10 घंटे हवा में घूमती रही एयर इंडिया फ्लाइट, फिर ऐसा क्या हुआ जो शिकागो वापस लौटने को हुए मजबूर?
एयर इंडिया द्वारा संचालित बोइंग 777-300 ईआर फ्लाइट में 10 टॉयलेट हैं, जिनमें से दो फर्स्ट क्लास पैसेंजर के लिए हैं और इसमें फर्स्ट, बिजनेस और इकोनॉमी क्लास की सीटों के साथ 340 से ज्यादा सीटें हैं.

एयर इंडिया की फ्लाइट ने शिकागो से दिल्ली के लिए उड़ान भरी. यह फ्लाइट करीब 10 घंटे से ज्यादा तक आसमान में घूमने के बाद वापस अमेरिका लौट गई. एयरलाइन ने इसका कारण टेक्निकल समस्या बताई. हालांकि, इस मामले में एक सोर्स ने न्यूज एजेंसी को बताया कि टेक्निकल नहीं बल्कि दूसरे कारण के चलते फ्लाइट को अमेरिका लैंड करवाना पड़ा.
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 के अनुसार फ्लाइ को बोइंग 777-337 ईआर विमान से ऑपरेट किया गया था. साथ ही दस घंटे से ज्यादा समय तक हवा में रहने के बाद शिकागो के ओआरडी एयरपोर्ट पर वापस भेजा गया. चलिए जानते हैं आखिर मामला क्या है?
एयरलाइन ने क्या कहा?
इस मामले में प्रवक्ता ने कहा कि ' 6 मार्च को शिकागो से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाला एआई126 तकनीकी समस्या के कारण वापस शिकागो लौट आया. शिकागो में उतरने पर सभी पैसेंजर और क्रू को उतारा गया. साथ ही, असुविधा को कम करने के लिए अकोमोडेशन भी दिया गया.
टॉयलेट हो गए थे जाम
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, यह 10 घंटे का सफर कही नहीं पहुंचा, क्योंकि कथित तौर पर फ्लाइट में एक टॉयलेट को छोड़कर बाकि सभ जाम हो गए थे. एयर इंडिया द्वारा संचालित बोइंग 777-300 ईआर फ्लाइट में 10 टॉयलेट हैं, जिनमें से दो फर्स्ट क्लास पैसेंजर के लिए हैं और इसमें फर्स्ट, बिजनेस और इकोनॉमी क्लास की सीटों के साथ 340 से ज्यादा सीटें हैं. सूत्र ने यह भी बताया कि केवल 1 टॉयलेट काम कर रहा था. ऐसे में केवल एक या दो टॉयलेट के जाम होने पर भी फ्लाइट क्रू एयरक्राफ्ट को वापस मोड़कर लैंड करवा सकता है, क्योंकि फ्लाइट में लिमिटेड नंबर्स में टॉयलेट मौजूद हैं.
दिया जा रहा रिफंड
इसके आगे उन्होंने कहा कि कैंसेलेशन और कॉम्प्लिमेंट्री रिशेड्यूलिंग पर पूरा रिफंड दिया जा रहा है. पैसेंजर को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाने के लिए अरेंजमेंट्स की जा रही है. ही है. एयर इंडिया में हमारे कस्टमर और क्रू मेंबर्स की सेफ्टी सबसे ऊपर है.
रिशेड्यूलिंग में परेशानी
इस मामले में पैसेंजर का दावा है कि ने उन्हें अपनी फ्लाइट्स को रिशेड्यूल करने या पैसे वापस पाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी. एयरलाइन ने जो वादा किया है, उसे पूरा करने में वक्त लग रहा है.