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साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट! राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग, 'मार्शल लॉ' करना चाहते थे लागू

South Korean President Yoon Suk Yeol: दक्षिण कोरियाई सांसदों ने राष्ट्रपति यून सूक येओल पर मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास के लिए महाभियोग चलाया.

साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट! राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग, मार्शल लॉ करना चाहते थे लागू
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Impeachment against President Yoon Suk Yeol
( Image Source:  x.com/kchartsmaster )
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 14 Dec 2024 2:45 PM IST

South Korean President Yoon Suk Yeol: दक्षिण कोरियाई सांसदों ने राष्ट्रपति यून सूक येओल के खिलाफ महाभियोग चलाया, जिन्होंने देश में मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास किया है. उन्हें पद से निलंबित कर दिया, क्योंकि मार्शल लॉ की घोषणा से व्यापक आक्रोश फैल गया था तथा संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया था.

संसद के लाइवस्ट्रीम में दिखाया गया कि सांसदों ने राष्ट्रपति यूं सूक येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान किया. दक्षिण कोरियाई संविधान के मुताबिक, प्रधानमंत्री हान डक-सू सरकार के अंतरिम नेता होंगे. अब संवैधानिक कोर्ट यह तय करेगा कि उन्हें बहाल किया जाए या हटाया जाए. इसमें छह महीने तक का समय लग सकता है.

यूं सूक योल ने की थी मार्शल लॉ की घोषणा

राष्ट्रपति यूं सूक योल 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा की थी. इस दौरान सैनिकों को नेशनल असेंबली में भेजा गया और सैनिकों का नेतृत्व करने वाले अधिकारी ने कहा कि उन्हें सांसदों को बलपूर्वक हटाने का आदेश दिया गया था ताकि वे कानून को पलटने के लिए आवश्यक 150 वोटों तक नहीं पहुंच सकें.

क्यों की थी मार्शल लॉ की घोषणा?

यून ने विपक्ष पर सरकार को पंगु बनाने का आरोप लगाते हुए मार्शल लॉ की घोषणा की थी. हालांकि, घोषणा को वोट से खारिज कर दिया गया और कानून लागू होने के कुछ ही घंटों के भीतर इसे रद्द कर दिया गया. पिछले शनिवार को यून को महाभियोग प्रस्ताव से बचाया गया था. पीपुल पावर पार्टी के सांसदों ने सदन में मतदान का बहिष्कार किया था, लेकिन शनिवार को उनकी अपनी पार्टी के कुछ सदस्यों ने महाभियोग प्रस्ताव को पारित करने में मदद की.

यून की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, हालांकि राष्ट्रीय प्रसारक केबीएस के अनुसार वह सियोल स्थित अपने आवास से मतदान पर नजर रख रहे थे. विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पार्क चान-डे ने कहा, 'यह दक्षिण कोरियाई लोगों और लोकतंत्र की जीत है.'

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