आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में वेंकटेश्वर मंदिर में क्यों और कैसे मची भगदड़? अब तक 10 लोगों की मौत, कई घायल- 10 बड़ी बातें
एकादशी के मौके पर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. घटना उस समय हुई जब श्रद्धालु एक ही गेट से प्रवेश और निकास कर रहे थे, जबकि मंदिर परिसर अभी निर्माणाधीन था और आयोजकों ने प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक जताते हुए घायलों के इलाज और मुआवजा देने का निर्देश दिया.
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया। एकादशी के अवसर पर वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भारी भीड़ जुटने से भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
दुर्घटना उस समय हुई जब श्रद्धालु एक साथ मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए आगे बढ़े और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पूरी तरह टूट गई. अधिकारियों के मुताबिक, एकादशी के मौके पर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए, जिससे भगदड़ मच गई. श्रद्धालुओं के एक साथ आगे बढ़ने से कई लोग बेहोश हो गए.
वेंकटेश्वर स्वामी भगदड़ मामले में कैसे मची भगदड़? 10 बड़ी बातें
- अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर में एक ही प्रवेश और निकास द्वार होने के कारण दबाव बढ़ा और लोग गिरने लगे. कुछ ही सेकंड में अफरा-तफरी फैल गई और कई लोग बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े.
- स्थानीय प्रशासन ने बताया कि घायलों को तुरंत नज़दीकी अस्पताल पहुंचाया गया है और कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
- जांच में सामने आया है कि यह मंदिर निजी प्रबंधन के तहत संचालित होता है और राज्य एंडोमेंट विभाग में पंजीकृत नहीं है.
- कार्यक्रम आयोजकों ने किसी भी प्रकार की सरकारी अनुमति नहीं ली थी और न ही प्रशासन को बड़े पैमाने पर भीड़ जुटने की सूचना दी थी.
- हैरानी की बात यह भी है कि जिस क्षेत्र में श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे, वह हिस्सा अभी निर्माणाधीन था.
- मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने इसे 'बेहद हृदयविदारक' बताते हुए अधिकारियों को घायलों को तुरंत और उचित इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
- राज्य सरकार ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को पीएम राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
- आंध्र प्रदेश के राज्य मंत्री नारा लोकेश ने भी संवेदना जताई और कहा कि पीड़ितों को तुरंत सहायता प्रदान की जा रही है.
- पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि चंद्रबाबू नायडू प्रशासन पूरी तरह लापरवाह है. उचित इंतज़ाम नहीं किए गए.
अब आगे क्या?
घटना के बाद इलाके में पुलिस और प्रशासन सतर्क है. प्रारंभिक जांच के आधार पर आयोजकों की लापरवाही और बुनियादी सुरक्षा प्रबंधों की कमी को घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है. फिलहाल घायल श्रद्धालुओं का इलाज जारी है. प्रशासन भीड़ प्रबंधन और आयोजन सुरक्षा के मानकों की समीक्षा कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो.





