आजम खान की रिहाई में कहां अटका है पेंच? सीतापुर जेल के बाहर समर्थकों की भीड़, 23 महीने बाद आएंगे बाहर
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान 23 महीने जेल में रहने के बाद मंगलवार को रिहा हुए. सीतापुर जेल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा रही. 3000 रुपये के जुर्माने के भुगतान के कारण रिहाई में थोड़ी देरी हुई. क्वालिटी बार केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत और परिवार के कई मामलों के बीच आजम खान की रिहाई ने राजनीतिक हलकों में चर्चा बढ़ा दी है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान आज को 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा होंगे. रिहाई के दिन सुबह से ही जेल के बाहर समर्थकों की भीड़ जमा हो गई. प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं और कई वाहनों का चालान किया. सुबह आठ बजे रिहाई तय थी, लेकिन 3000 रुपये के जुर्माने के भुगतान के कारण प्रक्रिया कुछ समय के लिए टाल दी गई.
आजम खान को क्वालिटी बार पर कब्जे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. इस मामले में 21 नवंबर 2019 को एफआईआर दर्ज की गई थी. रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने पहले उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद आजम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 21 अगस्त 2025 को जमानत मंजूर हुई.
2014 का था मामला
क्वालिटी बार का मामला 2014 का है. पांच साल बाद 2019 में आजम खान के परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. शुरू में आजम का नाम आरोपी के तौर पर नहीं था, लेकिन 2024 में जांच के दौरान उनका नाम जोड़ा गया. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
जेल के बाहर सुरक्षा कड़ी
रिहाई के दिन सीतापुर को जाने वाली सड़कों पर धारा 144 लागू की गई. पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि समर्थकों की भीड़ नियंत्रण से बाहर न जाए. नवरात्रि और अन्य आयोजनों का हवाला देते हुए पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए लगातार निगरानी की. कई वाहनों का चालान किया गया और नंबर नोट किए गए.
जुर्माना और रिहाई की शर्त
आजम खान की रिहाई 3000 रुपये के जुर्माने के भुगतान से जुड़ी थी. सुबह 10 बजे कोर्ट खुलने के बाद चालान जमा कराया जाएगा और रसीद जेल में दिखाने के बाद ही रिहाई प्रक्रिया पूरी होगी. यह प्रक्रिया दोपहर 12 बजे तक पूरी होने की संभावना है.
परिवार और समर्थकों की चुनौती
आजम खान के बेटे अदीब आजम को जेल के बाहर रुकने की अनुमति नहीं दी गई. पुलिस ने उनकी गाड़ी को जेल के सामने रोकने से रोका और नंबर नोट किए. इस दौरान समर्थकों और परिवार ने संयम बनाए रखा और सुरक्षा के निर्देशों का पालन किया.
जेल में बिताए 23 महीने और जमानत का पेंच
आजम खान पिछले 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद थे. जमानत लेने के बाद भी जुर्माना न जमा करने पर रिहाई टल गई. हाईकोर्ट ने यह तर्क मानकर जमानत दी कि उन्हें पांच साल बाद आरोपी बनाया गया, जबकि एफआईआर में देरी का कोई स्पष्ट कारण अभियोजन पक्ष से नहीं पूछा गया.
आजम खान पर दर्ज अन्य मामले
आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ जमीन हड़पने, धोखाधड़ी और धमकी से जुड़े लगभग 200 मामले दर्ज हैं, जिनमें अकेले आजम खान पर 100 से ज्यादा मुकदमे हैं. अधिकांश मामले 2017 के बाद सपा सरकार के जाने के बाद दर्ज किए गए. हाल के दिनों में उन्हें कई मामलों में राहत मिली है और अब उनकी रिहाई से राजनीतिक गतिविधियों में भी सक्रियता बढ़ सकती है.