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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की वो पांच 'नापाक' करतूत, जिसके कारण दोनों देशों के लोगों की US में NO Entry की तैयारी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर बैन लगाने का फैसला किया है. इसके तहत अब दोनों देशों के नागरिक अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि यह बैन अगले हफ्ते से लागू हो सकता है. आखिरकार ट्रंप ने यह फैसला क्यों लिया? आइए, इसकी वजह जानते हैं...

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की वो पांच नापाक करतूत, जिसके कारण दोनों देशों के लोगों की US में NO Entry की तैयारी
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( Image Source:  X )

Donald Trump Ban On Pakistan Afghanistan: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है. यह प्रतिबंध सुरक्षा चिंताओं और अपर्याप्त जांच प्रक्रियाओं के कारण लगाया जा रहा है. माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध अगले हफ्ते से लागू हो सकता है.

बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने सुरक्षा और जांच जोखिमों की समीक्षा करने के बाद यात्रा पर बैन लगाने के लिए एक लिस्ट तैयार की है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा, कुछ अन्य देशों का भी नाम इस लिस्ट में हो सकता है. हालांकि उनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है. आइए, जानते हैं कि ट्रंप ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर क्यों बैन लगाया है...

1. आतंकवादी संगठनों को समर्थन

पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर लंबे समय से आरोप लगते आ रहे हैं कि वह तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी संगठनों को समर्थन देता है. ये सभी अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्रों में अस्थिरता फैलाते हैं.

2- सीमा पार आतंकवाद

पाकिस्तान से अफगानिस्तान में आतंकवादियों का प्रवेश और हमले जारी हैं. इससे क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित हो रही है. हाल ही में, तोरखम सीमा चौकी पर तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष हुआ था। ​

3- आतंकवाद के खिलाफ अपर्याप्त कार्रवाई

पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों पर आरोप है कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं. इससे वैश्विक सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है.

4. आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह मौजूद हैं. ये सभी आतंकी संगठन यहां से अपनी गतिविधियाँ संचालित करते हैं.

5. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग की कमी

पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ पूर्ण सहयोग नहीं किया है. इससे वैश्विक सुरक्षा प्रयासों में बाधा आई है.

हजारों अफगानों पर पड़ सकता है गंभीर प्रभाव

बता दें कि ट्रंप के इस नए प्रतिबंध से उन हजारों अफगानों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिन्होंने अमेरिका के लिए काम किया था. अब तालिबान के प्रतिशोध के खतरे के कारण अमेरिका में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इनमें से कई विशेष आप्रवासी वीजा (एसआईवी) या शरणार्थी कार्यक्रम के तहत अमेरिका आने की प्रतीक्षा में हैं.

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