क्या है समोसा कॉकस? अमेरिका में ममदानी-हाशमी की ऐतिहासिक जीत के बाद फिर चर्चा में
अमेरिका में भारतीय मूल के दो मुस्लिम नेताओं ने इतिहास रच दिया है. जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के सबसे युवा मेयर बने, जबकि गजाला हाशमी वर्जीनिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर चुनी गईं. इस उपलब्धि ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय की राजनीतिक मजबूती और बढ़ते प्रभाव को फिर साबित किया है. उनकी जीत के साथ ही ‘समोसा कॉकस’ यानी अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों का प्रभावशाली समूह फिर सुर्खियों में है.
What is Somosa Caucus: अमेरिकी राजनीति में भारतीय मूल की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. इस बार दो भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम नेताओं ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. गुजराती मूल के जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुने गए हैं, जबकि हैदराबाद मूल की गजाला हाशमी वर्जीनिया की नई लेफ्टिनेंट गवर्नर बनी हैं. दोनों की जीत न केवल भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए ऐतिहासिक है बल्कि मुस्लिम प्रतिनिधित्व के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
34 साल की उम्र में न्यूयॉर्क के सबसे युवा मेयर बने ममदानी
सिर्फ 34 साल की उम्र में जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के सबसे कम उम्र के मेयर बन गए हैं. ममदानी अमेरिकी राजनीति में उभरते प्रोग्रेसिव चेहरों में से एक हैं और उनकी जीत भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बढ़ती राजनीतिक ताकत को दर्शाती है. पिछले 12 वर्षों में अमेरिकी चुनावों में जीत दर्ज करने वाले भारतीय मूल के नेताओं की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है... और ममदानी अब इस नई लहर के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. जोहरान ममदानी इंडियन-अमेरिकन फिल्ममेकर मीरा नायर और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महमूद ममदानी के बेटे हैं.
गजाला हाशमी: वर्जीनिया की पहली भारतीय-मुस्लिम लेफ्टिनेंट गवर्नर
गजाला हाशमी की जीत भी ऐतिहासिक है. वह वर्जीनिया राज्य में इस पद पर पहुंचने वाली पहली भारतीय मूल की मुस्लिम महिला बन गई हैं. इससे पहले हाशमी राज्य सीनेट में अपनी भूमिका के लिए चर्चा में रही हैं और शिक्षा तथा सामाजिक न्याय के मुद्दों पर उनकी सक्रियता ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई.
क्या है 'समोसा कॉकस'?
ममदानी और हाशमी की जीत के बाद अमेरिकी राजनीति में फिर से चर्चा में है शब्द- ‘समोसा कॉकस’. यह ऐसा अनौपचारिक समूह है जो अमेरिकी राजनीति में चुने गए भारतीय-अमेरिकी नेताओं का प्रतिनिधित्व करता है. यह शब्द भारतीय स्नैक 'समोसा' से प्रेरित है और 2018 में इलिनॉयस के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने इसे लोकप्रिय बनाया था. उद्देश्य था अमेरिकी राजनीति में भारतीय मूल के नेताओं के बढ़ते प्रभाव का जश्न मनाना.
‘समोसा कॉकस’ में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के लगभग 60 भारतीय-अमेरिकी नेता शामिल
आज ‘समोसा कॉकस’ में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों दलों के लगभग 60 भारतीय-अमेरिकी नेता शामिल माने जाते हैं, जबकि 10 साल पहले यह संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती थी. इसमें विवेक रामास्वामी और काश पटेल जैसे नाम भी शुमार हैं, जिन्होंने ट्रम्प प्रशासन में अहम भूमिकाएँ निभाईं.
यह जीत इस बात का प्रमाण है कि अमेरिकी राजनीति में भारतीय समुदाय न सिर्फ मजबूती से आगे बढ़ रहा है, बल्कि विविध पृष्ठभूमियों से आए नेता भी नई पहचान बना रहे हैं, चाहे वह धर्म हो, संस्कृति हो या विचारधारा. भारतीय-अमेरिकी ‘समोसा कॉकस’ अब वॉशिंगटन की एक मजबूत और प्रभावशाली राजनीतिक पहचान बन चुका है.





