पंजाब की इस नामी महिला IPS पर गिरी कोर्ट की गाज, अदालत ने लगाया लाखों का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला
पंजाब पुलिस की सख्त और चर्चित महिला अधिकारी IPS धनप्रीत कौर इस वक्त सुर्खियों में हैं. वजह है पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का एक बड़ा फैसला, जिसमें अदालत ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है. मामला एक NDPS एक्ट से जुड़ा है, जिसमें बार-बार अदालत को गलत जानकारी देने पर कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सख्त नाराजगी जताई.
पंजाब में कानून-व्यवस्था संभाल रही जालंधर की पुलिस कमिश्नर IPS धनप्रीत कौर इन दिनों चर्चा में हैं. कारण है पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का एक सख्त फैसला, जिसमें उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मामला किसी प्रशासनिक गलती का नहीं बल्कि अदालत को गलत जानकारी देने से जुड़ा है.
यह जुर्माना एक ऐसे NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज) केस में लगाया गया है, जिसमें पुलिस की लापरवाही अदालत को रास नहीं आई. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
NDPS केस बना बड़ी मुसीबत
यह मामला साल 2023 का है. जालंधर कमिश्नरेट के नवी बारादरी थाने में रघुबीर सिंह और उसके एक साथी को पुलिस ने हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था. उनके पास से क्रमशः 100 ग्राम और 150 ग्राम हेरोइन बरामद की गई थी. गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की. इस दौरान पंजाब सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि आरोपी के खिलाफ 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं और नौ गवाहों के बयान अभी तक दर्ज नहीं हुए हैं. अदालत ने इसे ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी.
दो साल बाद सामने आई सच्चाई
करीब दो साल बाद जब आरोपी ने फिर से जमानत याचिका दायर की, तो अदालत ने पाया कि सिर्फ दो गवाहों के बयान ही हुए हैं. इस बार सरकार ने कहा कि आरोपी पर अब 16 मामले दर्ज हैं. लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने रिकॉर्ड दिखाया कि वास्तव में आरोपी पर केवल दो केस दर्ज हैं, जिनमें से एक में उसे पहले ही जमानत मिल चुकी है. यह विरोधाभास देखकर हाईकोर्ट हैरान रह गया. अदालत ने कहा कि पुलिस बार-बार झूठी और विरोधाभासी जानकारी दे रही है, जो न्याय प्रक्रिया की गंभीरता को कमजोर करती है.
हाईकोर्ट का सख्त रुख और जुर्माने का आदेश
अदालत ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीर माना और साफ कहा कि ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है. हाईकोर्ट ने IPS धनप्रीत कौर, जो उस समय जालंधर की पुलिस कमिश्नर थीं, पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने आदेश दिया कि यह राशि दो हफ्तों के भीतर मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में जमा कराई जाए. साथ ही चेतावनी दी कि अगर तय समय में पैसा जमा नहीं किया गया तो धनप्रीत कौर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा.
कौन हैं IPS धनप्रीत कौर?
IPS धनप्रीत कौर पंजाब कैडर की 2013 बैच की अधिकारी हैं. वे अपनी सख्त छवि और कार्यकुशलता के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने पंजाब पुलिस में कई अहम पदों पर काम किया है और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े अभियानों में भी सक्रिय रही हैं. हालांकि इस घटना ने उनके करियर में एक विवाद का धब्बा लगा दिया है. अदालत की यह सख्ती न सिर्फ पुलिस विभाग के लिए चेतावनी है, बल्कि इस बात की याद भी दिलाती है कि न्याय प्रणाली के सामने कोई भी अधिकारी गलत जानकारी नहीं छिपा सकता.
इस मामले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि अदालतें केवल कानून की रखवाली नहीं करतीं, बल्कि सत्ता और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रखने का भी काम करती हैं.





