9 साल के बच्चे ने ID कार्ड की डोरी को बना लिया फांसी का फंदा, क्लास में स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर उड़ाया गया था मजाक
हैदराबाद से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां क्लास 4 में पढ़ने वाले 9 साल के बच्चे ने कथित तौर पर स्कूल में यूनिफॉर्म को लेकर उड़ाए गए मजाक से आहत होकर आत्महत्या कर ली. बताया गया कि स्कूल से लौटने के बाद घर में अकेले होने पर बच्चे ने बाथरूम में अपनी स्कूल ID कार्ड की डोरी से फांसी लगा ली. परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस मामले की जांच कर रही है और स्कूल में बुलिंग को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
हैदराबाद से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां चौथी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के मासूम बच्चे ने कथित तौर पर स्कूल में यूनिफॉर्म को लेकर की जा रही लगातार छींटाकशी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. इस घटना ने न सिर्फ परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और बुलिंग (Bullying) के गंभीर खतरे पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
मृतक बच्चे की पहचान प्रशांत के रूप में हुई है, जो हैदराबाद के चंदानगर इलाके का रहने वाला था. पुलिस के अनुसार, स्कूल से लौटने के बाद जब वह घर पर अकेला था, तब उसने यह खौफनाक कदम उठाया. घटना की सूचना मिलते ही इलाके में शोक और गुस्से का माहौल फैल गया.
यूनिफॉर्म को लेकर कथित तौर पर उड़ाया जाता था मज़ाक
पुलिस जांच में सामने आया है कि प्रशांत को उसके सहपाठी स्कूल यूनिफॉर्म ठीक से न पहनने को लेकर बार-बार चिढ़ाते और मज़ाक उड़ाते थे. इसी वजह से वह मानसिक रूप से काफी परेशान रहने लगा था. परिजनों का कहना है कि बच्चा इस बात को लेकर अंदर ही अंदर टूट चुका था.
घर में अकेला था, बाथरूम में उठाया खौफनाक कदम
मंगलवार शाम स्कूल से लौटने के बाद प्रशांत घर पर अकेला था. आरोप है कि उसी दौरान वह बाथरूम में गया और स्कूल आईडी कार्ड के लैनयार्ड का इस्तेमाल कर फांसी लगा ली. कुछ देर बाद जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो उसे तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस जांच में जुटी, माता-पिता के बयान दर्ज
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को गांधी अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे के शव को उसके पैतृक गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस ने बच्चे के माता-पिता के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है.
पिता बोले- “बेटा बहुत एक्टिव था, किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी”
मृतक के पिता शंकर ने समाचार एजेंसी IANS से बातचीत में कहा कि बेटा बहुत एक्टिव था और किसी से उसकी कोई परेशानी नहीं थी. शंकर उसी अपार्टमेंट में वॉचमैन का काम करते हैं जहां परिवार रहता है. इससे पहले वह उसी स्कूल में ड्राइवर के तौर पर काम कर चुके हैं, जहां प्रशांत पढ़ता था.
स्कूलों में बुलिंग पर फिर उठे सवाल
इस दर्दनाक घटना के बाद एक बार फिर स्कूलों में बुलिंग की गंभीर समस्या चर्चा में आ गई है. पुलिस और शिक्षा विभाग का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों में उत्पीड़न रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान मौजूद हैं. अधिकारियों के मुताबिक, दोषी पाए जाने वाले छात्रों पर तत्काल निलंबन (Suspension) दूसरे स्कूल में ट्रांसफर, अनिवार्य काउंसलिंग, उम्र और अपराध की गंभीरता के आधार पर कानूनी कार्रवाई, जैसे कदम उठाए जा सकते हैं.





