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23 महीने बाद जेल से रिहा हुए आजम खान लेकिन कितने दिनों तक रहेंगे बाहर? बेटों के साथ रामपुर को हुए रवाना

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए हैं. उनके बेटे अब्दुल्ला और अदीब के साथ रामपुर लौटते ही सियासी हलचल तेज हो गई है. आजम खान पर 104 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें कई गंभीर मामले अब भी लंबित हैं. हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद राहत तो मिल गई है, लेकिन सवाल ये है कि क्या वह लंबे समय तक जेल से बाहर रह पाएंगे या फिर एक बार और सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा.

23 महीने बाद जेल से रिहा हुए आजम खान लेकिन कितने दिनों तक रहेंगे बाहर? बेटों के साथ रामपुर को हुए रवाना
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 23 Sept 2025 12:56 PM

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए हैं. मंगलवार दोपहर 12.30 बजे उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई और वे सीधे रामपुर रवाना हो गए. उनके साथ बेटे अब्दुल्ला आजम और बड़े बेटे अदीब भी मौजूद रहे. हालांकि, सवाल यह है कि क्या आजम खान लंबे समय तक जेल से बाहर रह पाएंगे?

आजम खान पर कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 93 सिर्फ रामपुर में दर्ज हुए हैं. इनमें जमीन कब्जा, धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी से लेकर भड़काऊ भाषण और यहां तक कि बकरी-भैंस चोरी जैसे मामले शामिल हैं. अब तक 12 मामलों में फैसला आ चुका है, जिनमें कुछ में सजा और कुछ में बरी हुए हैं. लेकिन करीब 80 से ज्यादा मामले अभी भी लंबित हैं.

रिहाई के बाद भविष्य को लेकर संशय क्यों?

सीतापुर जेल के बाहर आजम खान के समर्थकों में खुशी का माहौल था. सपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारेबाजी से उनका स्वागत किया. लेकिन कानूनी पचड़े को देखते हुए समर्थक भी आशंकित हैं कि यह रिहाई कितने समय तक बरकरार रह पाएगी.

क्या कोर्ट के फैसले फिर बदल देंगे खेल?

आजम खान को फिलहाल जमानत पर रिहा किया गया है. लेकिन उनके खिलाफ चल रहे 59 मामले मजिस्ट्रेट कोर्ट में और 19 मामले सेशन कोर्ट में विचाराधीन हैं. कुछ मामलों की सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है और फैसले जल्द आने की उम्मीद है. ऐसे में यह खतरा बना हुआ है कि किसी भी मामले में सजा होने पर आजम खान को फिर से जेल जाना पड़ सकता है.

कब-कब लगे आजम खान को बड़े झटके?

2022 में भड़काऊ भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा और विधायकी गंवाना, अब्दुल्ला आजम के जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा, डुंगरपुर जमीन कब्जा मामले में दस साल की सजा और मशीन चोरी मामले में सात साल की सजा – यह सभी झटके आजम खान की राजनीतिक और कानूनी स्थिति को लगातार कमजोर करते रहे हैं.

क्या पूरे परिवार पर केसों का बोझ बनेगा भारी?

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला पर 43, पत्नी तंजीम फातिमा पर 35 और बड़े बेटे अदीब पर 20 केस दर्ज हैं. यानी पूरे परिवार पर करीब पौने दो सौ मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे में परिवार की कानूनी लड़ाई बेहद लंबी और उलझी हुई दिखाई देती है. यह भी साफ है कि आने वाले सालों में इस परिवार को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ेंगे.

सपा के लिए क्या मायने रखती है आजम खान की रिहाई?

आजम खान की रिहाई को समाजवादी पार्टी एक बड़ी राहत मान रही है. सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि सरकार ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया था और अदालत ने राहत दी है. लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जब तक मुकदमों का बोझ बना रहेगा, आजम खान की सक्रिय राजनीति करना आसान नहीं होगा.

आगे की राह क्यों कठिन है?

हालांकि आजम खान फिलहाल जेल से बाहर आ गए हैं, लेकिन कानूनी मोर्चे पर उनकी चुनौतियां कम नहीं हुई हैं. उनके कई मुकदमे फैसले की दहलीज पर खड़े हैं. किसी भी वक्त आने वाले फैसले उनके लिए नए संकट खड़े कर सकते हैं. यही वजह है कि सवाल उठ रहा है – क्या आजम खान अब सचमुच जेल से बाहर रह पाएंगे, या जल्द ही फिर सलाखों के पीछे लौटेंगे?

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