Pahalgam Terror Attack: BSF भी दूध की धुली नहीं रही, इसमें 95 ईमानदारों पर 5 रिश्वतखोर भारी पड़ रहे हैं - INSIDE STORY
BSF के पूर्व DG प्रकाश सिंह ने पहलगाम हमले पर कहा कि कश्मीर में आतंकवाद तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक घाटी के भीतर छिपे देशद्रोही तत्वों को नहीं मिटाया जाता. उन्होंने पाकिस्तान और अनुच्छेद 370 की बातें बंद करने की सलाह दी और BSF में मौजूद भ्रष्ट सुरक्षाकर्मियों को भी जिम्मेदार ठहराया. सुरक्षा में मौजूद 'छेद' भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है.

‘देश के अंदर विशेषकर जम्मू-कश्मीर घाटी में छिपे बैठे हमारे अपने गद्दार-आस्तीन के सांपों को जब तक खतम नहीं किया जाएगा, तब तक कश्मीर से आतंकवाद मिटाने की उम्मीद बेईमानी है. हुकूमत चाहे भारत की हो या फिर घाटी की. हुक्मरानों को सबसे पहले अपने बीच बैठे सांप-सपोलों को मारना चाहिए. तभी कश्मीर घाटी “खूबसूरत और शांत” बन सकती है. घाटी से अनुच्छेद 370 हटाने से आतंकवाद खतम हो जाएगा. यह भी एक बड़ी गफलत-गलतफहमी है.
कश्मीर घाटी से आतंकवाद इसलिए भी खतम नहीं रहा क्योंकि, भारत की जिन दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में ‘छेद’ मौजूद हैं, उनमें एक पाकिस्तान भारत के बीच मौजूद इसी कश्मीर घाटी की भी सीमा-रेखा है. सुरक्षा के नजरिए से छेद वाली भारत की दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात 100 में से 95 फीसदी सुरक्षाकर्मी बेशक ईमानदार हों. समस्या यह है कि इन 95 के ऊपर 5 फीसदी बेईमान-रिश्वतखोर सुरक्षा-प्रहरी भारी पड़ रहे हैं.”
धारा-370 हटाने का रोना-पीटना बंद करो
अंदर की बड़ी खबर से जुड़ी यह कड़वी सच्चाई बयान की है भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से गठित, सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force BSF) के पूर्व महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह ने. देश की राजधानी नई दिल्ली में मौजूद प्रकाश सिंह स्टेट मिरर के एडिटर क्राइम से पहलगाम (बैसरन घाटी) में हुए आतंकवादी हमलों के कारण-निवारण को लेकर एक्सक्लूसिव बात कर रहे थे. प्रकाश सिंह का मानना है कि, ‘हम पाकिस्तान-पाकिस्तान और धारा- 370 हटाए जाने का इतना ज्यादा रोना रो चुके हैं कि, जिसकी कोई हद नहीं तय कर सकता हूं.”
बेहया पाकिस्तान को नजरंदाज करिए
पहलगाम में बीते मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को हुए ‘खूनी अमंगल’ से खासे नाराज बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक बोले, “हम बेहया पाकिस्तान का और उसके बदनाम आतंकवादियों का चर्चा बंद कर दें. जब हम उनका चर्चा नहीं करेंगे तो वे खुद ही ठंडे होकर बैठ जाएंगे. भारत ने कश्मीर घाटी से अनुच्छेद-370 हटाकर बहुत बड़ा तीर मार लिया है. भारत के हुक्मरान जिस दिन इस धारा-370 को हटाने की कहानियां गाना बंद कर देंगे. उस दिन से भी कश्मीर घाटी में शांति-खुशहाली का आधा रास्ता बनना शुरू हो जाएगा.”
अपने गद्दार-सांप-सपोलों को मार डालिए
पहलगाम में भारतीय खुफिया, जांच और सुरक्षा एजेंसियों के निकम्मेपन से खार खाए बैठे, सीमा सुरक्षा बल के पूर्व मुखिया प्रकाश सिंह के मुताबिक, ‘हम पाकिस्तान और अनुच्छेद 370 हटाए जाने की बात छोड़कर, इस पर ध्यान दें कि कश्मीर घाटी में हमारे आपके द्वारा ही जन्म देकर पाले-पोसे जा रहे अपने गद्दार-सांप-सपोलों को कैसे मारा जाए? बिना इनकी मदद के पाकिस्तान की छोड़िए, दुनिया के किसी देश की औकात नहीं जो भारत की ओर उसे नुकसान पहुंचाने के इरादे से आंख भी उठाकर देख सके.’
हमारी यह दो अंतरराष्ट्रीय ‘हदों’ में छेद हैं
स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में पूर्व दबंग ब्यूरोक्रेट प्रकाश सिंह बोले, ‘हां, मैं मानता हूं कि हमारे देश की कुछ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं आज भी सुरक्षा की नजर से असुरक्षित हैं. इनमें दो के बारे में तो मुझे मालूम है. पहली कश्मारी घाटी की पाकिस्तान से लगी अंततराष्ट्रीय सीमा. दूसरी बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा में आज भी छेद मौजूद हैं. इन छेदों को जल्दी से जल्दी भर लिया जाए तो सीमा पार से भारत में, आतंकवादी घुसपैठ करने में कामयाब नहीं होंगे. हालांकि यह बोलते-बताते हुए मैं यहां जिक्र कर दूं कि कश्मीर-पाकिस्तान की सीमा पर, कई ऐसे दुर्गम इलाके हैं जिनके ऊपर कंटीली बाड़ लगा पाना मुश्किल है. और जहां कुछ स्थानों पर अगर कंटीली बाड़ मौजूद भी होगी तो वह बर्फबारी के दौरान बर्बाद हो जाती होगी.’
हां, बीएफएफ भी दूध की धुली नहीं है...!
जिस सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ को भारत ने तैयार ही सिर्फ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए किया है. उसी बीएसएफ के कुछ अधिकारियों-सुरक्षाकर्मियों के ऊपर अक्सर रिश्वतखोरी-भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं. कई पकड़े गए, गिरफ्तार करके जेल गए. जब रखवाले ही बाड़ को चरने लगेंगे तो फिर, खेती कौन बचाएगा? आप तो इसी बीएसएफ के मुखिया भी रहे हैं? पूछने पर प्रकाश सिंह कहते हैं, ‘मैं मानता हूं कि अब बीएसएफ की छवि भी साफ नहीं रही है. सीमाओं पर तैनात तमाम अफसर-सुरक्षाकर्मी पूर्व में रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े जा चुके हैं. गिरफ्तार करके जेल भी भेजे जा चुके हैं. यह भी एक बड़ी समस्या है. हां, इतना जरूर है कि पूरा सीमा सुरक्षा बल ही रिश्वतखोर भ्रष्ट हो यह सही नहीं है. बस सच्चाई यह है कि 95 फीसदी ईमानदार प्रहरियों के ऊपर 5 फीसदी भ्रष्ट रिश्वतखोर भारी पड़ जा रहे हैं.’