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लश्कर कमांडर फारूक तीदवा बना मुख्य संदिग्ध, पहलगाम आतंकी हमले की जांच में NIA को क्या-क्या पता चला?

22 अप्रैल के पहलगाम हमले की जांच में NIA को बड़ी सफलता मिली है. लश्कर कमांडर फारूक तीदवा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है, जो PoK से ऑपरेट करता है. उसके कुपवाड़ा स्थित घर को सेना ने ध्वस्त किया है. जांच में हमलावरों की रणनीति, OGW नेटवर्क और फारूक की भूमिका उजागर हुई है. अब तक 10 आतंकी ठिकानों को तोड़ा जा चुका है.

लश्कर कमांडर फारूक तीदवा बना मुख्य संदिग्ध, पहलगाम आतंकी हमले की जांच में NIA को क्या-क्या पता चला?
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 30 April 2025 12:52 PM

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला न केवल 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ले गया, बल्कि पूरे देश को दहला गया. खूबसूरत वादियों में अचानक आई गोलियों की बारिश ने दिखा दिया कि आतंक का चेहरा अब भी बदलते रूप में जिंदा है. यह हमला न केवल पर्यटन उद्योग पर चोट है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खुली चुनौती भी है.

हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने एक समन्वित और तेज़ जांच अभियान शुरू किया. 2000 से अधिक ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) से पूछताछ की गई, जिनमें से 15 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने विशेष संदेह के घेरे में लिया है. जांच का केंद्र अब केवल हमलावर नहीं, बल्कि उनका स्थानीय समर्थन नेटवर्क बन गया है. आइये जानते हैं कि NIA की जांच में अबतक क्या क्या पता चला है...

  • NIA की जांच के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर फारूक तीदवा का नाम आया है. माना जा रहा है कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है.
  • उसका घर कुपवाड़ा जिले में था जिसे हाल ही में सुरक्षा बलों ने विस्फोट कर ध्वस्त कर दिया है. यह कड़ी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है.
  • फारूक ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को भारत में प्रवेश दिलाने और OGW नेटवर्क से संपर्क कराने में भूमिका निभाई. यही नेटवर्क हमले के लिए जरूरी साजो-सामान और मार्गदर्शन देता है.
  • NIA की जांच संभालने के बाद अब तक आतंकवादियों के 10 ठिकाने ध्वस्त किए गए हैं.
  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 45 सदस्यीय टीम कश्मीर घाटी में जांच कर रही है. जांच का नेतृत्व IG, DIG और SP स्तर के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं, जबकि टीम में 7 DSP भी शामिल हैं.
  • जांच में खुलासा हुआ है कि दो आतंकी पेड़ों के पीछे से एक ही दिशा से आए थे और उन्होंने सुनियोजित तरीके से हमला किया था. उन्होंने एक पल में 7 लोगों को गोली मार दी थी.
  • बैसरन घाटी से जांच टीम ने 40 कारतूस बरामद किए हैं, जो हमले की गंभीरता को दर्शाते हैं.
  • टीम चश्मदीदों के बयान और घटनास्थल से मिले वीडियो फुटेज की गहन जांच कर रही है ताकि हमलावरों की पहचान सुनिश्चित की जा सके.
आतंकी हमला
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