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ChatGPT पर आप भी आंख बंद कर करते हैं भरोसा? इसे बनाने वाले की यह बात आपको शायद अच्‍छी न लगे

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में सबसे आगे माने जाने वाले चैटबॉट ChatGPT पर अब खुद उसके निर्माता ने सवाल खड़े कर दिए हैं. OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि लोग ChatGPT पर जिस तरह 'बेहद अधिक भरोसा' कर रहे हैं, वह 'दिलचस्प' ही नहीं, बल्कि चिंताजनक भी है.

ChatGPT पर आप भी आंख बंद कर करते हैं भरोसा? इसे बनाने वाले की यह बात आपको शायद अच्‍छी न लगे
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 2 July 2025 10:50 AM

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में क्रांति लाने वाले चैटबॉट ChatGPT पर अब खुद उसके निर्माता OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भरोसा न करने की सलाह दी है. OpenAI के आधिकारिक पॉडकास्ट के पहले एपिसोड में बोलते हुए ऑल्टमैन ने कहा, “लोग ChatGPT पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं, जबकि यह तकनीक अक्सर ‘हैलुसिनेट’ करती है यानी झूठा या गुमराह करने वाला जवाब दे सकती है. यह ऐसी तकनीक है जिस पर ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए.”

सैम ऑल्टमैन ने यह भी माना कि AI में लगातार सुधार हो रहा है, जैसे कि पर्सिस्टेंट मेमोरी और एड-सपोर्टेड मॉडल, लेकिन इसके साथ ही नए प्राइवेसी खतरे भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने साफ कहा, “हमें इसकी सीमाओं के बारे में ईमानदारी से बात करनी चाहिए. यह अभी भी बहुत भरोसेमंद नहीं है.”

AI हैलुसिनेट करता है, इसलिए इस पर इतना भरोसा नहीं किया जाना चाहिए

OpenAI के आधिकारिक पॉडकास्ट के पहले एपिसोड में बोलते हुए ऑल्टमैन ने कहा, “लोग ChatGPT पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं, जो दिलचस्प है, क्योंकि AI हैलुसिनेट करता है. यह एक ऐसी तकनीक है जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जाना चाहिए.'' उनका इशारा उस तकनीकी खामी की तरफ था, जहां AI कभी-कभी गलत, भ्रामक या पूरी तरह काल्पनिक जानकारी भी ‘सटीक’ अंदाज़ में पेश कर देता है.

कॉपिराइट विवादों में घिरी OpenAI

यह बयान ऐसे समय आया है जब OpenAI पर The New York Times सहित कई मीडिया संस्थानों ने कंटेंट चोरी और कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर मुकदमे ठोक दिए हैं. आरोप है कि ChatGPT जैसे AI मॉडल बिना इजाज़त लाखों लेख और खबरों को ट्रेनिंग डेटा के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. ऑल्टमैन ने कहा कि OpenAI को इस पर पारदर्शिता से काम करना होगा.

AI हार्डवेयर पर U-Turn: 'पुराने कंप्यूटर अब बेकार होंगे'

सैम ऑल्टमैन ने एक और बड़ा यू-टर्न लेते हुए स्वीकार किया कि उन्हें अब लगता है कि मौजूदा कंप्यूटर और डिवाइसेज़ AI के युग के लिए पर्याप्त नहीं हैं. “हम जिन कंप्यूटरों और सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे उस दुनिया के लिए बने थे जहां AI का वजूद ही नहीं था. अब हमें ऐसे सिस्टम्स चाहिए जो ज्यादा समझदार हों और यूज़र की ज़िंदगी से सीधे जुड़े हों.”

भविष्य की कल्पना

अपने भाई जैक ऑल्टमैन के पॉडकास्ट में सैम ने बताया कि आने वाले समय में AI सिस्टम्स सिर्फ स्क्रीन या कीबोर्ड से सीमित नहीं होंगे. “भविष्य में AI आपकी ज़िंदगी की परिस्थितियों और परिवेश को समझेगा - यानी वह केवल टाइपिंग और स्क्रीन पर आधारित नहीं होगा, बल्कि आपके साथ ‘रियल टाइम’ में काम करेगा.”

तो क्या ChatGPT पर अब भरोसा करना सही है?

यह सवाल अब सबके सामने है. जब खुद OpenAI प्रमुख ChatGPT की भरोसेमंदी पर शक जता रहे हैं, तो आम यूज़र्स को भी AI के जवाबों को आंख मूंदकर स्वीकार करने से पहले सतर्क रहना होगा.

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