Pak को पसंद है पन्नू, सिख फौजियों में नजर आते हैं रहनुमां; बौखलाहट में क्या-क्या बोल रही यह पाकिस्तानी सांसद?
पहलगाम हमले के बाद भारत आतंक के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है. वहीं पाकिस्तान की PPP सांसद पलवशा खान ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद की पहली ईंट पाकिस्तानी सिपाही रखेगा और पहली अज़ान जनरल आसिम मुनीर देंगे. उन्होंने खालिस्तानी आतंकी पन्नू की भी तारीफ की. भारत की संप्रभुता और धार्मिक भावनाओं पर यह सीधा हमला माना जा रहा है.

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने न केवल आतंकियों के खिलाफ, बल्कि उनके सरपरस्तों के खिलाफ भी निर्णायक मोर्चा खोल दिया है. ऐसे माहौल में पाकिस्तान के भीतर से लगातार उकसावे भरे बयान आना, खासकर राजनेताओं की ओर से, यह दिखाता है कि पाकिस्तान की राजनीतिक संस्कृति आतंकवाद और कट्टरता को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है. इस पृष्ठभूमि में PPP सांसद पलवशा मोहम्मद ज़ई खान का हालिया बयान सिर्फ विवादित नहीं, बल्कि जानबूझकर भारत को उकसाने की कोशिश है.
पलवशा ने न केवल भारत की सेना को नीचा दिखाने की कोशिश की, बल्कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण में पाकिस्तानी सेना की भूमिका बताकर भारत की धार्मिक संप्रभुता पर भी हमला बोला. उनका कहना है कि 'पहली ईंट पाकिस्तानी सिपाही रखेगा और पहली अज़ान आसिम मुनीर देगा." भारत की न्याय व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं का अपमान है. अयोध्या विवाद, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से संवैधानिक रूप से हल हो चुका है, उस पर इस तरह की बयानबाजी पाकिस्तान की ओर से सुनियोजित भड़कावे की रणनीति का हिस्सा है.
भारतीय सिखों को बांटने की कोशिश
पलवशा ने अपने भाषण में सिख सैनिकों को भारत के प्रति असंतुष्ट दिखाने की कोशिश की और उन्हें पाकिस्तान का पक्षधर बताया. उन्होंने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को 'साहसी' बताते हुए न केवल उसकी विचारधारा को वैध ठहराया, बल्कि सिख समुदाय में फूट डालने की कोशिश भी की. यह बयान भारत के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाने की एक और पाकिस्तान-प्रायोजित कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई सिख फौजी पाकिस्तान पर हमला नहीं करेगा, क्योंकि ये गुरुनानक की धरती है.
खालिस्तानी आतंकी की वकालत
गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है, उसकी खुलकर तारीफ करना एक राष्ट्र की संप्रभुता पर सीधा हमला है. पलवशा का यह बयान न सिर्फ भारत के कानूनों का अपमान करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को और खराब करता है. यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान के अंदर बैठी राजनीतिक शक्तियां खुलेआम ऐसे आतंकियों के समर्थन में बोल रही हैं जो भारत की अखंडता को तोड़ने की साजिश रचते हैं.
भुट्टो से लेकर बिलावल तक- वही जहर
ये पहली बार नहीं है जब PPP के नेताओं ने भारत के खिलाफ कट्टरता दिखाई हो. बिलावल भुट्टो जरदारी पहले भी सिंधु जल संधि पर 'खून की नदियां' बहाने की धमकी दे चुके हैं. अब उसी पार्टी की एक सांसद का यह कहना कि “हम चूड़ियां नहीं पहनते, जवाब देंगे,” भारत के साथ युद्ध की धमकी और कट्टरपंथ का संदेश देता है. पाकिस्तान की राजनीति अब सार्वजनिक मंचों पर युद्धोन्माद फैलाकर अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
वैश्विक चेतावनी की जरूरत
भारत सरकार ने भले ही अभी इस बयान पर औपचारिक प्रतिक्रिया न दी हो, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह वक्त पाकिस्तान की राजनीति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने का है. ऐसे बयान सिर्फ कूटनीतिक उल्लंघन नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है. भारत को इस तरह के भड़काऊ वक्तव्यों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि सीमा पार की नफरत और आतंकवाद को राजनीतिक हथियार बनने से रोका जा सके.