मिस्र के गीजा पिरामिड के नीचे छिपा है विशाल शहर! रिसर्च पर क्या बोले एक्सपर्ट?
इतालवी और स्कॉटिश वैज्ञानिकों के एक समूह ने सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) तकनीक का उपयोग करके गीज़ा के पिरामिडों के नीचे एक 'विस्तृत भूमिगत शहर' की खोज करने का दावा किया है. हालांकि, कई विशेषज्ञों ने इन दावों को 'फर्जी समाचार' के रूप में खारिज कर दिया है. प्रसिद्ध पुरातत्वविद् डॉ. ज़ाही हवास ने अध्ययन में उपयोग की गई रडार तकनीक को वैज्ञानिक रूप से अमान्य बताया है और पूरी रिपोर्ट को झूठा करार दिया है.

Giza Pyramids Secret Chamber: मिस्र के गीजा पिरामिडों को लेकर हाल ही में एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है, जिसमें उनके नीचे एक विशाल भूमिगत शहर की मौजूदगी की बात कही गई है. यह दावा इटली और स्कॉटलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है, जिन्होंने उन्नत रडार तकनीक का उपयोग करके इस संभावित संरचना का पता लगाया है.
शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) तकनीक का उपयोग करते हुए पिरामिडों के नीचे लगभग 2,100 फीट गहराई तक फैली आठ बेलनाकार संरचनाओं की पहचान की है. इन संरचनाओं में कई स्तर और ज्यामितीय मार्ग हो सकते हैं, जो एक विस्तृत भूमिगत नेटवर्क का संकेत देते हैं. इसके अलावा, उन्होंने 4,000 फीट की गहराई पर अन्य अज्ञात संरचनाओं के संकेत भी पाए हैं, जिनमें कमरे जैसे भवन और एक सर्कोफैगस शामिल हो सकते हैं.
मिस्र के पूर्व पुरातत्व मंत्री ने शोध को बताया 'फेक न्यूज'
हालांकि, इन दावों को लेकर पुरातत्वविदों और विशेषज्ञों के बीच मतभेद हैं. मिस्र के पूर्व पुरातत्व मंत्री और पिरामिडों के जानकार ज़ाही हवास ने इस शोध को पूरी तरह से नकारते हुए इसे 'फेक न्यूज' करार दिया है. उनका कहना है कि दशकों के शोध में ऐसी कोई विशाल भूमिगत संरचनाएं नहीं पाई गई हैं. हवास ने पिरामिड के अंदर रडार का उपयोग करने के दावे को झूठा बताया है.
'गीजा पठार पर दूसरा सबसे बड़ा पिरामिड'
बता दें कि स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइट यूनिवर्सिटी के फिलिपो बियोन्डी और इटली की पीसा यूनिवर्सिटी के कोराडो मालंगा ने शोधकर्ताओं के अभियान का नेतृत्व किया. उन्होंने दावा किया कि गीजा पठार पर दूसरा सबसे बड़ा पिरामिड है. ऐसा कहा जाता है कि गीजा पिरामिड परिसर में ग्रेट पिरामिट, खफरे का पिरामिड, मेनकौर का पिरामिड और ग्रेट स्फिंक्स शामिल है. हर एक पिरामिड का नाम प्राचीन सभ्यता के शासक के नाम पर रखा गया है.
गीज़ा पिरामिडों के नीचे संभावित भूमिगत शहर की यह खोज प्राचीन मिस्र की सभ्यता और वास्तुकला के अध्ययन में नई रोशनी डाल सकती है. हालांकि, इस दावे की पुष्टि के लिए और गहन शोध और प्रमाणों की आवश्यकता है. यदि यह दावा सत्य साबित होता है, तो यह इतिहास की एक महत्वपूर्ण खोज होगी, जो मिस्र के पिरामिडों के रहस्यों को और गहराई से समझने में मदद करेगी.