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19 Minute Viral Video कैसे बना Google Trends? जानें भारत में आखिर क्यों वायरल हो जाते हैं लीक वीडियो

19 Minute Viral Video : सोशल मीडिया पर 19 मिनट के एक लीक वीडियो ने तहलका मचा दिया है. Google Trends के मुताबिक यह भारत में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले विषयों में शामिल हो गया. विशेषज्ञ इसे यौन जिज्ञासा, गोपनीयता उल्लंघन और डिजिटल वॉयरिज़्म का नतीजा मानते हैं. घटना ने डिजिटल एथिक्स, सहमति और ऑनलाइन जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आइए, जानते हैं कि 19 मिनट का वायरल वीडियो कैसे Google Trends बन गया.

19 Minute Viral Video कैसे बना Google Trends? जानें भारत में आखिर क्यों वायरल हो जाते हैं लीक वीडियो
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( Image Source:  X/SunilKu99641275 )

19 Minute Viral Video: बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर 19 मिनट के वायरल वीडियो को लेकर जबरदस्त चर्चा हो रही है. इंस्टाग्राम के मीम पेज हों, X के थ्रेड्स हों या फिर Reddit जैसे प्लेटफॉर्म... हर जगह लोग या तो इस कथित लीक वीडियो को खोजते नजर आए या फिर इसके नाम पर अप्रत्यक्ष लिंक शेयर करते दिखाई दिए. देखते ही देखते यह मामला डिजिटल बहस का हिस्सा बन गया.

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Google Trends के आंकड़ों के मुताबिक, इस लीक वीडियो से जुड़े सर्च अचानक तेजी से बढ़े और यह दक्षिण एशिया, खासकर भारत में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले विषयों में शामिल हो गया. यह घटना एक बार फिर इंटरनेट की उस स्याह सच्चाई को उजागर करती है, जहां गोपनीयता का उल्लंघन कुछ ही घंटों में मनोरंजन और जिज्ञासा का विषय बन जाता है.

आखिर लीक वीडियो इतने वायरल क्यों हो जाते हैं?

यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसे वीडियो सामने आते रहे हैं, जो कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर तूफान बन जाते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, इसकी जड़ में वर्जना (Taboo) और जिज्ञासा का खतरनाक मेल है. भारत जैसे समाज में रिश्ते, यौन संबंध और लिव-इन जैसे विषय अब भी सामाजिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं. ऐसे में जब किसी निजी पल की सार्वजनिक तौर पर सेंध लगती है, तो वह तुरंत उत्तेजना और बहस का कारण बन जाता है.

विशेषज्ञ मानते हैं कि लीक कंटेंट दो शक्तिशाली भावनाओं को एक साथ छेड़ता है- यौन जिज्ञासा और गोपनीयता के उल्लंघन का रोमांच... कई लोगों के लिए इसे देखना 'निषिद्ध सीमा' को पार करने जैसा अनुभव बन जाता है, जो उत्सुकता को और बढ़ा देता है. सोशल मीडिया ने इस प्रवृत्ति को कई गुना बढ़ा दिया है. अनाम अकाउंट्स, टेलीग्राम चैनल्स, रेडिट फोरम्स और क्लोज्ड ग्रुप्स ऐसे कंटेंट की जानकारी को सामान्य बना देते हैं. एल्गोरिदम भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं- ज्यादा क्लिक, ज्यादा शेयर और ज्यादा कमेंट का मतलब है ज्यादा पहुंच... यह पूरा सिस्टम डिजिटल वॉयरिज़्म को बढ़ावा देता है, जहां दूसरों की निजी जिंदगी तमाशा बन जाती है.

सेक्स एजुकेशन की कमी भी वजह

विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में संरचित सेक्स एजुकेशन की कमी इस समस्या को और गंभीर बनाती है. कई युवाओं के लिए इंटरनेट ही यौन जानकारी का सीक्रेट सोर्स बन जाता है, जहां न तो नैतिक संदर्भ होता है और न ही सहमति और सम्मान की समझ.

समाज की दोहरी सोच

ऐसे वीडियो की वायरलिटी समाज की दोहरी मानसिकता को भी उजागर करती है. एक ओर सार्वजनिक तौर पर नैतिकता और मर्यादा की बात होती है, दूसरी ओर निजी संबंधों के लीक होते ही वही समाज उसे देखने और फैलाने में जुट जाता है. इस पूरे घटनाक्रम में पितृसत्तात्मक सोच सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है. ज्यादातर मामलों में महिलाओं को ही शर्मसार किया जाता है, उन पर चरित्र हनन, ट्रोलिंग और सामाजिक बहिष्कार थोप दिया जाता है, जबकि वीडियो लीक करना खुद एक गंभीर अपराध है.

जवाबदेही और जागरूकता की जरूरत

यह घटना साफ संकेत देती है कि डिजिटल एथिक्स, कानूनी जागरूकता और जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है. भारत में गैर-सहमति से साझा किया गया निजी कंटेंट आईटी एक्ट और अन्य कानूनों के तहत दंडनीय अपराध है. विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे इंटरनेट का दायरा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे व्यापक सेक्स एजुकेशन, सहमति पर खुली बातचीत और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की सख्त जवाबदेही बेहद जरूरी हो गई है, ताकि किसी की निजी जिंदगी सार्वजनिक तमाशा न बने.

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