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Sindoor Airstrike में तबाह हुई मसूद अज़हर की आतंक की फैक्ट्री, 15 एकड़ में फैले 'मरकज सुभान अल्लाह' की Full Story

6-7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी अड्डे 'मरकज सुभान अल्लाह' को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया. जैश-ए-मोहम्मद का यह ठिकाना आतंकवादियों का ट्रेनिंग सेंटर और ऑर्डिनेंस फैक्टरी था. मसूद अजहर के रिश्तेदारों की मौत और आईएसआई की शर्मनाक नाकामी ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है.

Sindoor Airstrike में तबाह हुई मसूद अज़हर की आतंक की फैक्ट्री, 15 एकड़ में फैले मरकज सुभान अल्लाह की Full Story
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 26 May 2025 11:37 AM IST

पाकिस्तान (Pakistan) और उसके आतंकवादियों (Pakistani Terror Attack) ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में जो कुछ ‘अमंगल’ किया. उसे हमारे 26 निहत्थे निर्दोषों ने भोगा, और भारत सहित उस तबाही के मंजर को दुनिया ने देखा.

उसका हिसाब चुकता या बराबर करने के लिए 6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद 1.30 से 2 बजे के करीब, कैसे बाज की गति से भारत की वायुसेना कहर बनकर पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डों पर टूटी. और उसने जो तांडव मचाया या कहर ढहाया पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी कैंप्स के ऊपर. वह भी जमाने ने देख लिया.

क्या बला है मरकज सुभान अल्लाह?

इस सबके बीच पाकिस्तानी आतंकवादी शिविरों (PoK Terrorist Camp) से एक जो नाम ‘मरकज सुभान अल्लाह’ निकल कर बाहर आ रहा है. मरकज सुभान अल्लाह (Markaz Subhan Allah) क्या बला है? इसके बारे में पाकिस्तान, उसकी मक्कार फौज और धूर्त खुफिया एजेंसी आईएसआई के अलावा किसी को नहीं मालूम है. आइए जानते हैं इसी मरकज सुभान अल्लाह के बारे में जिसके लिए, अमेरिका और भारत का मोस्ट वॉन्टेंड आतंकवादी मगर पाकिस्तान का लड़ैता मोहम्मद मसूद अजहर अपने बीबी बच्चों यहां तक खुद से भी ज्यादा चाहता था. अब बताया जा रहा है कि इस मरकज शुभान अल्लाह पर हुए हमले में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें उनकी बड़ी बहन से लेकर कई रिश्तेदार शामिल हैं.

मरकज सुभान अल्लाह को मिट्टी में मिला दिया

इसको बीती रात (6-7 मई 2025) भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में नेस्तनाबूद-तबाह कर दी. अब सिर्फ इसका मलवा बचा है. इस मलवे को पाकिस्तान और उसकी फौज जल्दी से जल्दी घटनास्थल से हटाना चाहती है. ताकि जब तक मीडिया का हुजूम मौके पर पहुंचे, उससे पहले यही सबूत मलबा हटाकर खतम कर दिया जाए कि, यहां कभी कोई इमारत भी हुआ करती थी. यह इमारत करीब 12 से 15-16 एकड़ में बनी हुई बताई जाती है.

पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग का सबसे बड़ा अड्डा

भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक पूर्व ज्वाइंट डायरेक्ट की माने तो मरकज सुभान अल्लाह, जैश-ए-मोहम्मद (JeM Jaish-E-Mohammad) का पाकिस्तान क्या दुनिया में सबसे पड़ा टेररिस्ट कैंप था. यह तकरीब 15-20 एकड़ में था. इसके लिए जमीन फोकट में पाकिस्तानी हुकूमत ने साल 2013 में मुहैया करवाई थी. दो साल बाद यानी साल 2015 में जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर (Terrorist Maulana Masood Azhar) ने इस बिल्डिंग को बनाना शुरू किया. 4-5 साल में यह विशाल इमारत बनकर खड़ी हो गई. अपुष्ट सूत्रों से पता तो यह भी चलता है कि इसके निर्माण का खर्चा भी आईएसआई ने ही वहन किया था.

मदरसा के आड़ में सबसे बड़े टेररिस्ट कैंप

पाकिस्तान, नेपाल, चीन और कई मुसलिम देशों में रॉ के पूर्व पदाधिकारी बताते हैं कि, “मरकज सुभान अल्लाह इमारत को दीन की तलीम (धर्म की शिक्षा) के मदरसे के रूप में खड़ा किया गया था. जब तक इस इमारत का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो गया तब तक जैश ए मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर ने इस इमारत की ओर झांक कर भी नहीं देखा था. इमारत बनते ही वो यहां पुहंच गया. उसके बाद जब इसी इमारत में मौलाना मसूद अजगह नियमित रूप से आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर चलाने लगा तो, वहां जब कभी भी विदेशी लोग पहुंचते तो उनसे चंदा लेने के लिए झूठ बोला जाता था. जिनसे चंदे की रकम हड़पनी होती थी उन्हें बताया जाता था कि यह गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए मदरसा (स्कूल) है.”

आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप में हर सुविधा

खुफिया सूत्रों के मुताबिक इससे बड़ा पाकिस्तान में कोई और दूसरा बड़ा टेररिस्ट अड्डा नहीं है. अगर कोई होगा भी तो वह पाकिस्तान में नहीं बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर में होगा. इस अड्डे पर आतंकवादियों को राइफल, मिलिट्री ट्रेनिंग, बम चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी. भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के ही एक अन्य अफसर की मानें तो यहीं (मरकज सुभान अल्लाह) रहकर आतंकवादियों ने, साल 2019 में भारत में अंजाम दिए गए पुलवामा कांड की ट्रेनिंग ली थी. जिसमें 40 जवान केंद्रीय पुलिस बल के मारे गए थे. उस कांड में मानव-बम का इस्तेमाल हुआ था.

ऑपरेशन सिंदूर का पहला निशाना बना

भारत के लिए ऐसा खतरनाक मगर पाकिस्तान के लिए बेहद महत्व के ऐसे मरकज सुभान अल्लाह को, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने सबसे पहले कबाड़-मलबे में तब्दील किया. ताकि अगर आगे के ऑपेरशन सिंदूर को अंजाम देने में कोई बाधा पैदा हो तो कम से कम एक सबसे बड़ा आतंकी अड्डा तो नेस्तनाबूद कर डाला जाए. इसे मलबे में बदलने के लिए भारतीय वायुसेना ने स्कैल्प और हैमर मिसाइलों तक का इस्तेमाल खुलकर किया. ताकि इसका नाम-ओ-निशां तक बाकी न बचे. अगर बचे तो सिर्फ वह मलबा जिसे देखकर, पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों की रुह फनाह हो जाए.

जैश-ए- मोहम्मद का मुख्यालय-ट्रेनिंग सेंटर

मरकज सुभान अल्लाह की सुरक्षा में आतंकवादियों के साथ साथ पाकिस्तानी फौज और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की टीमें भी दिन रात रहती थीं. ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं है कि ऑपरेशन सिंदूर की चपेट में जब इमारत आई है तो कुछ लोग पाकिस्तानी फौज और आईएसआई के भी निपट गए हों. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. यहीं जैश ए मोहम्मद की ऑर्डिनेंस फैक्टरी भी थी. यहीं जैश के बड़े बड़े आतंकवादियों के भाषण-सभाएं हुआ करती थीं.

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