हनीट्रैप में कैसे फंसा मंगत सिंह? ISI से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार; ऑपरेशन सिंदूर के समय से रखी जा रही थी नजर
राजस्थान इंटेलिजेंस के हाथों बड़ी सफलता लगी है. जहां टीम ने अलवर से मंगत सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिस पर पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है. यह सब कुछ आरोपी ने हनी ट्रैप के जाल में फंसकर किया.

अलवर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है. गोविंदगढ़ निवासी मंगत सिंह को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि मंगत को ईशा शर्मा नाम की पाकिस्तानी महिला हैंडलर ने हनीट्रैप के जाल में फंसाया.
मंगत सिंह की गतिविधियों पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान और उसके बाद से ही नजर रखी जा रही थी. अलवर का छावनी क्षेत्र बेहद संवेदनशील है और मंगत द्वारा भेजी गई जानकारियों का राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता था.
हनीट्रैप का जाल
जांच में सामने आया कि मंगत सिंह पिछले दो वर्षों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलरों के संपर्क में था. इनमें से सबसे अहम था ईशा शर्मा नाम की एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर. ईशा ने सोशल मीडिया के जरिए मंगत सिंह से संपर्क साधा. दोस्ती और निजी बातचीत के जरिए उसने मंगत सिंह का भरोसा जीत लिया. फिर उसने सहयोग के बदले पैसे का लालच दिया. धीरे-धीरे यह रिश्ता एक ऐसे जाल में तब्दील हो गया, जहां मंगत सिंह अपने देश के लिए गोपनीय जानकारियां साझा करने लगा.
ISI को दी ये जानकारी
हनीट्रैप में फंसकर मंगत सिंह ने अलवर शहर के न केवल छावनी इलाके बल्कि देश के अन्य सामरिक स्थलों से जुड़ी जानकारियां ईशा शर्मा को भेजीं. फोटो, लोकेशन और सैन्य गतिविधियों से जुड़ी सूचनाएं सोशल मीडिया के जरिए से पाकिस्तान पहुंचाई गईं. बदले में उसे आर्थिक लाभ और लगातार संपर्क बनाए रखने का आश्वासन दिया गया.
CID इंटेलिजेंस ने किया गिरफ्तार
सेंट्रल इंक्वायरी सेंटर जयपुर में अलग-अलग इंटेलिजेंस एजेंसियों ने मंगत सिंह से लंबी पूछताछ की. उसके मोबाइल और डिजिटल रिकॉर्ड की जांच हुई. इन सबूतों ने यह साफ कर दिया कि वह विदेशी एजेंसी के लिए काम कर रहा था. 10 अक्टूबर 2025 को जयपुर स्थित स्पेशल पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया. इसके बाद राजस्थान CID इंटेलिजेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.
सबक और चेतावनी
मंगत सिंह का मामला यह दिखाता है कि सोशल मीडिया के जरिए हनीट्रैप और प्रलोभन का इस्तेमाल करके किस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला जा सकता है. यह कहानी हर नागरिक के लिए एक चेतावनी है कि ऑनलाइन संबंध और संपर्क में सतर्क रहना जरूरी है, खासकर जब मामला संवेदनशील क्षेत्र या गोपनीय जानकारी से जुड़ा हो.