रूस-चीन जैसे तानाशाहों के साथ खड़ा है भारत... PM मोदी के जापान-चीन दौरे से बौखलाया अमेरिका, कहा- अक्साई चिन को याद कर लो
व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइज़र पीटर नवारो ने कहा कि भारत रूस और चीन जैसे 'तानाशाहों' के साथ खड़ा है और रूस से तेल खरीदकर उसकी "वॉर मशीन' को फंड कर रहा है. नवारो ने यहां तक कहा कि यूक्रेन का युद्ध 'मोदी का युद्ध' है और शांति का रास्ता दिल्ली से होकर जाता है. उन्होंने दावा किया कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर महंगे दामों पर दुनिया को बेच रहा है. साथ ही, चेतावनी दी कि ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए अतिरिक्त 25% शुल्क तभी हटेंगे जब भारत रूसी तेल खरीदना बंद करेगा.

Peter Navarro India Russia China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की रूस और चीन से बढ़ती नज़दीकियों पर एक और विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत 'अधिनायकों के साथ खड़ा हो रहा है' और इस वजह से अमेरिका को आर्थिक व रणनीतिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
नवारो ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, "भारत, तुम अधिनायकों के साथ बिस्तर में जा रहे हो. चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया, वह तुम्हारा दोस्त नहीं है. और रूस? सोचो ज़रा!" गौरतलब है कि अक्साई चिन भारत का हिस्सा माना जाता है लेकिन इस पर चीन का कब्ज़ा है.
SCO समिट से पहले तीखा बयान
यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जा रहे हैं. यह 2018 के बाद मोदी की पहली चीन यात्रा होगी. बीते वर्ष रूस में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कुछ नरमी आई थी.
"यूक्रेन युद्ध, मोदी का युद्ध है"
नवारो ने एक कदम आगे बढ़कर यह तक कह डाला कि यूक्रेन युद्ध 'मोदी का युद्ध' है. उन्होंने कहा, "शांति की राह का एक हिस्सा नई दिल्ली से होकर गुजरता है." उनके मुताबिक, भारत रूसी तेल खरीदकर 'रूस की युद्ध मशीन को ईंधन' दे रहा है, जिसका सीधा नुकसान अमेरिकी उपभोक्ताओं, कारोबारियों और मज़दूरों को हो रहा है.
नवारो ने आरोप लगाया, "भारत दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ लगाता है. उनकी वजह से अमेरिकी कंपनियों और कर्मचारियों को नुकसान होता है. फिर अमेरिकी टैक्सपेयर्स को यूक्रेन की मदद के लिए अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है."
"25% टैरिफ तुरंत हट सकता है अगर..."
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है. नवारो का कहना है कि यह शुल्क तुरंत हट सकता है, अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ता तेल खरीदकर वैश्विक बाज़ार में महंगे दामों पर बेच रहे हैं और इसी पैसे से रूस यूक्रेन पर युद्ध जारी रखता है.
भारत का जवाब
नई दिल्ली की ओर से अभी नवारो के इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि भारत पहले ही कह चुका है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ 'अनुचित और गैर-जरूरी' हैं और देश अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.
नवारो ने अंत में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और उसे 'लोकतांत्रिक ढंग से व्यवहार करना चाहिए, न कि अधिनायकों के साथ खड़ा होना चाहिए.'