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गलती या लापरवाही? जोधपुर MBM यूनिवर्सिटी में 100 अंक के पेपर में छात्रों को मिले 120 मार्क्स, VC ने एजेंसी को ठहराया जिम्मेदार

जोधपुर की MBM इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी में 100 अंकों के पेपर में 120 अंक देने की बड़ी तकनीकी गलती सामने आई, जिसने छात्रों में गुस्सा और हड़कंप मचा दिया. गलती के तुरंत बाद परिणाम वेबसाइट से हटा दिए गए, जबकि छात्रों ने सही मार्कशीट की मांग शुरू कर दी. वाइस-चांसलर प्रो. अजय शर्मा ने इसे टेस्टिंग एजेंसी की चूक बताया और एजेंसी को नोटिस जारी किया.

गलती या लापरवाही? जोधपुर MBM यूनिवर्सिटी में 100 अंक के पेपर में छात्रों को मिले 120 मार्क्स, VC ने एजेंसी को ठहराया जिम्मेदार
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( Image Source:  Sora_ AI )

Jodhpur MBM University result controversy: जोधपुर स्थित एमबीएम इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी (MBM Engineering University) इन दिनों भारी विवादों में घिर गई है. यूनिवर्सिटी ने बीई सेकंड सेमेस्टर के छात्रों को 100 अंकों के पेपर में 120 अंक देकर अपनी साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह अजीबोगरीब गलती सामने आते ही छात्रों में हैरानी और गुस्सा फैल गया.

जानकारी के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने हाल ही में बीई द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए थे, लेकिन छात्रों ने जैसे ही मार्कशीट देखी, तो कईयों को 100 में से 120 तक अंक दिए गए थे. इस बड़ी तकनीकी चूक को लेकर सोशल मीडिया पर भी छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की आलोचना शुरू कर दी. हड़कंप मचने के बाद प्रशासन ने बिना किसी आधिकारिक स्पष्टीकरण के परिणाम वेबसाइट से हटा दिए.

'यूनिवर्सिटी प्रशासन न तो पारदर्शी है और न ही परीक्षा प्रक्रिया को लेकर गंभीर'

छात्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब एमबीएम यूनिवर्सिटी से ऐसी गलती हुई हो. इससे पहले भी अंकों में गड़बड़ी, डिग्री वितरण में देरी और डेटा मिसमैच जैसे मामले सामने आ चुके हैं. छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन न तो पारदर्शी है और न ही परीक्षा प्रक्रिया को लेकर गंभीर.

कंपाइलिंग में हुई गड़बड़ी से बढ़ी मुश्किलें

सूत्रों के अनुसार, यह गलती ग्रेडशीट तैयार करने के दौरान हुई. आंतरिक (internal) अंकों को गलती से मुख्य अंकों (external) के साथ जोड़ दिया गया था, जिससे कुल अंक 100 से अधिक हो गए. एक छात्र ने बताया, “यह प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. रिजल्ट जारी करने से पहले कोई वेरिफिकेशन नहीं किया गया था.”

अब कई छात्र यूनिवर्सिटी प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं ताकि उन्हें सही मार्कशीट मिल सके, जबकि छात्रों का कहना है कि गलती पूरी तरह प्रशासनिक है, फिर भी परेशानी उन्हें झेलनी पड़ रही है.

विश्वविद्यालय ने मानी गलती, एजेंसी पर ठीकरा फोड़ा

इस मामले पर एमबीएम यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर (VC) प्रो. अजय शर्मा ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि यह त्रुटि 'टेस्टिंग एजेंसी की चूक' के कारण हुई. उन्होंने बताया, “आंतरिक अंक गलती से 15–20 मिनट के लिए अपलोड हो गए थे. गलती का पता चलते ही परिणाम हटा दिए गए.” शर्मा ने आगे बताया कि संबंधित एजेंसी को नोटिस जारी किया जा चुका है.

राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी से मांगी फैक्चुअल रिपोर्ट

राज्य सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और यूनिवर्सिटी से फैक्चुअल रिपोर्ट मांगी है. यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने यह रिपोर्ट सरकार को भेज दी है.

एनएसयूआई ने दी तीन दिन की चेतावनी

इस पूरे प्रकरण में अब नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) भी सक्रिय हो गई है. जोधपुर जिला अध्यक्ष डॉ. बबलू सोलंकी के नेतृत्व में छात्र नेताओं ने कुलपति को ज्ञापन सौंपते हुए तीन दिन में कार्रवाई की मांग की है. डॉ. सोलंकी ने कहा, “यह गंभीर लापरवाही का मामला है. बिना वेरिफिकेशन के रिजल्ट कैसे जारी किया जा सकता है?”

अब जब सरकार ने रिपोर्ट मांगी है और छात्र संगठन विरोध पर उतर आए हैं, तो सबकी नजरें एमबीएम यूनिवर्सिटी की अगली कार्रवाई पर हैं. यह देखना होगा कि क्या यह विवाद यूनिवर्सिटी में पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की दिशा में कोई सुधार लाता है या नहीं.

RAJASTHAN NEWS
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