर वो पूरी यात्रा के दौरान चुप रहा. उसके बाद से ही उसने मुझसे फ़िर कुछ नहीं कहा."


इरफ़ान ने कहा, "अफ़रीदी की निजी टिप्पणियां सीमा लांघ गई थीं, लेकिन मैंने उन्हें मैदान पर उसका माकूल जवाब दे दिया. मैंने दिखा दिया कि असली पठान कौन है- वो भी एक बार नहीं, 11 बार."

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