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अमेरिका में 18 हजार भारतीयों पर मंडरा रहा खतरा, ट्रंप के शपथ लेते ही मिल सकता है देश निकाला

जल्द ही ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. लेकिन उनके शपथ समारोह से पहले उनके प्रशासन द्वारा इमिग्रेशन पॉलिसी पर काम तेज कर दिया गया है. इसी कड़ी में ICE की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार इस पॉलिसी के तहत अमेरिका से करीब 18000 भारतीयों को अमेरिका के डिपोर्ट किए जाने का खतरा मंडरा रहा है.

अमेरिका में 18 हजार भारतीयों पर मंडरा रहा खतरा, ट्रंप के शपथ लेते ही मिल सकता है देश निकाला
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 14 Dec 2024 4:21 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. उनके शपथ से पहले ही उनके द्वारा लिए गए कई फैसलों पर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. इन फैसले में सबसे ज्यादा चर्चा अवैध प्रवासियों को लेकर है. दरअसल अपनी जीत में वादा करते हुए अवैध प्रवासियों को वापिस भेजने का भी वादा किया था.

वहीं चर्चा है कि ट्रंप के इस फैसले से भारतीयों पर इसका गहरा असर पड़ सकता है. वहीं ICE के आंकड़ों के मुताबिक 18 हजार भारतीय जो इस समय अमेरिका में बिना किसी डॉक्यूमेंट के रह रहे हैं, उनपर डिपोर्टेशन का खतरा छाने वाला है.

90 हजार भारतीय नागरिक पकड़े गए

वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले तीन सालों में लगभग 90 हजार भारतीय नागरिक अमेरिका की सीमा पर अवैध तरीके से घुसते हुए पकड़े गए. कई एक्सपर्ट्स का इस पर कहना है कि ज्यादातर प्रवासी पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से घुसने की कोशिश करते हैं. वहीं ऐसी भी जानकारी सामने आ चुकी है कि लोग अमेरिका के पास के ही बॉर्डर वाले देशों से आकर अमेरिका में घुसने का प्रयास किया करते हैं. इनमें होंडुरास और ग्वाटेमाला का नाम सबसे ऊपर शामिल है.

ICE ने दी जानकारी

वहीं अमेरिकी इमीग्रेशन और कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) की ओर से इस डिपोर्टेशन की जानकारी सामने आई है. इसलिए 17,490 भारतियों पर खतरा मंडरा रहा है. यह संख्या अमेरिका में रहने वाले उन भारतीयों की होगी जो बिना किसी डॉक्यूमेंट्स के रह रहे हैं. वहीं ऐसे ही लोगों को डिपोर्ट करना ट्रंप का बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंडा है.

वहीं हाल ही में इसे लेकर एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई थी जिसमें ICE ने राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक सेफ्टी पर अपना ध्यान केंद्रित करने की बात कही थी. विभाग की ओर से कहा गया कि ईआरओ( ERO ) अधिकारी एजेंसी और विभाग की प्राथमिकताओं, फंडिंग और क्षमता के आधार पर प्रवर्तन कार्रवाइयों को प्राथमिकता देते हैं.

तेज होगी कार्रवाई

इस बीच डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से यह पहले ही साफ किया जा चुका है कि बिना डॉक्यूमेंट्स वाले अप्रवासियों को हटाने के प्रयास तेज करेगा. इसी के साथ इमिग्रेशन पॉलिसी के रूप में ट्रंप ने फाइनल रिमूवल आदेश वाले व्यक्तियों के डिपोर्टेशन को प्राथमिकता देने का वादा किया है. इनमें भारतीय भी शामिल हैं.

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