नए साल से पहले DST का एक्शन, टोंक में 150 किलो विस्फोटक बरामद, खाद में छुपाकर ले जा रहे थे आरोपी
राजस्थान के टोंक जिले में बुधवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पुलिस ने एक बड़े विस्फोटक रैकेट का पर्दाफाश कर दिया. यह कोई आम कार्रवाई नहीं थी, बल्कि खुफिया जानकारी के आधार पर रची गई एक सटीक रणनीति थी, जिसने समय रहते एक गंभीर खतरे को टाल दिया. जिला स्पेशल टास्क फोर्स (DST) की इस कार्रवाई ने न सिर्फ अवैध विस्फोटकों की खेप पकड़ी, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि अपराधी अब कितने शातिर तरीके अपनाने लगे हैं.
नए साल की दहलीज़ पर जहां लोग जश्न की तैयारियों में जुटे थे, वहीं राजस्थान के टोंक जिले में डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टास्क फोर्स (DST) ने एक बड़ी और चौंकाने वाली कार्रवाई को अंजाम दिया. खुफिया सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में 150 किलो खतरनाक विस्फोटक बरामद किया गया, जिसे आरोपी खाद के कट्टों में छुपाकर ले जा रहे थे.
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समय रहते पकड़ी गई इस साजिश ने न सिर्फ एक संभावित बड़े हादसे को टाल दिया, बल्कि अवैध विस्फोटक सप्लाई नेटवर्क की ओर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस विस्फोटक खेप का इस्तेमाल कहां और किस मकसद से किया जाना था.
यूरिया के कट्टों में छुपा विस्फोटक
DST को पहले से ही एक संदिग्ध खेप की जानकारी मिल चुकी थी. टीम ने बिना देर किए टोंक के बारोनी थाना क्षेत्र में नाकेबंदी की. जैसे ही एक कार संदिग्ध हालत में पहुंची, पुलिस ने उसे रोक लिया. बाहर से देखने पर यह एक आम वाहन लग रहा था, लेकिन अंदर छिपा था बड़ा खतरा. जब पुलिस ने कार की तलाशी ली, तो सन्न रह गई. गाड़ी में रखे यूरिया खाद के कट्टों के भीतर 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट छुपाकर ले जाया जा रहा था. यह वही रसायन है, जिसका गलत इस्तेमाल बड़े धमाकों के लिए किया जा सकता है. आरोपियों ने इसे खाद के रूप में छिपाकर ले जाने की कोशिश की, ताकि रास्ते में कोई शक न करे.
1100 सेफ्टी फ्यूज वायर भी हुए बरामद
कार से सिर्फ अमोनियम नाइट्रेट ही नहीं, बल्कि 200 विस्फोटक कार्ट्रिज और करीब 1100 सेफ्टी फ्यूज वायर भी बरामद किए गए. इतनी बड़ी मात्रा यह साफ संकेत दे रही थी कि मामला किसी छोटे अपराध का नहीं, बल्कि संगठित नेटवर्क का है. पुलिस ने तुरंत कार को जब्त कर लिया.
दो आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को मौके से गिरफ्तार किया. दोनों की पहचान सुरेंद्र पाटवा और सुरेंद्र मोची के रूप में हुई है, जो राजस्थान के बूंदी जिले के निवासी बताए जा रहे हैं. शुरुआती जांच में सामने आया है कि विस्फोटक सामग्री बूंदी से टोंक लाई जा रही थी. हालांकि, पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह सामग्री कहां से लाई गई थी और इसका इस्तेमाल किस मकसद से किया जाना था.
पुलिस का बयान और आगे की जांच
डीएसपी मृत्युंजय मिश्रा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि विस्फोटक एक मारुति सियाज कार से बरामद किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पूरी कार्रवाई सटीक सूचना के आधार पर की गई और हर एंगल से जांच की जा रही है.
क्यों है यह मामला गंभीर?
अमोनियम नाइट्रेट एक बेहद संवेदनशील रसायन है, जो गलत हाथों में पड़ने पर भारी तबाही मचा सकता है. समय रहते इस खेप का पकड़ा जाना न सिर्फ पुलिस की सतर्कता दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अवैध विस्फोटक कारोबार पर नजर रखना कितना जरूरी है.





