पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था साजिद जट्ट, NIA की 1597 पेज की चार्जशीट में कौन हैं सातों आरोपी?
पहलगाम आतंकी हमले पर एनआईए की 1597 पेज की चार्जशीट ने पाकिस्तान की साजिश को बेनकाब कर दिया है. चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी हैंडलर साजिद जट्ट को हमले का मास्टरमाइंड बताया गया है. आईएसआई-लश्कर की ज्वाइंट प्लानिंग, टीआरएफ की भूमिका, सात आरोपियों के नाम और हमले से जुड़े डिजिटल व तकनीकी सबूत भी सामने आए हैं. यह रिपोर्ट पूरे आतंकी नेटवर्क की परतें खोलती है.;
पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक दिन की हिंसा नहीं था, बल्कि महीनों तक रची गई उस साजिश का नतीजा था, जिसका मकसद कश्मीर की शांति, पर्यटन और सामाजिक ताने-बाने को निशाना बनाना था. 22 अप्रैल को हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया, जब हथियारबंद आतंकियों ने पर्यटकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया और घाटी को एक बार फिर खून से लाल कर दिया.
करीब आठ महीने बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 1597 पन्नों की चार्जशीट इस हमले की परत-दर-परत कहानी खोलती है. यह चार्जशीट सिर्फ आरोप नहीं है, बल्कि पाकिस्तान से रची गई उस आतंकी प्लानिंग का दस्तावेज है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, उसका फ्रंट संगठन टीआरएफ और आईएसआई की भूमिका को सिलसिलेवार तरीके से सामने रखा गया है.
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कौन है साजिद जट्ट?
चार्जशीट के मुताबिक साजिद जट्ट लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात पाकिस्तानी हैंडलर और कमांडर है. वह पाकिस्तान में बैठकर कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ के ऑपरेशंस को नियंत्रित करता था. एनआईए ने उसे पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है, जिसकी भूमिका प्लानिंग से लेकर आतंकियों को निर्देश देने और हमले के बाद डिजिटल प्रोपेगेंडा तक फैली हुई थी. साजिद जट्ट इससे पहले भी कई आतंकी मामलों में नामजद रह चुका है, यहां तक कि 26/11 मुंबई हमलों की चार्जशीट में भी उसका नाम सामने आया था.
आईएसआई-लश्कर की ज्वाइंट प्लानिंग
एनआईए के अनुसार यह हमला 26/11 की तर्ज पर आईएसआई और लश्कर की साझा साजिश का हिस्सा था. आईएसआई ने साफ निर्देश दिए थे कि हमले में सिर्फ विदेशी यानी पाकिस्तानी आतंकवादियों का इस्तेमाल किया जाए, ताकि किसी स्थानीय कश्मीरी की संलिप्तता सामने न आए और पाकिस्तान की भूमिका पर शक कम हो. इसी रणनीति के तहत आतंकियों को सीमा पार से भेजा गया और टारगेट के तौर पर पर्यटकों को चुना गया.
सातों आरोपी कौन-कौन?
चार्जशीट में कुल सात आरोपियों को नामजद किया गया है. इनमें पाकिस्तानी हैंडलर साजिद जट्ट के अलावा तीन मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी शामिल हैं. ये तीनों जुलाई में श्रीनगर के डाचीगाम फॉरेस्ट में ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए थे. इनके अलावा दो स्थानीय आरोपी परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार को आतंकियों को पनाह और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
स्थानीय मदद का नेटवर्क
एनआईए की जांच में सामने आया कि परवेज और बशीर ने आतंकियों को ठहरने की जगह, रास्तों की जानकारी और जरूरी संसाधन मुहैया कराए. पूछताछ के दौरान दोनों ने हमले में शामिल तीनों आतंकियों की पहचान उजागर की और यह भी स्वीकार किया कि वे प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे. इससे यह साफ हुआ कि सीमा पार से आए आतंकियों को स्थानीय स्तर पर मदद दी जा रही थी.
चार्जशीट में और क्या-क्या?
1597 पेज की चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा को पहली बार एक लीगल एंटिटी के तौर पर आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता, आर्म्स एक्ट 1969 और यूएपीए 1967 के तहत धाराएं लगाई गई हैं. एनआईए ने इस मामले को भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के रूप में दर्ज किया है, जो सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है.
पाकिस्तान की भूमिका साबित करने वाले सबूत
जांच एजेंसी ने पाकिस्तान की संलिप्तता साबित करने के लिए कई अहम सबूत पेश किए हैं. डाचीगाम एनकाउंटर साइट से बरामद दो एंड्रॉइड फोन पाकिस्तान से खरीदे गए थे. टीआरएफ के डिजिटल प्लेटफॉर्म से जारी जिम्मेदारी लेने और बाद में इनकार करने वाले मैसेज को ट्रेस कर पाकिस्तान तक जोड़ा गया. एनआईए के मुताबिक साजिद जट्ट लगातार पाकिस्तान से आतंकियों को निर्देश दे रहा था और हमले के हर चरण में उसकी केंद्रीय भूमिका थी.
हमले का क्या था मकसद?
एनआईए का कहना है कि यह हमला कश्मीर में शांति प्रक्रिया और पर्यटन को पटरी से उतारने की बड़ी साजिश का हिस्सा था. इस हमले में 25 हिंदू पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की जान गई. इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सख्त कार्रवाई की. चार्जशीट साफ करती है कि पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि सीमा पार से प्रायोजित आतंक की सोची-समझी रणनीति थी, जिसका चेहरा साजिद जट्ट जैसे हैंडलरों के जरिए सामने आया है.