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FEOs पर केंद्र का बड़ा खुलासा: 15 भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर ₹58082 करोड़ बकाया, विजय माल्या- नीरव मोदी सबसे बड़े डिफॉल्टर

लोकसभा में केंद्र सरकार ने बताया कि 15 घोषित भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ₹58,082 करोड़ बकाया है, जिसमें ₹26,645 करोड़ प्रिंसिपल और ₹31,437 करोड़ ब्याज शामिल है. विजय माल्या और नीरव मोदी सबसे बड़े डिफॉल्टर हैं- माल्या पर SBI का बकाया ब्याज सहित ₹11,960 करोड़, वहीं नीरव मोदी और उसकी कंपनियों पर ₹7,800 करोड़ से अधिक का प्रिंसिपल बकाया है. Sterling Biotech और संडेसरा समूह की कंपनियों पर भी कई बैंकों का भारी कर्ज दर्ज है.

FEOs पर केंद्र का बड़ा खुलासा: 15 भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर ₹58082 करोड़ बकाया, विजय माल्या- नीरव मोदी सबसे बड़े डिफॉल्टर
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( Image Source:  ANI )

Fugitive Economic Offenders Vijay Mallya Nirav Modi: देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) से भागे आर्थिक अपराधियों पर बकाया रकम का खुलासा करते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि विजय माल्या और नीरव मोदी समेत 15 घोषित Fugitive Economic Offenders (FEOs) पर कुल ₹58,082 करोड़ का कर्ज बकाया है. यह राशि ₹26,645 करोड़ के प्रिंसिपल और ₹31,437 करोड़ के बढ़े हुए ब्याज को मिलाकर है. आंकड़े 31 अक्टूबर 2025 तक के हैं.

दूसरी तरफ, विजय माल्या ने आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बैंक और सरकार अलग-अलग आंकड़े क्यों दे रहे हैं.

विजय माल्या और नीरव मोदी सबसे बड़े डिफॉल्टर

विजय माल्या और नीरव मोदी सबसे बड़े डिफॉल्टर हैं. सरकार के अनुसार सबसे अधिक एक्सपोजर विजय माल्या से जुड़ा हुआ है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का ₹6,848.28 करोड़ प्रिंसिपल अमाउंट बकाया है, जो ब्याज के बाद अब ₹11,960.05 करोड़ हो गया है. कई अन्य PSU बैंकों ने भी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े खातों में भारी अनपेड अमाउंट रिपोर्ट किया है.

दूसरी ओर नीरव मोदी और उससे जुड़े Firestar तथा डायमंड कंपनियों पर भी भारी बकाया है. नीरव मोदी समूह पर ₹7,800 करोड़ से अधिक प्रिंसिपल अमाउंट बकाया है. सबसे बड़ा बकाया पंजाब नेशनल बैंक का है, जो गैर उधार धोखाधड़ी (Non-Borrowal Fraud) श्रेणी में ₹6,799.18 करोड़ है. नीरव मोदी से जुड़े खाते SBI, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक सहित कई PSBs में दर्ज हैं.

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संडेसरा ग्रुप के भी कई खाते बकाया

Sterling Biotech, Sterling SEZ, Sterling Global Oil Resources और संबंधित कंपनियों के नाम भी कई बैंकों की डिफॉल्टर लिस्ट में दर्ज हैं.

सबसे बड़े बकाया में शामिल हैं:

  • बैंक ऑफ इंडिया: ₹1,392.78 करोड़
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया: ₹982.50 करोड़
  • अब तक सिर्फ ₹19,187 करोड़ की रिकवरी

सभी भगोड़ों से कुल ₹19,187 करोड़ की ही वसूली हो पाई

वित्त मंत्रालय के अनुसार अब तक सभी भगोड़ों से कुल ₹19,187 करोड़ की ही वसूली हो पाई है. इसका मतलब है कि अभी भी ₹38,895 करोड़ (प्रिंसिपल + ब्याज) बैंक वसूल नहीं कर पाए हैं.

सिर्फ दो केस में हुई OTS सेटलमेंट

अब तक केवल दो आर्थिक भगोड़ों ने बैंकों के साथ One-Time Settlement की है- नितिन और चेतन संडेसरा ने इंडियन बैंक के साथ, जबकि Sterling Global Oil Resources Pvt Ltd ने SBI के साथ...

आर्थिक अपराधियों को रोकने पर सरकार का जवाब

क्या ऐसा कोई नया कानून या नीति बनाई जा रही है जिससे आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भाग न सकें? इस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में ऐसी कोई प्रस्तावित योजना विचाराधीन नहीं है.

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