आंध्र प्रदेश: वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर काशीबुग्गा में एकादशी के दिन भगदड़, अबतक 9 लोगों की मौत; देखें हादसे का Video
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के दिन भगदड़ मचने से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं. भीड़ बढ़ने पर प्रशासन नियंत्रण खो बैठा और रेलिंग टूटने के बाद लोग एक-दूसरे पर गिरते गए. घायलों में कई की हालत गंभीर है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर शोक जताते हुए राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए हैं.
देश में भीड़ सिर्फ उत्सव नहीं लाती, कई बार मौत भी साथ ले आती है. आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में मौजूद काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एक धार्मिक अवसर ने त्रासदी का रूप ले लिया, जब भक्ति की भीड़ भगदड़ में बदल गई. मंदिर प्रांगण में लोगों की चीखें, टूटी चप्पलें और शव. यह तस्वीर किसी हादसे नहीं, बल्कि लापरवाही की गवाही देती है.
हर त्योहार के साथ भीड़ जुटती है, लेकिन भीड़ को संभालने की व्यवस्था कब बनेगी? सिनेमा हॉल हों, स्टेडियम हों या मंदिर. भारत में भीड़ प्रबंधन मानो किस्मत के भरोसे छोड़ दिया जाता है. और फिर वही होता है जो श्रीकाकुलम में हुआ. भक्ति से भरी रात, मातम में बदल गई सुबह.
एकादशी का उत्सव बना मौत का मंजर
शनिवार को कार्तिक एकादशी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे. अनुमान से कई गुना अधिक भीड़ इकट्ठी हो गई. जैसे-जैसे लोग अंदर धकेले गए, रेलिंग और गेट के पास अफरा-तफरी शुरू हो गई और कुछ ही मिनटों में लोगों पर लोग गिरने लगे.
अबतक 9 की मौत, आंकड़ा बढ़ने का अंदेशा
अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन अस्पताल में भर्ती कई घायलों की हालत नाज़ुक बताई जा रही है. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई घायल बुज़ुर्ग और महिलाएं हैं, जिन्हें देर से इलाज मिला.
प्रशासन की नाकामी
गवाहों के अनुसार, न तो बैरिकेडिंग पर्याप्त थी, न ही भीड़ को दिशा देने के लिए सुरक्षा कर्मी तैनात थे. भीड़ इतनी तेज़ी से बढ़ी कि स्थानीय प्रशासन हाथ-पैर मारता रह गया. मंदिर प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं. दर्शन की व्यवस्था थी, सुरक्षा की क्यों नहीं?
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट कर घटना पर गहरा दुख जताया और घायलों को तुरंत व बेहतर इलाज दिलाने का आदेश दिया. साथ ही जिला प्रशासन को राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए गए. लेकिन लोगों का सवाल यह है — बयान तो हर बार आते हैं, प्रिवेंशन कब आएगा?
उठे बड़े सवाल
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कहा कि यह पहला नहीं, बार-बार दोहराया जा रहा हादसा है. एक पोस्ट में लिखा गया — “कितनी जानें जाएंगी, तब सरकार सीखेगी? तीर्थ स्थल क्या आस्था के केंद्र हैं या मौत के जाल?” लोगों ने कहा कि भीड़ नियंत्रण को धर्मस्थलों में भी अनिवार्य कानून बनना चाहिए.
एकादशी के दिन गहरा दुख: मंत्री नारा लोकेश
आंध्र प्रदेश के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत पर राज्य के मंत्री नारा लोकेश ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि इस हादसे ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है और एकादशी के पावन दिन ऐसी त्रासदी होना अत्यंत दुखद है. लोकेश ने मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ राहत और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है. लोकेश ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने अधिकारियों, जिले के मंत्री किंजारापु अच्चनायडु और स्थानीय विधायक गौथु सिरीशा से बात की है. उन्होंने निर्देश दिया है कि घायलों को तुरंत और बेहतर चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराई जाए तथा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाए.
कब तक भरोसा टूटा रहेगा?
यह हादसा याद दिलाता है कि श्रद्धा जितनी बड़ी होती है, उतना ही बड़ा दायित्व भी होता है. लोग भगवान के दर्शन करने आते हैं, अपनी जान देने नहीं. पर सवाल वही- क्या अगला हादसा रोकने के लिए सिस्टम जागेगा, या फिर अगला शव संख्या बढ़ाएगा?





