ईमानदार अधिकारी का प्रताड़ित होना बेहद दुखद... राजस्थान के वरिष्ठ IPS ने कहा- पूरन कुमार की मौत की पारदर्शी जांच होना जरूरी
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में राजस्थान के वरिष्ठ आईपीएस पंकज चौधरी ने दुख व्यक्त किया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ जातिगत प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. पंकज चौधरी ने कहा कि पुलिस अधिकारी पर इस तरह की प्रताड़ना पूरे देश की पुलिस के लिए शर्मनाक है.

Haryana IPS Y Puran Kumar suicide case: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या को लेकर राजस्थान के वरिष्ठ आईपीएस पंकज चौधरी ने दुख जताया है और घटना की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि पुलिस अधिकारी जाति, धर्म या क्षेत्र के आधार पर प्रभावित होता है तो वह न्याय नहीं कर पाएगा. इस तरह की घटनाएं पूरे देश की पुलिस के लिए शर्मनाक हैं.
आईपीएस पंकज चौधरी ने आगे कहा कि पुलिस अधिकारियों को लोगों के लिए रोल मॉडल माना जाता है, लेकिन जब खुद एक ईमानदार अधिकारी प्रताड़ना और दबाव का शिकार हो रहा है, तो यह बेहद दुखद है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच और सुसाइड नोट से संकेत मिलता है कि यह प्रताड़ना कोई एक-दो दिन की नहीं थी, बल्कि वर्षों से चल रही थी. चौधरी ने जोर देकर कहा कि इस मामले में पारदर्शी जांच होना जरूरी है ताकि दोषियों की पहचान हो और उन्हें उचित सजा मिले.
अमनीत पी. कुमार ने डीजीपी और एसपी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
इससे पहले, वाई. पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 पुलिस स्टेशन में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. अमनीत ने कहा कि उनके पति को जातिगत प्रताड़ना के कारण 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित आवास पर आत्महत्या करनी पड़ी. उन्होंने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 108 (उकसाने के लिए आत्महत्या) और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.
2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं अमनीत
अमनीत 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में हरियाणा के सिविल एविएशन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग में कमिश्नर पद पर कार्यरत हैं. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब राज्य और केंद्र सरकार की नजरें इस जांच पर टिकी हैं. पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि SIT निष्पक्षता के साथ जांच को आगे बढ़ाएगी.