योग और मेडिटेशन के लिए बेस्ट जगह! ऋषिकेश में बन रहा दुनिया का पहला वेलनेस सेंटर 'धन्वंतरि धाम', जानें खासियत
Dhanwantri Dham: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में विश्व का पहला धन्वंतरि धाम बना रहे हैं. परियोजना को 'हर्बल वर्ल्ड हिमालय-श्री धन्वंतरि धाम' नाम दिया गया है. इसे पारंपरिक आयुर्वेद व आधुनिक इलाज को जोड़ने वाला केंद्र बताया जा रहा है.

Dhanwantri Dham: उत्तराखंड सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार नए-नए कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में विश्व का पहला धन्वंतरि धाम बना रहे हैं. सीएम धामी ऋषिकेश के यमकेश्वर में पहले धन्वंतरि महोत्सव को संबोधित किया, जिसमें वह वर्चुअली शामिल हुए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रहा है. पहाड़ी इलाकों से मिलने वाली जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल सदियों से अलग-अलग बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है. इसी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में धन्वंतरि धाम का निर्माण किया जा रहा है.
आयुर्वेद को नई ऊर्चा
कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में आयुर्वेद को नई ऊर्जा मिल रही है. आने वाले सालों में उत्तराखंड योग, आयुर्वेद और शोध के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा और वर्ल्ड आयुर्वेद हब बनेगा. इस संबंध में रिसर्च के लिए 10 लाख रुपये का लोन देनी की व्यवस्था की गई है.
धन्वंतरि धाम की खासियत
- धामी सरकार एक अनोखा आयुर्वेदिक वेलनेस केंद्र बना रही है. परियोजना को 'हर्बल वर्ल्ड हिमालय-श्री धन्वंतरि धाम' नाम दिया गया है. इसे पारंपरिक आयुर्वेद व आधुनिक इलाज को जोड़ने वाला केंद्र बताया जा रहा है.
- यह मंदिर भगवान धन्वंतरि (आयुर्वेद के जनक) को समर्पित धामों में से एक है.
- यह धाम ऋषिकेश के पास यमकेश्वर (मालाग्राम) में पहाड़ी इलाके में बन रहा है, जहां प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का अच्छा खजाना है.
- धाम में सात्त्विक और हर्बल आहार पर खास ध्यान दिया जाता है ताकि शरीर खुद को प्राकृतिक रूप से हील कर सके.
- इसका उद्देश्य आयुर्वेदिक सिद्धांतों को वनस्पति-विज्ञान और आधुनिक रिसर्च के साथ जोड़कर उपचार और प्रशिक्षण देना.
- यहां योग, प्राणायाम और मेडिटेशन पर नियमित कार्यक्रम किए जाएंगे, जिससे शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है.
- यह सिर्फ इलाज का केंद्र नहीं होगा, बल्कि शोध, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं के जरिए आयुर्वेदिक ज्ञान फैलाने का मंच भी बनेगा.
- धाम को राज्य में चल रहे वेलनेस और आयुष नेटवर्क के बड़े ढांचे के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.
- परियोजना का लक्ष्य हिमालयी जड़ी-बूटियों व पारंपरिक ज्ञान को बाजार और वैश्विक मंच पर लाना है, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ मिल सके.
- पहाड़ियों, जंगलों और स्वच्छ वातावरण के बीच स्थित होने के कारण ध्यान और साधना के लिए आदर्श स्थान है.