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बिना भारत से लड़े बर्बाद हुआ पाकिस्तान! पहलगाम हमले के एक हफ्ते के भीतर डूब गए एक लाख करोड़ रुपये

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है. TRF द्वारा जिम्मेदारी लेने के बाद मोदी सरकार निर्णायक मोर्चे पर उतर चुकी है. पाकिस्तानी शेयर बाजार में 1717 अंकों की गिरावट से एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सैन्य कार्रवाई की आशंका से निवेशकों और सरकार, दोनों में बेचैनी बढ़ गई है.

बिना भारत से लड़े बर्बाद हुआ पाकिस्तान! पहलगाम हमले के एक हफ्ते के भीतर डूब गए एक लाख करोड़ रुपये
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 30 April 2025 2:31 PM

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने सिर्फ घाटी में खून बहाया नहीं, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तीखी दरार पैदा कर दी. हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन माना जाता है. इस हमले के बाद भारत ने आतंकी नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया है.

अब इस कदम से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है. लगातार वहां के शेयर मार्केट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. इससे निवेशकों में घबराहट है. निवेशकों का मानना है कि भारत इस हमले का बदला सैन्य कार्रवाई के ज़रिए ले सकता है.

एक लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क KSE-100 इंडेक्स 1,717 अंकों की गिरावट के साथ 1.5% नीचे 113,154.83 पर पहुंच गया, जिसे विशेषज्ञों ने भारत-पाक तनाव में वृद्धि और संभावित सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका से जोड़ा है. पाकिस्तानी नेताओं ने यह दावा किया है कि भारत अगले 24-36 घंटों में सर्जिकल स्ट्राइक या अन्य जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जिसके चलते बाजार में अस्थिरता और अनिश्चितता का माहौल बन गया है. शेयर मार्केट से पाकिस्तान को लगभग एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

पीएम मोदी कर रहे मीटिंग

मोदी सरकार ने न केवल आतंक के गढ़ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया, बल्कि घरेलू और कूटनीतिक स्तर पर कई सख्त कदम उठाए हैं. यह सिर्फ सैन्य जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जल नीति, राजनयिक रिश्ते, और वीजा प्रणाली में भी ऐतिहासिक बदलाव किए गए हैं. अब मोदी सरकार मीटिंग पर मीटिंग कर रही है. भारत सरकार जल्द ही बड़ा कदम उठा सकती है.

आइए एक नज़र डालते हैं उन 10 बड़े कदमों पर जो इस आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने उठाए हैं.

  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया है. पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
  • पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द: भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए अधिकतर वीजा रद्द कर दिए हैं, केवल मेडिकल वीजा को कुछ समय तक वैध रखा गया है. उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया.
  • तालिबान को दी गई जानकारी: भारत ने तालिबान शासन को पाकिस्तान की भूमिका से अवगत कराया और अफगानिस्तान से वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मांगा. तालिबान के विदेश मंत्री ने हमले की निंदा की और अपराधियों को सजा देने की बात कही.
  • संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की खुली आलोचना: योजना पटेल ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के आतंकवाद को लेकर दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान की आतंकियों को समर्थन देने की नीति अब वैश्विक रूप से उजागर हो चुकी है.
  • सिंधु जल संधि का निलंबन: भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. पाकिस्तान ने इसे "युद्ध जैसी कार्रवाई" बताया, जिससे दोनों देशों के बीच जल विवाद भी उभर सकता है.
  • पाकिस्तानी राजनयिकों की संख्या में कटौती: तीन पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित किया गया है और नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग की टीम को 55 से घटाकर 30 किया गया है.
  • उच्च स्तरीय कैबिनेट और सुरक्षा बैठकें: प्रधानमंत्री मोदी ने सीसीएस और सीसीपीए की कई आपात बैठकें की हैं. रक्षा प्रमुखों को एलओसी पर 'पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता' दी गई है.
  • एलओसी पर जवाबी गोलीबारी: लगातार गोलीबारी के बीच भारत ने LOC पर संयमित लेकिन प्रभावी जवाब दिया, खासकर कुपवाड़ा और बारामुल्ला क्षेत्रों में.
  • कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज: डोडा सहित कश्मीर के कई जिलों में आतंकवादी नेटवर्क पर व्यापक छापेमारी की गई है, जिसमें 13 स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की गई.
  • आतंकियों की संपत्ति को ध्वस्त किया गया: सुरक्षा बलों ने 10 आतंकियों से संबंधित संपत्तियों को विस्फोटकों की मदद से नष्ट किया, ताकि आतंकी नेटवर्क की जमीन स्तर पर कमर तोड़ी जा सके.
आतंकी हमलापाकिस्तान
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