INDvsENG: क्या टीम इंडिया ओल्ड ट्रैफ़र्ड टेस्ट मैच में बड़ी हार की ओर बढ़ रही है?
ओल्ड ट्रैफ़र्ड टेस्ट में भारत की स्थिति बेहद खराब है. इंग्लैंड ने 300 से ज्यादा रनों की बढ़त ले ली है. भारतीय गेंदबाज़ी की जमकर आलोचना हो रही है. रवि शास्त्री ने इसे 'बकवास' करार दिया. कप्तान शुभमन गिल की रणनीति, गलत रिव्यू और कुलदीप यादव को मौका न देना भी सवालों में है. वहीं, जो रूट ने शतक लगाते हुए टेस्ट में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.;
ओल्ड ट्रैफ़र्ड टेस्ट में भारत के 358 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने 311 रनों की बढ़त ले ली है. चौथे दिन का खेल शुरू होने के बाद इंग्लैंड के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों को बख्शने के मूड में नहीं दिखे और तीसरे दिन की 186 रनों की बढ़त को 300 के पार पहुंचा दिया. तो क्या टीम इंडिया इस मैच में एक बड़ी हार की ओर बढ़ रही है? भारतीय गेंदबाज़ी को पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने कमेंट्री बॉक्स से 'बकवास' तक बता दिया. तब मोहम्मद सिराज की गेंद पर 12वें ओवर में क्राउली ने चौका जड़ा था.
शास्त्री बोले, "भारत की गेंदबाज़ी कंसिस्टेंट नहीं है. कुछ बाउंड्री वाले डिलिवरी को देखिए तो पता चलेगा कि बहुत ही सामान्य गेंदबाज़ी हो रही है, कभी-कभी बकवास भी." इंग्लैंड की पारी में भारतीय गेंदबाज़ों का प्रदर्शन बेहद सामान्य रहा है और इंग्लैंड ने 500 से अधिक रन बना लिए हैं. दुनिया के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में अब तक केवल एक विकेट चटकाए हैं. वहीं मोहम्मद सिराज और डेब्यू करने वाले अंशुल कंबोज को भी एक-एक विकेट ही मिले हैं. जबकि ऑलराउंडर स्पिनर्स रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने दो-दो खिलाड़ियों को आउट किया है.
शुभमन गिल की रणनीति पर सवाल
मजेदार तो यह है कि भारत के कप्तान शुभमन गिल को मैच में वाशिंगटन सुंदर की याद 69 ओवरों का खेल हो जाने के बाद आई. तब तक इंग्लैंड ने दो विकेट पर 312 रन बना लिए थे. ओली पोप 63 रन पर जबकि जो रूट 50 रन बना कर खेल रहे थे. केवल चार ओवर बाद ही सुंदर ने पोप का विकेट झटक लिया और ठीक तीन ओवरों के बाद इंग्लैंड को एक और झटका दिया. गिल की गेंदबाज़ी की रणनीति पर कई सवाल उठाए जा चुके हैं. अब इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट ने वाशिंगटन सुंदर को देर से गेंदबाज़ी के लिए लाने पर भी सवाल पूछा है. उन्होंने कहा, "पिछले मैच में आकाश दीप को और इस मैच में वाशिंगटन सुंदर को इतनी देरी से गेंदबाज़ी के लिए क्यों बुलाया गया. जबकि जडेजा अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे." ट्रॉट ने बुमराह को दूसरे छोर से भरपूर मदद नहीं मिलने को गेंदबाज़ी में भारत के पिछड़ने के अहम कारण बताया है तो उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि जब आप गेंदबाज़ी में थोड़ा कमज़ोर होते हैं, जैसा कि भारत इस मैच में दिखा, तो दोनों छोर से गेंदबाज़ों का नियंत्रण में होना बेहद ज़रूरी होता है."
क्या सोच कर कुलदीप को जगह नहीं दी गई?
भारतीय गेंदबाज़ इस टेस्ट में संघर्ष करते दिख रहे हैं. जसप्रीत बुमराह तक को विकेट नहीं मिल रहे. अंशुल कंबोज अपने डेब्यू मैच में प्रभावहीन रहे तो शार्दुल ठाकुर का चयन तो पहले से ही सवालों में था और उन्होंने मैच में 11 ओवर की अपनी गेंदबाज़ी में 55 रन देकर यह साबित भी किया. कंबोज और शार्दुल ने कुल मिलाकर 29 ओवर की गेंदबाज़ी की, बुमराह ने 28 ओवर किए. उम्मीद थी की वो बुमराह का वर्कलोड कम करेंगे पर उनके बॉलिंग फ़िगर बता रहे हैं कि मैच में दरअसल हुआ क्या?
अंशुल कंबोज की गेंद में नहीं दिखी कोई धार
डेब्यू करने के साथ पहले ओवर से ही अंशुल कंबोज की गेंद में कोई धार नहीं दिख रही, रन तो लुटवाए ही, किसी बल्लेबाज़ को परेशान तक करने की कोई जहमत नहीं उठाई. यह स्पष्ट रूप से साबित हो रहा है कि अगर आप पेपर पर सही टीम नहीं चुनेंगे, मैच में सही कॉम्बिनेशन नहीं उतारेंगे तो सामने वाली टीम के 20 विकेट निकालने में आपको सफलता नहीं मिलेगी. कई वर्षों से ओल्ड ट्रैफ़र्ड की पिच दूसरे तीसरे दिन से ही धीमी हो जाती है और उस पर स्पिनर्स का राज चलता है. यह जानते हुए भी टीम में नियमित स्पिनर कुलदीप यादव को नहीं लिया गया. इस पर भी सवाल उठे. कुलदीप मैच में कमाल ही करते इसकी तो कोई गारंटी नहीं है पर टेस्ट मैच में एक नियमित गेंदबाज़ का खेलना उतना ही अहम होता है जितना एक नियमित बल्लेबाज़ का.
कुलदीप को मौक़ा नहीं मिलने पर क्या बोले बॉलिंग कोच?
पर टीम इंडिया के बॉलिंग कोच मोर्ने मॉर्केल ने तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद कुलदीप को टीम में शामिल नहीं किए जाने पर कहा, "मुझे लगता है कि जब वो टीम में आते तो हमें बल्लेबाज़ी में संतुलन बनाने पर ध्यान देना होता. हम पहले भी देख चुके हैं कि कैसे हमने मैच के दौरान अचानक एकसाथ ढेरों विकेट गंवाए हैं. कुलदीप विश्वस्तरीय गेंदबाज़ हैं और इस समय वाकई अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे हैं, लिहाजा हम उन्हें मैच में उतारने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से बल्लेबाज़ी का संतुलन बनाना कुछ मुश्किल होता इसलिए उन्हें यहां मौक़ा नहीं मिल सका."
रिव्यू लेने में दोनों बार चूके गिल
एक ओर गेंदबाज़ विकेट निकालने में नाकाम हो रहे थे तो दूसरी ओर कप्तान भी मैदान में ग़लत निर्णय ले रहे थे. शुभमन गिल न केवल बल्ले से पिछली तीन पारियों में नाकाम रहे हैं बल्कि इस दौरान मैदान में निर्णय लेने की उनकी क्षमता भी धारदार नहीं दिखी है. इस टेस्ट मैच में ही उन्होंने दो बार ग़लत रिव्यू लिया और दोनों मौक़े गंवाए हैं. जब सिराज की गेंद पर बल्लेबाज़ को अंपायर ने एलबीडब्ल्यू आउट नहीं दिया तो शुभमन ने रिव्यू का फ़ैसला लिया, जबकि स्टंप्स के माइक पर यह सुना गया कि केएल राहुल उन्हें बता रहे थे कि गेंद ऊंची है पर उन्होंने सिराज के कहे अनुसार रिव्यू ले लिया जो कि उनका ग़लत फ़ैसला साबित हुआ.
एक दशक बाद पारी में 500 रन बनने दिए
ओल्ड ट्रैफ़र्ड टेस्ट में टीम इंडिया के गेंदबाज़ों का लचर प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा. गेंदबाज़ी इस कदर बिखरी हुई थी कि पिछले एक दशक का रिकॉर्ड भी पीछे छूट गया. पिछले एक दशक से अधिक समय के दौरान टीम इंडिया ने एशिया या वेस्टइंडीज़ को छोड़ कर कहीं भी किसी टेस्ट की एक पारी में 500 से अधिक रन नहीं लुटवाए हैं, हालांकि अब यह रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ़्रीका के मैदान कभी भारतीय गेंदबाज़ों के लिए भी कठिन हुआ करते थे लेकिन पिछले एक से अधिक दशक के दौरान हमारे गेंदबाज़ों ने वहां 500 रन नहीं लुटवाए थे. जबकि उसके ठीक कुछ वर्षों पहले तक यह रिकॉर्ड 16 बार दोहराया गया था.
जो रूट बने टेस्ट में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़
मैच के तीसरे दिन की सबसे बड़ी उपलब्धि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ जो रूट के लिए रही. जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना 38वां शतक जड़ा और इस दरम्यान राहुल द्रविड़, जैक कैलिस और रिकी पोंटिंग को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन गए. टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है. दाएं हाथ के बल्लेबाज़ जो रूट ने इंग्लैंड की पहली पारी में 150 रन बनाए और सचिन तेंदुलकर के सर्वाधिक स्कोर से महज़ 2500 रन पीछे हैं.