चारधाम यात्रा 2025: यमुनोत्री से लेकर बाबा केदार तक, जानें कब बंद होंगे कपाट, गंगोत्री धाम के लिए पूरी हो चुकी है तैयारी
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच रही है. 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट से शुरू हुई इस दिव्य यात्रा का समापन 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ होगा. छह महीनों तक चली इस यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे और भगवान बदरी-केदार, मां गंगा और यमुना के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है. इस बार यात्रा 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से शुरू हुई थी और श्रद्धालुओं ने महीनों तक भगवान के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया. अब जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है और हिमालय में बर्फ जमने लगी है, यात्रा के शीतकालीन समापन की तैयारी पूरी हो चुकी है.
श्रद्धालुओं के लिए गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीखें निर्धारित कर दी गई हैं. जहां गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है. चलिए जानते हैं कब बंद होंगे चार धाम के कपाट.
कब बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट
चारधाम यात्रा के समापन की शुरुआत 22 अक्टूबर से होगी, जब मां गंगा के पवित्र धाम गंगोत्री के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जाएंगे. मंदिर प्रशासन ने इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. अन्नकूट पर्व के दिन पूर्वाह्न 11 बजकर 36 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में कपाट बंद किए जाएंगे. गंगोत्री मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष 20 अक्टूबर तक करीब 7 लाख 57 हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए. दीपावली के दिन ही 937 भक्तों ने गंगोत्री पहुंचकर पूजा-अर्चना की.
23 अक्टूबर को बंद होंगे यमुनोत्री और केदारनाथ धाम
गंगोत्री के बाद 23 अक्टूबर (भैया दूज) के दिन यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट भी बंद किए जाएंगे. इस दिन मां यमुना के भाई शनिदेव सोमेश्वर महाराज की डोली अपनी बहन को मायके खरसाली गांव ले जाने के लिए रवाना होगी. यहीं अगले छह महीनों तक मां यमुना की पूजा होगी. यमुनोत्री धाम की यात्रा भी इस बार बहुत सफल रही. इसी दिन केदारनाथ धाम के कपाट भी सुबह 8:30 बजे विधिविधान से बंद होंगे. इसके बाद बाबा केदार की पूजा अगले छह महीनों तक रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में की जाएगी, जिसे भगवान शिव का शीतकालीन प्रवास स्थल माना जाता है.
बदरीनाथ धाम के कपाट
चारधाम यात्रा का अंतिम पड़ाव बदरीनाथ धाम है. भगवान विष्णु के इस पवित्र धाम के कपाट 25 नवंबर 2025 को बंद किए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले के ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मंदिर में की जाएगी, जबकि भगवान उद्धव और कुबेर जी की पूजा पांडुकेश्वर में संपन्न होगी.
भक्तिभाव, आस्था और आत्मिक शांति की यात्रा चारधाम
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था, भक्ति और आत्मिक शांति का प्रतीक बनकर आती है. ऊंचे बर्फीले पहाड़ों के बीच भगवान के इन चार धामों की यात्रा को जीवन में एक बार करने योग्य माना जाता है. इस वर्ष की यात्रा में मौसम ने अनुकूलता दिखाई, जिससे रिकॉर्ड संख्या में भक्तों ने दर्शन किए. अब मां गंगा, यमुना, बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल अपने शीतकालीन स्थलों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं, ताकि हिमालय के दुर्गम मार्ग फिर से अगली गर्मी में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो सकें.