SC ने प्रदूषण पर दिल्ली सरकार को लगाई फटकार, BS-4 और उससे ऊपर की गाड़ियों को चलाने की दी छूट
दिल्ली में BS-4 और उससे ऊपर के वाहनों को चलाने की छूट देने और प्रदूषण न लगाम लगाने में विफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर नियमों में ढील देना जनस्वास्थ्य के साथ समझौता है. शीर्ष अदालत ने सरकार से पूछा कि जब GRAP जैसे सख्त नियम बने हैं तो फिर उन्हें कमजोर क्यों किया जा रहा है.
देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर ढील देने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. शीर्ष अदालत ने पुरानी गाड़ियों को चलाने की छूट दिए जाने पर सवाल उठाते हुए साफ कहा कि जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब श्रेणी में है, तब तक इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने दो टूक कहा कि जनस्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा.
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इन वाहनों पर नहीं होगी कार्रवाई
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को अपने पहले के आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि अगर दिल्ली में चलते हुए पाए जाने पर सिर्फ BS4 और उससे ऊपर की गाड़ियों को चलाने पर ही कार्रवाई से छूट मिलेगी. यह आदेश 18 दिसंबर से 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर बैन लगाने के बारे में था.
2024 में लॉन्च हुआ था BS-IV
भारत में 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ी और उसकी 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी में BS-III (भारत स्टेज 3) इंजन होने की संभावना है. BS-IV इंजन अगले साल लॉन्च किए गए थे.
CAQM के अनुरोध पर स्थिति की स्पष्ट
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए आदेश दिया था कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी. इससे गाड़ी मालिकों और लागू करने वाली एजेंसियों दोनों के लिए एक कन्फ्यूजन की स्थिति बन गई थी. कोर्ट की यह सफाई आज कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट या CAQM के अनुरोध के बाद आई है.
सुप्रीम कोर्ट ने खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की सेहत का जिक्र करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण इन वर्गों पर सबसे ज्यादा असर डालता है. ऐसे में सरकार की प्राथमिकता आम जनता के स्वास्थ्य की रक्षा होनी चाहिए, न कि अस्थायी सुविधा देना.
टोल प्लाजा कहीं और शिफ्ट करे मकड़-NHAI
दिल्ली-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए. अदालत ने NHAI और MCD से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर नौ टोल प्लाजा को या तो अस्थायी रूप से बंद करने या उन्हें दूसरी जगह ले जाने पर विचार करें ताकि सामान्य भारी ट्रैफिक जाम को कम किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण संकट को 'हर साल होने वाली समस्या' बताया और इस खतरे से निपटने के लिए व्यावहारिक और कारगर समाधान निकालने की बात कही.
AQI में सुधार होने तक कोई ढील नहीं
कोर्ट ने संकेत दिए कि AQI में स्पष्ट सुधार होने तक किसी भी तरह की ढील उचित नहीं है. प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा. बता दें कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण की स्थिति नाजुक है. एक्यूआई लगातार बेहतर गंभीर श्रेणी में दर्ज हो रहा है.





