EXCLUSIVE: ऑपरेशन सिंदूर का असर, बौखलाई ISI अपने 'बूढ़े-बेकार' आतंकवादी खुद निपटाने पर उतरी, चौकन्नी है RAW!
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात "ऑपरेशन सिंदूर" चलाकर पाकिस्तानी सैन्य और आतंकी ठिकानों को तबाह किया. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वी.के. चतुर्वेदी ने बताया कि इस ऑपरेशन में कई बड़े आतंकी मारे गए. पाकिस्तान की फौज और ISI बौखला गई हैं और अब खुद ही अपने पुराने आतंकवादियों को मार रही हैं. वे बदनामी से बचने के लिए रॉ (RAW) का नाम लेती हैं, जबकि असलियत में रॉ का ध्यान बड़े अंतरराष्ट्रीय मिशनों पर है.;
“पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी (Pahalgam Baisaran Velly Terror Attack) हमले का भूत, पाकिस्तान (Pakistan) के सिर से उतरने को राजी नहीं है. सुनने में आ रहा है कि भारतीय फौजों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के जरिए 6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद महज 25 मिनट के अंदर, पाकिस्तानी सैन्य और आतंकवादी अड्डों पर भारतीय फौजों द्वारा ढहाए गए कहर की ‘कराहट’ पाकिस्तानी फौज (Pakistan Army) पाकिस्तान हुकूमत (Pakistan Government) और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई (Pakistan Intelligence Agency ISI) के मुंह से अभी भी सुनाई दे रही है.
उनकी बौखलाहट का ही नतीजा है कि अब वे सब (पाकिस्तानी फौज-आईएसआई) मिलकर, अपने ही पाले हुए मगर अब, बूढ़े-बेकार हो चुके आतंकवादियों को ‘निपटाने’ में जुटे हैं. ऐसे में भारतीय खुफिया और सैन्य एजेंसियों को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है.”
पहलगाम का हिसाब होना अभी बाकी है
यह तमाम बेबाक और अंदर की बातें बताई हैं, भारतीय थलसेना (Indian Army) के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी (Lieutenant General Retried VK Chaturvedi) ने. पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल रविवार को स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इनवेस्टीगेशन) संजीव चौहान से एक्सक्लूसिव बात कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “पहलगाम में निर्दोंषों का धर्म पूछकर कत्ल कराने की ऐसी गलती पाकिस्तान ने कर डाली है, जिसका खामियाजा उसे और उसकी आने वाली पुश्तों को भी भुगतना पड़ेगा. पहलगाम का हिसाब सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर से तबाह पाकिस्तान के सैन्य और आतंकवादी अड्डों तक से ही पूरा न समझ लिया जाए.”
ऑपरेशन सिंदूर में कई बड़े आतंकवादी ढेर!
सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए भीषण युद्ध के दौरान महज 20-21 साल की उम्र में पाकिस्तानी फौज के ऊपर तोपों से गोले बरसाने जा पहुंचने वाले वीके चतुर्वेदी ने, विशेष बातचीत के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह के चक्रव्यूह की रचना भारतीय फौजों ने की है, उसमें पाकिस्तानी फौज और उसकी इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के पाले-पोसे हुए आतंकवादियों के बड़े नाम ढेर हो चुके हैं. मुश्किल यह है कि उन बड़े नामों का खुलासा वह (पाकिस्तान) खुद करके अपनी दुनिया में बेइज्जती क्यों कराएगा? और भारतीय फौजों को उनके नाम पूछने की जरूरत इसलिए नहीं है कि, वे तो 6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद 23 से 25 मिनट के अंदर पाकिस्तानी आतंकवादी अड्डों पर 100 प्रतिशत कहर ढहाए हुए बैठी ही हैं.”
पाकिस्तानी फौज और ISI बौखला गई
भारतीय थलसेना के तोपखाने में ही लेफ्टिनेंट जनरल तक की करीब 40 साल सेवा दे चुके वीके चतुर्वेदी ने एक सवाल के जवाब में बताया, “ऑपरेशन सिंदूर की मार ने पाकिस्तान सरकार, वहां की बिकाऊ मक्कार फौज और खुद ही आतंकवादी तैयार करने वाली उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को बौखला दिया है. भारत से पड़ी जबरदस्त मार का जवाब तो देने की उनकी औकात नहीं थी. ऊपर से ऑपरेशन सिंदूर ने भी पाकिस्तान के सैन्य और आतंकवादी अड्डों को तबाह करके, अरबो-खरबों का नुकसान पहुंचा दिया है.”
इसलिए ISI खुद मार रही है अपने आतंकवादी...
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने ही पाले-पोसे आतंकवादियों को भला खुद क्यों गोलियों से उड़ाएगी? पूछने पर रिटायर्ड लेफ्टीनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में हुई अपनी तबाही देखने के बाद से ही, पाकिस्तान को डर है कि जिंदा बच गए आतंकवादी आइंदा कहीं अपनी और बड़ी डिमांड्स सामने रखकर, अपना खर्चा-पानी उससे (पाकिस्तानी फौज और आईएसआई) न मांगने लग जाएं. इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने बूढ़े-बीमार-बेकार हो चुके, कल के खूंखार आतंकवादियों को आज के बदतर हुए हालातों में, खुद ही निपटाने में जुट गई है. इसका हालिया उदाहरण बीते सप्ताह ही मिला है. जब एक आतंकवादी को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार डाला गया. जबकि उसके कुछ दिन बाद ही दूसरा आतंकवादी गंभीर हालत में जख्मी होकर, अस्पताल में पड़ा जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है.”
RAW का नाम ISI अपनी खाल बचाने को लेती
अक्सर जब-जब पाकिस्तान में कोई आतंकवादी मारा जाता है तब-तब, पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई, उस आतंकवादी के कत्ल का ठीकरा, भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के सिर फोड़ती है. यह कहते हुए कि रॉ पाकिस्तान में अस्थिरता लाने पर उतारू है. रॉ ही पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके आतंकवादियों को गोलियों से भुनवा रही है. ऐसा क्यों? पूछने पर भारतीय थलसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल बोले, “पाकिस्तान, उसकी फौज और आईएसआई सब झूठे मक्कार और चोर-उचक्कों का कुनबा है. सब चोर-चोर मौसेरे भाई हैं. खुद ही अपने बेकार बूढ़े हो चुके आतंकवादियों को मार डालते हैं. ताकि उनके खाने-खर्चे की जिम्मेदारी के बोझ से बचा जा सके.
RAW के पास क्या कोई और काम नहीं है....?
और नाम हमारी इंटलीजेंस एजेंसी रॉ का लगा देते हैं. जरा सोचिए कि रॉ का काम क्या पाकिस्तान से टुच्चे देश में उसके भाड़े के टटपुंजियां आतंकवादियों को ही मरवाने भर का रह गया है. रॉ के लिए क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खुफिया सुरक्षा मजबूत करने का कोई जिम्मा नहीं बचा है? रॉ के पास इतना वक्त नहीं है कि वह औने-बौने भाड़े के आतंकवादियों को निपटाने में अपना वक्त-श्रम और धन बर्बाद करे. रॉ के पास और भी बहुत सी जिम्मेदारियां हैं. आईएसआई खुद को अपने आतंकवादियों की नजरों में गिरने से बचाने के लिए, हमेशा RAW का नाम लेकर किनारा कर जाती है.
RAW और IB को मश्विरा देना सही नहीं
हालांकि आईएसआई का यह तमाशा-झूठ ज्यादा दिन नहीं चलेगा. क्योंकि अब ऑपरेशन सिंदूर से तबाह हुए पाकिस्तानी आतंकवादियों की सोच में भी, अपनी मक्कार फौज और इंटेलीजेंस एजेंसी ISI का चेहरा उजागर होता जा रहा है. हां, इतना जरूर है कि ऑपरेशन सिंदूर से ही हमारी खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) और आईबी (IB) बेहद चौकन्नी हो गई होंगी. वे चौकन्नी हो जाएं, अपनी खुफिया एजेंसियों को यह मश्विरा देना मुझे शोभा नहीं देता है. क्यों भारत की यह दोनो ही आंतरिक-वाह्य खुफिया एजेंसियां बेहद भरोसेमंद हैं.”