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शोएब अख़्तर को सचिन तेंदुलकर से नहीं, इस बल्लेबाज़ से लगता था डर; पढ़ें रावलपिंडी एक्सप्रेस के दिलचस्प किस्से

शोएब अख्तर, जिन्हें रावलपिंडी एक्सप्रेस कहा जाता है, पाकिस्तान के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में से एक हैं. अपनी करियर में उन्होंने 161.3 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाज़ी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जो पिछले 22 साल से उनके नाम है. तेज़ गेंदबाज़ी, घातक यॉर्कर्स और बॉलिंग स्पेल के लिए मशहूर शोएब ने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ों को डराया. उन्होंने अपने करियर में 247 वनडे और 178 टेस्ट विकेट लिए.

शोएब अख़्तर को सचिन तेंदुलकर से नहीं, इस बल्लेबाज़ से लगता था डर; पढ़ें रावलपिंडी एक्सप्रेस के दिलचस्प किस्से
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( Image Source:  HarperCollins )
अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 15 Aug 2025 5:28 PM IST

50 साल पहले पाकिस्तान की धरती पर एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ जो बाद के वर्षों में जब-जब क्रिकेट के मैदान पर उतरा तो पिच पर उसकी गेंदबाज़ी से बवंडर पैदा हुआ. 100 मील यानी 160 किलोमीटर से अधिक की रफ़्तार से आग बरसाती गेंदों को लेकर जब भी वो रन-अप लेता, उसका सामना कर रहे बल्लेबाज़ की रूह कांप जाती. परफ़ॉर्मेंस बढ़ाने की दवाओं के इस्तेमाल के लिए उन पर प्रतिबंध लगा, तो गेंद से छेड़छाड़ का आरोप भी मढ़ा गया. यहां तक कि टीम के अपने ही साथियों और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से भी मतभेद हुआ, पर कभी डिगे नहीं. फ़िट नहीं होने के बावजूद, मैच में इंजेक्शन लेकर उतरे, लेकिन अपने लंबे करियर में उन्होंने कभी अपनी स्पीड से समझौता नहीं किया. रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर हुए ये हैं दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख़्तर.

अख्तर के नाम 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद डालने का एक ऐसा नायाब वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जो पिछले 22 सालों से बदस्तूर उनके ही नाम पर कायम है. उन्होंने वसीम अकरम और वक़ार युनूस जैसी मशहूर जोड़ी की मौजूदगी में पाकिस्तान की टीम में अपनी जगह बनाई. चोट ने रोका, उनके रवैये ने टीम से बाहर का रास्ता भी दिखाया, पर जब भी मैदान में उतरे सब पर भारी पड़े.

सहवाग को शोएब की बीमर का डर

ये जब भी गेंद डालने के लिए रनअप लेते, सामने खड़े बल्लेबाज़ का विश्वास डगमगा जाता. दिग्गजों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है जो रावलपिंडी एक्सप्रेस यानी शोएब अख़्तर की चपेट में आई. ब्रायन लारा, सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग... क्रिकेट के बड़े-से-बड़े दिग्गजों के चाहे जितने भी नाम लें, शोएब की रफ़्तार की चपेट में आने से कोई नहीं बच सका. वीरेंद्र सहवाग कहते हैं, “शोएब अख़्तर का डर था. डर से मतलब कि उसका भरोसा नहीं था, अगर आप शोएब की गेंद पर दो चौके मारें तो वो आपकी हेलमेट में बीमर दागेगा.”

जब गुलाटी भरने लगे सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण के स्टंप्स

1999 में एशियन टेस्ट चैंपियनशिप के लिए पाकिस्तान की टीम भारत आई थी. उसी दौरान ईडन गार्डेन्स पर 65 हज़ार दर्शकों के सामने शोएब ने एक ऐसी यादगार स्पेल डाली जिसकी कहानियां आज भी सुनाई जाती हैं. उस मैच में वो वीवीएस लक्ष्मण को बोल्ड कर चुके थे. और तब उनके सामने सचिन तेंदुलकर थे और पूरा स्टेडियम सचिन... सचिन... के नाम से गूंज रहा था. शोएब ने इनस्विंग यॉर्कर डाली और सचिन तेंदुलकर का मिडिल स्टंप गुलाटियां भरने लगा. पूरा दर्शक दीर्घा ख़ामोश हो गया और स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया क्योंकि सचिन की स्टंप्स को उखाड़ने से ठीक पहले शोएब ने राहुल द्रविड़ को भी क्लीन बोल्ड किया था.

पार्टी करने पहुंचे तो कान पकड़ वापस लाए अकरम

उस मैच के बारे में वसीम अकरम कहते हैं कि कोलकाता के ईडन गार्डन पर जब शोएब ने सचिन और द्रविड़ को बोल्ड किया तब वो शोएब से शोएब अख़्तर बन गए. अकरम उसी दिन का एक मज़ेदार वाकया बताते हैं. अकरम कहते हैं, “जब शाम को मैंने कहा कि नाइट क्लब में नहीं जाना, तो शोएब बोले- अरे टेस्ट मैच चल रहा है, मैं नाइट क्लब क्यों जाउंगा. पर रात को स्टेज पर डांस करते हुए मिले. तब मैं उनका कान पकड़ते हुए, उन्हें वापस उनके कमरे में लाया.”

विराट ने दूसरे छोर से शोएब को देखा और फ़िर...

शोएब सिर्फ़ रफ़्तार नहीं एक क़हर बन कर बरसने वाले गेंदबाज़ थे. जिसने भी उनका सामना किया उसे तो उनकी रफ़्तार की ताक़त का बख़ूबी अंदाज़ा है, और जिसने उन्हें क़रीब से देखा पर सामना नहीं किया वो क्या सोचते हैं यह विराट कोहली जैसे दिग्गज बताते हैं. विराट कहते हैं, “मैंने शोएब अख़्तर का कभी सामना नहीं किया पर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक मैच में मैंने नॉन स्ट्राइक एंड से उन्हें गेंदबाज़ी करते देखा है. तब वो अपने करियर के आख़िरी दौर में थे. फ़िर भी उनकी रफ़्तार बहुत घातक थी. वो देख कर मुझे लगा, जब ये अपने पीक पर बॉलिंग करते होंगे तो ऐसा ही लगता होगा कि दूसरे एंड पर ही बने रहो.”

शोएब को इस बैटर से लगता था डर

पर दुनिया के इस सबसे तेज़ गेंदबाज़ को भी एक ऐसे बल्लेबाज़ से डर लगता था जिसे आउट करना शोएब सबसे बड़ी चुनौती मानते थे. उस क्रिकेटर को दुनिया 'द वॉल' के नाम से जानती है. शोएब कहते हैं, "राहुल द्रविड़ पिच पर जम जाया करते थे और मानसिक रूप से गेंदबाज़ों को कमज़ोर कर देते थे. शोएब कहते हैं कि बेशक सचिन तेंदुलकर एक ज़ोरदार बल्लेबाज़ थे, पर द्रविड़ कहीं अधिक मज़बूत और मानसिक रूप से थकाने वाले खिलाड़ी थे."

जब सचिन ने जमाया था शोएब को छक्का

शोएब अख़्तर की बात हो और 2003 के वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर का वो छक्का याद न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता. उस मुक़ाबले में सचिन ने 75 गेंदों पर 12 चौके और एक छक्के की बदौलत 98 रनों की मैच जिताउ पारी खेली थी. सचिन ने अपना छक्का शोएब अख़्तर की एक दनदनाती गेंद पर थर्ड मैन बाउंड्री पर जमाया था. आज भी जब भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप मैच की बात होती है, सचिन के उस छक्के की याद ज़रूर आती है.

क़रीब 16 साल बाद उस छक्के को याद करते हुए एक कार्यक्रम में ख़ुद शोएब अख़्तर ने कहा, "अगर मुझे पता होता कि एक छक्का 130 करोड़ लोगों को ख़ुश करता है तो मैं सचिन को हर दिन एक छक्का मारने देता."

पैसे की तंगी और किया गया वादा

पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने से पहले शोएब अख़्तर के पास रावलपिंडी में प्रैक्टिस करने के लिए मैदान पर जाने तक के पैसे नहीं थे. तब रोज़ वो दौड़ते हुए मैदान पर जाते थे, जहां एक जूस बेचने वाला उन्हें रोज़ एक ग्लास जूस मुफ़्त का पिलाया करता था. शोएब ने उस जूस बेचने वाले से वादा किया था कि जब वो क्रिकेट से पैसे कमाने लगेंगे तो उन्हें एक नया सेटअप दिलाएंगे. जब शोएब पाकिस्तान की टीम के लिए चुन लिए गए तो उन्होंने सबसे पहले उस जूस वाले से किया गया अपना वादा पूरा किया.

सौरव की कप्तानी में आईपीएल में खेले; सचिन, सहवाग का विकेट चटकाए

बहुत कम लोगों को याद होगा कि शोएब अख़्तर आईपीएल के पहले सीज़न 2008 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेले थे. शोएब ने तब वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर जैसे नामची बल्लेबाज़ों को अपना खाता भी नहीं खोलने दिया था. 1999 में जो सौरव गांगुली, शोएब अख़्तर की गेंद से घायल होकर पिच पर गिर पड़े थे और पवेलियन लौटने के लिए मजबूर हुए थे, वो ही आईपीएल में उनके कप्तान बने.

शोएब अपनी किताब ‘कंट्रोवर्सियली योर्स’ में लिखते हैं, “भारत ने गांगुली से बेहतर कप्तान नहीं बनाया है. गांगुली एक शानदार कप्तान थे. युवाओं को टीम में लाए और उन्हें भरपूर सपोर्ट किया. खेल के मैदान पर वो मेरे सबसे कड़े प्रतिद्वंदियों में से एक थे. पर एक ऐसे शानदार कप्तान, जिनके नेतृत्व में मैं केकेआर के लिए खेला.”

शोएब के लाखों फ़ॉलोअर्स

क्रिकेट के मैदान पर शोएब के आंकड़े उनकी बेमिसाल प्रतिभा बयां नहीं करते हैं. वनडे में 247 विकेट तो टेस्ट करियर में 178 विकेट लिए. पर टेस्ट क्रिकेट में स्ट्राइक रेट के मामले में वो वसीम अकरम और इमरान ख़ान जैसे गेंदबाज़ों से कहीं आगे वक़ार युनूस के बाद आज भी पाकिस्तान के दूसरे सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ बने हुए हैं.

क्रिकेट के मैदान पर भले ही भारत और पाकिस्तान एक कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं, पर मैदान के बाहर भारत में शोएब के कई दोस्त मौजूद हैं. क्रिकेट से रिटायर होने के बाद शोएब को भारतीय मीडिया ने हाथों-हाथ लिया, जहां टीवी चैनल्स पर शोएब अपनी बेबाक बातें रखा करते थे. आज शोएब यूट्यूब चैनल पर अपनी राय, अपना नज़रिया रखते हैं, जहां उन्हें क़रीब 40 लाख लोग फ़ॉलो करते हैं. इनमें से एक लंबी फ़ैन फ़ॉलोविंग भारत में मौजूद है.

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