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पोल खुलते ही ललित मोदी के पीछे पड़ी वनुआतू सरकार, रद्द करेगी पासपोर्ट

वनुआतू सरकार ने ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया, जिससे उसकी वैश्विक यात्रा सीमित हो गई. भारतीय नागरिकता छोड़कर उसने वनुआतू की नागरिकता ली थी, लेकिन अब कानूनी मुश्किलें बढ़ गई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कानूनी कार्रवाई जारी रखने की बात कही है.

पोल खुलते ही ललित मोदी के पीछे पड़ी वनुआतू सरकार, रद्द करेगी पासपोर्ट
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 10 March 2025 9:31 AM IST

अपने हुए पराए... जिस देश में ललित मोदी ने नागरिकता ली, अब उसके कारनामे जानने के बाद अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. अब भगोड़े बिजनेसमैन ललित मोदी ने भारतीय नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया है. उसने प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश वनुआतू की नागरिकता हासिल कर ली थी, लेकिन अब उसके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. वनुआतू सरकार ने उसके पासपोर्ट को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे वह किसी भी देश में कानूनी रूप से यात्रा नहीं कर पाएगा.

वनुआतू के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद नागरिकता आयोग को ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश दिया. मोदी के कारण वनुआतू के 'गोल्डन पासपोर्ट' कार्यक्रम की साख को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही थी. इस योजना के तहत अमीर विदेशी निवेशक नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन मोदी के विवादित अतीत के कारण यूरोपीय देशों द्वारा वनुआतू पर प्रतिबंध लगाने का खतरा था.

मोदी ने नागरिकता छोड़ने के लिए किया आवेदन

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि की कि ललित मोदी ने भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि मोदी का पासपोर्ट जमा करने का अनुरोध प्रक्रियाओं के तहत जांचा जाएगा और सरकार उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रखेगी. ललित मोदी 2010 में भारत से फरार हुआ था और तब से लंदन में रह रहा है.

क्या है वनुआतू की खासियत?

वनुआतू एक छोटा द्वीपीय देश है, जो ऑस्ट्रेलिया और फिजी के बीच स्थित है. यह 83 द्वीपों का एक समूह है, जिनमें से केवल 65 पर ही आबादी है. वीजा इंडेक्स के अनुसार, वनुआतू पासपोर्ट धारक 56 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं. यही कारण था कि ललित मोदी ने इस देश की नागरिकता ली थी, लेकिन अब पासपोर्ट रद्द होने के बाद उसकी वैश्विक यात्रा सीमित हो जाएगी.

जल्दीबाजी में दी नागरिकता

इस घटनाक्रम ने वनुआतू की नागरिकता-इन्वेस्टमेंट योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. माना जा रहा है कि सरकार ने जल्दबाजी में ललित मोदी को नागरिकता दी, बिना उसकी पृष्ठभूमि की सही जांच किए. अब जब उसका पासपोर्ट रद्द किया जा रहा है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी आगे क्या कदम उठाता है और भारत सरकार उसे वापस लाने के लिए क्या प्रयास करती है.

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