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पाकिस्तान से लिया जाएगा चुराया हुआ कश्मीर, टैरिफ को लेकर ट्रंप से हुई बातचीत; लंदन में बोले एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लंदन के चैथम हाउस में वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका, अनुच्छेद 370, भारत-अमेरिका व्यापार संबंध, क्वाड गठबंधन और चीन के साथ संबंधों पर बात की. उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी की प्रतिबद्धता भी दोहराई और रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया.

पाकिस्तान से लिया जाएगा चुराया हुआ कश्मीर, टैरिफ को लेकर ट्रंप से हुई बातचीत; लंदन में बोले एस जयशंकर
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 6 March 2025 6:37 AM IST

लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक में आयोजित 'भारत का उदय और विश्व में भूमिका' सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की बदलती वैश्विक स्थिति, कश्मीर में हुए बदलाव और बहुपक्षीय कूटनीति पर चर्चा की. उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने, कश्मीर में आर्थिक सुधारों और उच्च मतदान वाले चुनावों को सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के रूप में आउटलाइन किया. साथ ही, उन्होंने कश्मीर के उस हिस्से की वापसी की बात भी दोहराई, जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है.

जयशंकर ने अमेरिका के साथ भारत के मजबूत होते संबंधों की बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का प्रशासन मल्टी पोलरिटी की ओर बढ़ रहा है, जो भारत के हितों के अनुकूल है. उन्होंने क्वाड (Quad) गठबंधन का जिक्र किया, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. यह एक ऐसा सहयोग मॉडल है, जिसमें सभी भागीदार देश अपनी भूमिका निभाते हैं और कोई भी 'फ्री राइडर' नहीं है.

टैरिफ को लेकर क्या कहा?

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर चर्चा करते हुए जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हाल ही में टैरिफ और व्यापार समझौतों पर खुलकर बातचीत हुई थी. इसके बाद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन में इस समझौते पर आगे की चर्चा के लिए गए. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जरूरत पर दोनों देश सहमत है और इसे लेकर बातचीत जारी है.

चीन से बढ़िया है संबंध

चीन के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों की विशाल जनसंख्या और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनकी बढ़ती भूमिका को देखते हुए, भारत और चीन के रिश्ते अद्वितीय हैं. उन्होंने हाल ही में हुए कुछ घटनाक्रमों का जिक्र किया, जिनमें कैलाश पर्वत की तीर्थयात्रा के लिए नया मार्ग खोलना शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत चाहता है कि चीन के साथ उसके रिश्ते आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा विकास पर आधारित हो.

भारत के रिश्ते होंगे मजबूत

इसके अलावा, जयशंकर ने डॉलर के वैश्विक वर्चस्व और रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण पर भी चर्चा की. उन्होंने ब्रिक्स (BRICS) देशों की मुद्रा रणनीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था में डॉलर की भूमिका को लेकर भारत की चिंताओं पर भी प्रकाश डाला. जयशंकर 4 से 9 मार्च तक यूके और आयरलैंड के दौरे पर हैं. ये दौरा भारत के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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