कौन हैं बंकिम ब्रह्मभट जिसने अमेरिका की दिग्गज कंपनी ब्लैकरॉक को लगाया हजारों करोड़ का चूना? जानें घोटाले का पूरा खेल

BlackRock Loan Fraud: अमेरिकी के ब्‍लैकरॉक लोन घोटाले का आरोपी बंकिम ब्रह्मभट्ट इन दिनों दुनियाभर में सुर्खियों में हैं. जिस समय घोटाले का पर्दाफाश उस समय से वह अमेरिका में नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि इस समय वो भारत में हैं. इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ जब HPS के कर्मचारी जब न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी स्थित ब्रह्मभट्ट के ऑफिस पहुंचे वहां ताला लटक रहा था.;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 1 Nov 2025 5:43 PM IST

BlackRock Loan Fraud: अमेरिका में पिछले कुछ दिनों से ब्लैकरॉक लोन घोटाला चर्चा हैं. इस घोटाले के आरोपी भारतीय मूल के बंकिम ब्रह्मभट्ट है. उन पर अमेरिका में 4300 करोड़ रुपये से ज्यादे के घोटाले का आरोप लगा है. अमेरिकी मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक की प्राइवेट-क्रेडिट इन्वेस्टिंग ब्रांच और दूसरे लेंडर्स इस रकम को वसूलने की कोशिश में लगे हैं. वहीं, बंकिम ब्रह्मभट्ट ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत करार दिया है. लेंडर्स ने उन पर अकाउंट्स रिसीवेबल में हेरफेर करने का आरोप लगाया है, जिन्हें लोन कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था. अमेरिका में इस घोटाले को अविश्वसनीय बताया जा रहा है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऋणदाताओं ने उन पर खातों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है, जिनका उपयोग ऋण के रूप में किया जाना था.

 बंकिम ब्रह्मभट्ट कौन हैं?

बैंकिम ब्रह्मभट्ट एक भारतीय मूल के उद्यमी हैं, जो अमेरिका में टेलीकॉम-सेवा तथा फाइनेंसिंग कंपनियों के समूह 'Bankai Group' के अध्यक्ष और सीईओ बताए हैं. वह ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस के मालिक हैं, जो वैश्विक दूरसंचार सेवा क्षेत्र की दो कम-ज्ञात कंपनियां हैं. दोनों कंपनी ग्लोबल टेलीकॉम-सर्विस सेक्टर की कम जानी-मानी कंपनियां हैं. इंटरनेट पर बंकिम ब्रह्मभट्ट के बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. लिंक्डइन पर उनकी जो प्रोफाइल थी उसे डिलीट कर दिया गया है.

बंकिम ब्रह्मभट्ट ने दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक (BlackRock) के साथ अमेरिका में $500 मिलियन से अधिक की जालसाजी और धोखाधड़ी किया है. ब्रह्मभट की कं​पनियों की बात की जाए तो दोनों कंपनियां बैंकाई ग्रुप की हैं, जिसने जुलाई के एक एक्स पोस्ट में बंकिम ब्रह्मभट्ट को प्रेसिडेंट और सीईओ बताया था.

बैंकाई ग्रुप के एक्स बायो में इसे टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री में दुनिया भर में जाना-माना लीडर बताया गया है, जो टेल्को, ऑपरेटर्स और दूसरी कंपनियों के साथ टेलीकॉम टेक्नोलॉजी और कैरियर बिजनेस में अपनी जगह बनाए हुए है.

कनेक्टिविटी सॉल्यूशन देती हैं भट की कंपनियां

बंकिम ब्रह्मभट्ट का बिजनेस दुनिया भर के दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटरों को इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी सॉल्यूशन देता है. वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिनों पहले तक ब्रह्मभट्ट अपने ऑफिस न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में थे.

HPS को ब्लैकरॉक ने खरीद लिया था

लेंडर्स के मुताबिक उन्होंने फाइनेंसिंग व्हीकल्स का एक नेटवर्क बनाया, जिसमें कैरिओक्स कैपिटल और बीबी कैपिटल एसपीवी शामिल हैं. इसने ब्लैकरॉक के एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स के नेतृत्व में प्राइवेट-क्रेडिट इन्वेस्टर्स से करोड़ों डॉलर उधार लिए. एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स एक प्राइवेट-क्रेडिट कंपनी है, जिसे हाल ही में ब्लैकरॉक ने खरीद लिया है.

नकली रिसीवेबल्स इस्तेमाल करने का आरोप

लोन देने वालों ने उन पर कस्टमर इनवॉइस बनाने और उन नकली रिसीवेबल्स को 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा के लोन के लिए कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. ब्रह्मभट्ट के वकील ने इन आरोपों को गलत बताया है.

भारत और मॉरिशस में संपत्ति ट्रांसफर

लेंडर्स के मुताबिक उन्होंने अपनी संपत्तियां भारत और मॉरीशस में स्थानांतरित कर दीं, जबकि उनकी कंपनियों और उन्होंने स्वयं ने दिवालियापन के लिए आवेदन किया है. उनके वकील ने धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया है.

अब कहां हैं बंकिम ब्रह्मभट्ट?

WSJ की रिपोर्ट के अनुसार ब्रह्मभट के जानकारों का कहना है कि ब्रह्मभट्ट इस समय भारत में हैं. एचपीएस में काम करने वाले एक व्यक्ति ने कथित तौर पर जुलाई में ब्रह्मभट्ट की कंपनियों के गार्डन सिटी कार्यालयों का दौरा किया और उसे बंद पाया. एक पड़ोसी किरायेदार ने कहा कि उसने हाल ही में किसी को उस जगह में आते नहीं देखा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मभट्ट के निवास के रूप में सूचीबद्ध एक घर में कई लग्जरी कारें जिनमें दो बीएमडब्ल्यू, एक पोर्श, एक टेस्ला और एक ऑडी धूल से सने एक पैकेट के पास ड्राइववे में खड़ी थीं. ऋणदाताओं का दावा है कि उनकी जांच से पता चला है कि पिछले दो वर्षों में भेजे गए प्रत्येक ग्राहक ईमेल फर्जी थे. साथ ही 2018 के फर्जी ग्राहक अनुबंध भी थे.

अगस्त में दिवालियापन के लिए किया था आवेदन

ब्रह्मभट्ट की दूरसंचार कंपनियों ने अगस्त में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था. पिछले सप्ताह कैरिओक्स कैपिटल II और बीबी कैपिटल एसपीवी ने भी इसमें शामिल हो गए. ब्रह्मभट्ट ने स्वयं 12 अगस्त को व्यक्तिगत दिवालियापन के लिए आवेदन किया था, उसी दिन उनकी कंपनियां अध्याय 11 में प्रवेश कर गईं.

क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?

इस घोटाले से साफ हो गया है कि प्राइवेट-क्रेडिट मार्केट में जोखिम कैसे बड़े पैमाने पर हो सकते हैं. खासकर जब कोलैटरल की जांच ठीक से नहीं हो. इससे यह सबक मिलता है कि ऑडिट-चेक, कस्टमर वेरिफिकेशन और ट्रांसपेरेंसी कितनी अहम है. यह भारतीय मूल के एक उद्यमी और अमेरिकी बड़ी निवेश फर्मों के बीच की जटिलताओं को भी उजागर करता है, जिससे ग्लोबल फाइनेंस नेटवर्क की कमियां सामने आई हैं.

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