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Explainer: शहबाज शरीफ ने क्या अपनी जिंदगी बचाने की उम्मीद में मक्कार मुनीर को गिफ्ट में ‘फील्ड-मार्शल’ बनाया?

भारत के ऑपरेशन सिंदूर से तबाह पाकिस्तान ने अपने नाकाम आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को बर्खास्त करने के बजाय ‘फील्ड मार्शल’ पद पर प्रमोट कर सबको चौंका दिया है. जान बचाने की जुगत में शहबाज शरीफ ने मुनीर को इनाम दिया, जबकि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सेना और हुकूमत की कमर तोड़ दी है. जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति, फौज और सरकार के बीच का गणित अब पूरी तरह बिगड़ चुका है और भविष्य में देश और भी बर्बादी झेलेगा.

Explainer: शहबाज शरीफ ने क्या अपनी जिंदगी बचाने की उम्मीद में मक्कार मुनीर को गिफ्ट में ‘फील्ड-मार्शल’ बनाया?
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 24 May 2025 4:33 PM IST

क्या आपने दुनिया में ऐसा देश अब से पहले कभी कहीं सुना-देखा है जो, अपने देश में लाशों के ढेर लगवाने और अपनी फौज को बर्बाद-तबाह करा डालने वाले अपने आर्मी-चीफ को ‘इनाम-इकराम’ से नवाजता हो! नहीं सुना है तो स्टेट मिरर हिंदी आज आपको ऐसे ही एक अजीब-ओ-गरीब देश के बारे में बताने जा रहा है. जिसने अपने देश में लाशों के ढेर लगवाने और दुश्मन देश की सेना से अपनी सेना की तबाही करवा डालने वाले अपने सेना-प्रमुख को इनाम में ‘प्रमोशन’ देकर दुनिया को ‘सकते’ में डाल दिया है. उसे उसकी बेवकूफाना हरकतों के चलते देश के सेना-प्रमुख से भी पड़े पद यानी ‘फील्ड-मार्शल’ पर पदोन्नत करके.

यह कंगला-भिखारी कहिए या फिर चीन और अमेरिका व तुर्की का ‘पिट्ठू-देश’ और भारत का दुश्मन नंबर-1 पड़ोसी पाकिस्तान. भारत के ऑपरेशन सिंदूर (ऑपरेशन सिंदूर) में जिस पाकिस्तान की हुई तबाही के निशां अभी मिटे भी नहीं हैं. भारत की फौजों से मार खाए पाकिस्तानी हुक्मराम, आतंकवादी और उसकी फौज, अभी पूरी तरह से मातम भी नहीं मना सके हैं. लाशों के ढेर अभी-अभी कब्रिस्तानों में सुपुर्दे-खाक ही हो सके हैं. भारत की मार से बुरी तरह ज़ख्मी लोग (आतंकवादी) अधमरी हालत में, पाकिस्तान के अस्पतालों में ज़ख्मों पर लगाने को मरहम के लिए बिलबिला रहे हैं. इस सबके लिए जिम्मेदार अपनी सेना के मक्कार जनरल आसिम मुनीर (General Field Marshal Asim Munir) को बजाए बर्खास्त करके गिरफ्तार करने के. धूर्त पाकिस्तान ने प्रमोशन देकर ‘फील्ड-मार्शल’ पद पर पदोन्नत कर दिया है. आखिर क्यों? आइए जानते है स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम-इनवेस्टीगेशन) के हाथ लगी इस इनसाइड स्टोरी से.

ऑपरेशन सिंदूर की तपिश अब जलाएगी

भारतीय थलसेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी कहते हैं कि, “ऑपरेशन सिंदूर भले ही 6-7 मई 2025 की रात आधे घंटे या 25 मिनट का क्यों न रहा हो. ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में हुई तबाही और वहां आतंकवादियों की लाशों के लगे ढेर, आतंकवादियों के अड्डों के मलबों के ढेरों की डरावनी तस्वीरें, पाकिस्तानी फौज और वहां की हुकूमत की आने वाली पीढ़ियों को भी चैन से नहीं सोने देंगी. भारतीय फौजों ने तो आतंकवादी अड्डों को तबाह करने का काम कर दिया. अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद वहां हुई तबाही का खामियाजा तो, पाकिस्तान की सरकार और वहां की फौज को भुगतना है. जिसका भुगतान दो चार महीने या दो चार साल में भी नहीं हो सकेगा. ऐसे में पाकस्तानी आर्मी और वहां की सरकार में सीधा टकरवा होना तय है. यह टकराव ही तो है ऑपरेशन सिंदूर के बाद की तपिश का असर.

मुनीर को फोकट में ‘फील्ड मार्शल’ नहीं बनाया

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी कहते हैं, ''मुझे उम्मीद थी कि पाकिस्तान की सरकार ऑपरेशन सिंदूर से मिली दुर्गति-तबाही के बाद, हर हाल में अपने ना-काबिल मिलिट्री चीफ जनरल आसिम मुनीर को गिरफ्तार करके बर्खास्त करेगी और फिर उसे जेल में डाल देगी. हुआ मेरी सोच के एकदम उल्टा है. आसिम मुनीर की बर्खास्तगी-गिरफ्तारी के बजाए उसे, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गिफ्ट में प्रमोशन देकर ‘फील्ड मार्शल’ बना डाला है. पाकिस्तानी फौज और उसके पिछले जनरलों के काले-इतिहास प नजर डालने से तो अब मुझे, ऐसी बू आ रही है कि जनरल मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ही जान के लाले न डाल दिए हों. और अपनी जिंदगी सुरक्षित करने के लिए, लाख न चाहते हुए भी शहबाज शरीफ, मक्कार मुनीर को सेना के जनरल से फील्ड मार्शल बनाने को मजबूर हुए हों. क्योंकि पाकिस्तान में यह हमेशा देखा जाता रहा है कि, या तो सेना प्रमुख मारा जाता है. या फिर सेना की खिलाफत करने वाला वहां का प्रधानमंत्री मारा जाता है, या गिरफ्तार करके इन दोनों में से किसी न किसी एक को दूसरा ताकतवर साबित होने वाला जेल में ठूंस देता है. जैसे कि जनरल जिया-उल ह़क, प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो का कत्ल देख लीजिए. और हाल-फिलहाल के लिए सेना से सीधे-सीधे टकराने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में बदतर हालत देख लीजिए.”

ऑपरेशन सिंदूर ने PAK का ‘गणित’ गड़बड़ाया

अमेरिका में मौजूद भारतीय थलसेना के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी कहते है, “बाहर भले ही चीन और अमेरिका-तुर्की के बलबूते पाकिस्तान कूदता-फांदता दिखाई दे रहा हो. अंदर का सच यह है कि भारतीय फौजों के ऑपरेशन-सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकवादियों की लाशों के ढेर लगा दिए हैं. पाकिस्तानी फौज के ऊपर कालों का काल महाकाल बनकर जो भारतीय सेना ने कहर बरपाया है. उसने पाकिस्तान की आर्थिक, सैन्य स्तर पर कमर तोड़ कर उसे बर्बाद-तबाह कर डाला है. समझिए कि ऑपरेशन सिंदूर की तबाही ने पाकिस्तानी फौज और उसकी पिछलग्गू हुकूमत की हालत खराब कर दी है.

PAK फौज और हुकूमत में जूतम-पैजार

अपनी बात जारी रखते हुए रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी आगे बोले, “ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को जिस हद का नुकसान पहुंचाया होगा, वह सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तानी फौज व उसकी हुकूमत जानती है. ऑपरेशन सिंदूर की मार पाकिस्तान पर ऐसी पड़ी है कि, जिसका दर्द भी पाकिस्तान बयान नहीं कर सकता है. अगर मैं यह कहूं कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान आर्मी और, वहां की सरकार के बीच का गणित बुरी तरह से गड़बड़ा दिया है, तो मैं गलत नहीं हूं. और इस गणित के गड़बड़ाने से ही वहां की हुकूमत और फौज हड़बड़ाई हुई है. दोनों अपनी-अपनी खाल बचाने की जुगत में जुटे हैं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि दूसरों के टुकड़ों पर पलने वाले पाकिस्तान की हुकूमत और, वहां की भाड़े की फौज के बीच ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के तुरंत बाद से ही जूतम-पैजार शुरू हो चुकी होगी.”

शहबाज शरीफ, इमरान खान सी दुर्दशा नहीं चाहते

पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर से हुई तबाही-बर्बादी के बावजूद वहां के सेना प्रमुख जनरल (अब फील्ड मार्शल) आसिम मुनीर को न गिरफ्तार किया गया, न ही उसे बर्खास्त किया गया. दंड देने के बजाए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट ने उसे गिफ्ट में प्रमोशन देकर जनरल से ‘फील्ड मार्शल’ जैसे और भी ज्यादा ऊंचे पद पर बैठा दिया? इस सवाल के जवाब के लिए स्टेट मिरर हिंदी ने इस बारे में बात की भारत के पूर्व वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट (भारतीय विदेश सेवा Indian Foreign Service) अशोक सज्जनहार (Ex IFS Ashok Sajjanhar) से. अशोक सज्जनहार लंबे समय तक स्वीडन, लातविया और कजाकिस्तान में भारत के राजदूत रह चुके हैं.

भारत के पूर्व और अनुभवी ब्यूरोक्रेट अशोक सज्जनहार बोले, “भारत द्वारा पाकिस्तान को ऑपेरशन सिंदूर के जरिए दिया गया सबक, पाकिस्तान के लिए आने वाले वक्त में राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय, विदेश-नीति, सामरिक, कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक नजरिए से बेहद घातक साबित होगा. अभी तो पाकिस्तान की बर्बादी शुरू भर हुई है. आगे-आगे ऑपरेशन सिंदूर की आग में अभी पाकिस्तान आइंदा बहुत लंबे वक्त तक झुलसेगा.

शहबाज शरीफ ने फिलहाल गर्दन बचा ली

जनरल आसिम मुनीर को गिरफ्तार-बर्खास्त करने की बजाए उसे प्रमोट करके, फील्ड मार्शल बना डालने जैसे तो, अभी पाकिस्तानी हुकूमत और भी कई गलत फैसले लेगी. यह सब हड़बड़ाहट में हो रहा है. पाकिस्तान में हमेशा वहां की हुकूमत पर उसकी मिलिट्री राज करती है. जो प्रधानमंत्री विरोध करता है, उसका हाल पाकिस्तानी सेना इमरान खान का सा करती है. यह बात मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी पता है. लिहाजा मैं अपने निजी अनुभव से कह सकता हूं कि, लाख न चाहते हुए भी अपनी जान बचाने को, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुनीर को दंडित करने के बजाए उसे प्रमोशन देकर हाल-फिलहाल तो अपनी गर्दन बचा ही ली है.”

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