Munaf Patel Controversy: कभी भारत के सबसे तेज़ गेंदबाज़ रहे, पर अक्सर विवादों से रहा नाता

भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मुनाफ पटेल का क्रिकेट करियर जितना तेज़ रहा, उतना ही विवादों से भी घिरा रहा. 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे मुनाफ ने शानदार गेंदबाज़ी से सबको प्रभावित किया, लेकिन निजी ज़िंदगी में बॉबी डार्लिंग जैसे विवाद, आईपीएल 2025 में आचार संहिता का उल्लंघन और मैच फिक्सिंग के आरोपों से उनका नाम जुड़ता रहा. एमआरएफ पेस फाउंडेशन से निकले इस खिलाड़ी को कभी भारत का सबसे तेज़ गेंदबाज़ माना गया, लेकिन चोटों और विवादों ने उनके करियर को समय से पहले फीका कर दिया.;

( Image Source:  Munaf Patel )
By :  अभिजीत श्रीवास्तव
Updated On : 12 July 2025 7:10 PM IST

Munaf Patel Controversy: जसप्रीत बुमराह के भारतीय टीम में आने से पहले टीम इंडिया लगातार एक अदद तेज़ गेंदबाज़ की तलाश में थी. अजित अगरकर, ज़हीर ख़ान, आशीष नेहरा, आरपी सिंह और श्रीसंत जैसे कई अच्छे क्रिकेटर भी टीम इंडिया से जुड़े, उसी दौरान एक और ऐसा तेज़ गेंदबाज़ भारतीय क्रिकेट के पटल पर आया जिसके बारे में लगातार यह कहा जाता रहा कि वो आने वाले वक़्त में रफ़्तार का बादशाह बन सकता है. उनकी गेंदों की रफ़्तार को लेकर पाकिस्तान के शोएब अख़्तर तक से उनकी तुलना की गई. 2011 के वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में भी शामिल रहे और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच में अहम योगदान तक दिया, पर इनका अंतरराष्ट्रीय करियर केवल पांच वर्षों का रहा और उस दौरान विवादों से भी लगातार जुड़ाव रहा.

हम बात कर रहे हैं मुनाफ़ पटेल की, जो गुजरात के भरूच से आते हैं. उनकी तेज़ गेंजबाज़ी की प्रतिभा को पूर्व क्रिकेटर विकेटकीपर और चयनकर्ता रह चुके किरण मोरे ने पहचाना और उन्हें चेन्नई स्थित एमआरएफ़ पेस फ़ाउंडेशन भेज दिया गया. डेनिस लिली और टीए शेखर की देखरेख में उन्होंने अपने हुनर को निखारा और जल्द ही उन्हें भारतीय क्रिकेट का सबसे तेज़ गेंदबाज़ कहा जाने लगा. पर इस क्रिकेटर का नाता विवादों से भी रहा है. साल 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के अहम सदस्य होने के शिखर से उनका करियर बहुत तेज़ी से नीचे आ गया तो इसके पीछे उनका विवादों से लगातार जुड़ाव भी बड़ा किरदार निभाता रहा है.

बॉबी डार्लिंग का विवादित प्रकरण

ऐसा ही एक प्रकरण है बॉलीवुड की मशहूर ट्रांसजेंडर एक्ट्रेस बॉबी डार्लिंग के साथ उनके जुड़ाव की कहानी. बॉली डार्लिंग ने कुछ दिनों पहले एक बार फिर मुनाफ़ का नाम उनके साथ जोड़ते हुए कुछ बातें एक इंटरव्यू में शेयर की. बॉबी ने इंटरव्यू में बताया कि, "हम दोनों क्लब में मिले. ड्रिंक्स लिए और साथ में पार्टी की. लोगों ने देखा होगा या मेरे मुंह से निकल गया होगा कि मैं मुनाफ़ पटेल से मिली और हमने साथ में पार्टी की तो लोगों ने शायद उसका ग़लत अर्थ निकाल लिया, क्योंकि तब मेरी छवि इश्कबाज स्वभाव की थी."

जब उनसे ये पूछा गया कि मुनाफ़ से कोई रिलेशनशिप तो नहीं था, तो बॉबी ने कहा, "ये तो नहीं बोलूंगी. मुझे थोड़ा अटैचमेंट हो गया था उससे. मुझे प्यार था, पर शायद एक तरफ़ा था. जब मीडिया में पता चला कि मैंने बताया है तो वो गुस्सा हो गए. उन्होंने कहा तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. क्रिकेट टीम में मेरी कितना बदनामी होगी. तो मैंने उनसे कहा कि जब मैं फ़ोन करती हूं अब तो मेरा फ़ोन तक नहीं उठाते हो, अब मैं इतनी गंदी हो गई, बिस्तर में तो मैं मक्खन मलाई लगती हूं."

हालांकि इस मामले में अभी मुनाफ़ की ओर से कोई बयान नहीं आया है. पर जब 2011 में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था, उस साल भी बॉबी डार्लिंग ने मुनाफ़ से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें की थीं, तब मुनाफ़ ने एक इंटरव्यू में साफ़ कहा था कि बॉबी डार्लिंग के साथ कोई संबंध नहीं हैं, वो केवल एक बार उनसे पार्टी में मिले थे.  हालांकि तब बॉबी ने भी कहा था, "मेरा इस्तेमाल किया गया. क्या मुनाफ़ क़ुरान पर हाथ रख कर यही बात कहेंगे कि वो मेरे साथ वन नाइट स्टैंड नहीं किए थे?"

 

आईपीएल 2025 में हुआ विवाद

मुनाफ़ के साथ विवाद के जुड़ाव का सबसे ताज़ा मामला इसी साल हुए आईपीएल के दौरान का है. आईपीएल 2025 से पहले मुनाफ़ पटेल को दिल्ली कैपिटल्स का बॉलिंग कोच नियुक्त किया गया, लेकिन इसके एक मैच के दौरान मुनाफ़ विवादों में आ गए और आईपीएल के नियम को तोड़ने के लिए उनकी 25 फ़ीसद मैच फ़ीस काट ली गई. आईपीएल के बयान में कहा गया कि पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने "आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 के तहत लेवल-1 के उल्लंघन को स्वीकार किया है, जो खेल की भावना के विपरीत आचरण से जुड़ा है."

हालांकि आईपीएल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया कि मुनाफ़ ने किया क्या था, लेकिन माना गया कि राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ उस मैच के दौरान जब उनके संदेश को लेकर एक खिलाड़ी को मैदान में नहीं जाने दिया गया तो मुनाफ़ ने मैच अधिकारी से बहस की थी.

मैच फ़िक्सिंग स्कैंडल से जुड़ा नाम, मुनाफ़ ने किया ख़ारिज

2018 में मुनाफ़ पटेल ने उन ख़बरों को ख़ारिज किया जो मैच फ़िक्सिंग स्कैंडल से उनके जुड़े होने के संबंध में चल रही थीं. दरअसल, 2017 की जुलाई में जयपुर में आयोजित एक घरेलू टी20 टूर्नामेंट राजपूताना प्रीमियर लीग में एक मैच फ़िक्सिंग सिंडिकेट के साथ मुनाफ़ का नाम जुड़ा था. मुनाफ़ ने इसे सिरे से ख़ारिज करते हुए न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, "मुझे नहीं पता कि इस तरह की ख़बरें अब एक साल बाद क्यों सामने आ रही हैं. इस लीग को लेकर मुझसे पहले कोई सवाल नहीं किए गए. मुझे नहीं पता क्या चल रहा है."

मुनाफ़ ने बताया, "मैं वहां उद्घाटन समारोह में गया था. वहां चार घंटे से अधिक मैदान पर रहा. मैंने क्रिकेट के प्रमोशन से जुड़े कुछ सवालों के जवाब भी दिए." पटेल ने बताया कि उन्हें वहां राजस्थान के पूर्व रणजी खिलाड़ी मोहम्मद असलम और आयोजक राजपूताना प्रीमियर लीग ने बुलाया था. यह लीग बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के भ्रष्टाचार निरोधक सुरक्षा इकाई के जांच के घेरे में आई थी. इस मामले में राजस्थान पुलिस के अपराध जांच विभाग (राजस्थान सीआईडी) की जांच के बाद मुनाफ़ पटेल का नाम सामने आया था.

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ क्रिकेटर को कथित तौर पर राजपूताना प्रीमियर लीग के मौक़े पर देखा गया था, इस लीग के कुछ हिस्से शक के दायरे में आए थे, जिसे लेकर जांच की गई और पुलिस ने आरपीएल से जुड़ी संदिग्ध सट्टेबाज़ी गतिविधियों के लिए 14 लोगों को गिरफ़्तार भी किया. हालांकि बाद में जब यह मामला राजस्थान सीआईडी को हस्तांतरित किया गया तो गिरफ़्तार लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया.

मुनाफ़ का क्रिकेट करियर

अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में मुनाफ़ ने कुल 86 अंतरराष्ट्रीय मैच (13 टेस्ट, 70 वनडे और तीन अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच) खेले और कुल 125 विकेट लिए. वे ख़ुद राजस्थान रॉयल्स (2008-2010), मुंबई इंडियंस (2011-2013) और गुजरात लायंस (2017) की टीमों के लिए आईपीएल में खेल चुके हैं. 2013 में मुनाफ़ आईपीएल जीतने वाली मुंबई इंडियंस का हिस्सा भी रहे और उस सीज़न में चार मैचों में तीन विकेट लेने का कारनामा किया. आईपीएल के लिए खेले गए 63 मैचों में मुनाफ़ ने कुल 74 विकेट चटकाए. इस दौरान मुनाफ़ का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चार ओवरों में 21 रन देकर पांच विकेट चटकाने का रहा, जो उन्होंने किंग्स XI पंजाब के ख़िलाफ़ किया था.

कैसे हुई थी शुरुआत

किरण मोरे ने जब मुनाफ़ को एमआरएफ़ पेस फ़ाउंडेशन भिजवाया तो उन्होंने वहां बहुत नाम कमाया. आलम यह था कि तब बड़ौदा और गुजरात, दोनों ही उन्हें अपनी टीमों में शामिल करना चाहते थे. पर मुनाफ़ ने मुंबई को चुना क्योंकि ख़ुद सचिन तेंदुलकर ने उनमें ख़ास दिलचस्पी दिखाते हुए मुंबई क्रिकेट संघ के अधिकारियों से इस बारे में बात भी की थी. हालांकि इसके बावजूद उनका फ़र्स्ट क्लास करियर आसान नहीं रहा क्योंकि ज़्यादातर वक़्त उन्होंने चोटों से उबरने में बिताया. आखिर कई मौक़ों के छूटने के बाद मुनाफ़ के पास मार्च 2006 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच के लिए राष्ट्रीय चयन समिति का कॉल आया.

बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन की ओर से इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच में 10 विकेट झटकने के शानदार प्रदर्शन की बदौलत मिले मौक़े को मुनाफ़ ने ज़ोरदार तरीक़े से भुनाया. एक हफ़्ते बाद ही मोहाली में मुनाफ़ ने डेब्यू मैच में 97/7 विकेट लेने का कारनामा किया. उसी साल वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ भी जब उनका प्रदर्शन अच्छा रहा तो मुनाफ़ ने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली.

चमक फ़ीकी पड़ती गई

लेकिन यहां से मुनाफ़ की गेंदबाज़ी में धीमापन आ गया और उनकी चमक फ़ीकी पड़ने लगी. जैसा कि अक्सर एक तेज़ गेंदबाज़ के साथ होता है. गति में आई कमी को मुनाफ़ ने ख़ुद को बैकअप गेंदबाज़ के रुप में ढाल कर दूर करना शुरू किया. पर जल्द ही उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह खो दी. वनडे में औसत प्रदर्शन के बावजूद मुनाफ़ को 2009 में न्यूज़ीलैंड दौरे के लिए चुना गया. वहां भी मुनाफ़ का प्रदर्शन औसत ही रहा. मुनाफ़ लगातार चयनकर्ताओं का भरोसा खोते जा रहे थे.

2010 में जब ज़हीर ख़ान और श्रीसंत चोटिल होने की वजह से श्रीलंका जाने के लिए उपलब्ध नहीं थे तो मुनाफ़ को ख़ुद को साबित करने का एक और मौक़ा मिला. ठीक ऐसा ही 2011 वर्ल्ड कप में भी हुआ. तब प्रवीण कुमार चोटिल हो गए थे तो मुनाफ़ को तीसरे गेंदबाज़ के तौर पर मौक़ा मिल गया. 2011 वर्ल्ड कप में मुनाफ़ ने 11 विकेट चटकाए और टूर्नामेंट में ज़हीर ख़ान और युवराज सिंह के बाद तीसरे सबसे सफल भारतीय गेंदबाज़ रहे. हालांकि मुनाफ़ की यह कामयाबी ज़्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई और कुछ ही महीनों में वो राष्ट्रीय टीम के सभी फ़ॉर्मेट से बाहर कर दिए गए.

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