'असीम मुनीर को सम्मान नहीं, गिरफ्तार करना चाहिए...' पेंटागन के पूर्व अधिकारी का बड़ा बयान, भारत से माफी मांगे अमेरिका
पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने अमेरिका की पाकिस्तान नीति को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि इस्लामाबाद के प्रति वाशिंगटन का रवैया किसी भी रणनीतिक तर्क से परे है. अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था, जबकि पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ लगाया गया. रुबिन के अनुसार यह फैसला स्पष्ट रूप से गलत था और वाशिंगटन को भारत से माफी मांगनी चाहिए.
अमेरिकी नीतियों और पाकिस्तान के साथ वाशिंगटन के संबंधों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है. पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने अमेरिका की पाकिस्तान नीति को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि इस्लामाबाद के प्रति वाशिंगटन का रवैया किसी भी रणनीतिक तर्क से परे है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की कई नीतियां और गतिविधियां अमेरिकी हितों के बिल्कुल विरुद्ध हैं.
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रुबिन ने यह भी कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश" घोषित करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से फील्ड मार्शल असीम मुनीर की व्हाइट हाउस यात्रा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर मुनीर अमेरिकी धरती पर कदम रखते हैं तो “उन्हें सम्मान देने के बजाय गिरफ्तार किया जाना चाहिए.”
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अमेरिका–पाकिस्तान संबंधों पर सवाल
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, माइकल रुबिन ने साफ कहा “अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को गले लगाने का कोई रणनीतिक तर्क नहीं है. उसे एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी नहीं होना चाहिए. उसे आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित कर देना चाहिए, बस. अगर असीम मुनीर अमेरिका आता है, तो उसे सम्मानित करने के बजाय गिरफ्तार किया जाना चाहिए.” उनका कहना है कि लंबे समय से पाकिस्तान पर चरमपंथी संगठनों को समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं, फिर भी अमेरिका द्वारा इस्लामाबाद को लगातार रणनीतिक महत्व दिया जाता है, जो कि खुद अमेरिकी हितों के लिए नुकसानदेह है.
भारत से माफी की मांग पर जोर
रुबिन ने हाल के महीनों में भारत के साथ पैदा हुए व्यापारिक तनावों पर भी चिंता जताई. अगस्त में भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था, जबकि पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ लगाया गया. रुबिन के अनुसार यह फैसला स्पष्ट रूप से गलत था और वाशिंगटन को भारत से माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “हमें पर्दे के पीछे शांत कूटनीति की जरूरत है और शायद किसी बिंदु पर, पिछले साल हमने भारत के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, उसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक मुखर माफी की जरूरत है... राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प माफी मांगना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका, विश्व लोकतंत्रों के हित एक व्यक्ति के अहंकार से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं.”
असीम मुनीर बने रक्षा प्रमुख
पाकिस्तान में सत्ता समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर को पांच साल के लिए देश का पहला रक्षा प्रमुख (Chief of Defence Forces -CDF) नियुक्त कर दिया है. साथ ही उन्हें सेना प्रमुख (COAS) के पद पर भी बने रहने की मंजूरी मिली है. यह कदम सैन्य शक्ति को और अधिक केंद्रीकृत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी घोषणा में कहा गया “राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर को पांच साल के लिए सीडीएफ के साथ-साथ सीओएएस के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.” यह नियुक्ति उस समय की गई है जब हफ्तों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि शहबाज शरीफ सरकार मुनीर को और अधिक अधिकार देने की तैयारी कर रही है. रक्षा बलों के प्रमुख का पद पिछले महीने संविधान के 27वें संशोधन के तहत बनाया गया था.





