Begin typing your search...

MP में शर्मनाक हरकत! युवक से पहले धुलाए पैर, फिर वही पानी पीने को किया मजबूर, Video Viral होने पर भड़के यूजर्स

मध्य प्रदेश से एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को सवालों के घेरे में ला दिया है. यहां एक युवक को न सिर्फ जातीय दबाव में अपमानित किया गया, बल्कि उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर उसी गंदे पानी को पीने पर मजबूर किया गया. यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया, जिसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और यूजर्स में गुस्सा भर गया.

MP में शर्मनाक हरकत! युवक से पहले धुलाए पैर, फिर वही पानी पीने को किया मजबूर, Video Viral होने पर भड़के यूजर्स
X
( Image Source:  Instagram- @statemirrornews )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 12 Oct 2025 4:49 PM IST

21वीं सदी में जब भारत डिजिटल क्रांति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में आगे बढ़ रहा है, तब भी कुछ गांवों में जात की दीवारें इंसानियत को शर्मसार कर रही हैं. सवाल उठता है कि क्या सच में समाज बदला है, या बदलाव सिर्फ दिखावे तक सीमित रह गया है? मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पतेरा ब्लॉक के सतारिया गांव से सामने आई है, जहां एक युवक को दूसरे ब्राह्मण शख्स के पैर धोकर पीने को मजबूर किया.

यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो वायरल होते ही पूरे इलाके में हलचल मची. इस मामले ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या 21वीं सदी में भी हमारे समाज में जातिवाद की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि इंसानियत और सम्मान के सिद्धांत पीछे हट जाएं.


शराबबंदी और विवाद की शुरुआत

सतारिया गांव में कुशवाहा समाज के परशुराम कुशवाहा और ब्राह्मण समाज के अन्नू पांडे के बीच हुआ झगड़ा शराबबंदी से जुड़ा है. दरअसल गांव में कुछ महीने पहले यह फैसला हुआ था कि शराबबंदी रहेगी, लेकिन अन्नू पांडे छुपाकर शराब बेच रहा था. जब यह बात सामने आई तो पंचायत ने फरमान दिया कि अन्नू पांडे को पूरे गांव से माफी मांगनी पड़ेगी. साथ ही, 2100 रुपये जुर्माने की सजा दी गई. उस वक्त अन्नू ने यह सजा मान भी ली.

परशुराम कुशवाहा ने AI तस्वीर की वायरल

कुछ दिन बाद परशुराम कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की, जो AI तकनीक से बनाई गई थी. इस तस्वीर में अन्नू पांडे को जूतों की माला पहने हुए दिखाया गया था. हालांकि, यह पोस्ट केवल 15 मिनट में हटा दी गई और परशुराम ने माफी भी मांग ली, लेकिन तब तक मामला तेजी से फैल चुका था. लोगों ने इस तस्वीर को ब्राह्मण समाज का अपमान समझा और पूरे माहौल में तनाव पैदा हो गया.

पैर धुलाकर पानी पीने को किया मजबूर

विवाद और तनाव बढ़ते देख, गांव और आसपास के इलाके के ब्राह्मण समुदाय ने मिलकर एक पंचायत बुलाई. पंचायत ने परशुराम को ‘प्रायश्चित’ के तौर पर सजा सुनाई. उसे अन्नू पांडे के पैर धोकर पानी पीने और पूरे समुदाय से माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें परशुराम को घुटनों के बल झुककर यह कार्य करते देखा जा सकता है. वीडियो वायरल होते ही इलाके में अफरातफरी और चर्चा तेज हो गई.

दोनों पक्ष अब दे रहे हैं 'समझौते' की दलील

वीडियो वायरल होने के बाद अब दोनों पक्ष इसे आपसी मामला बताकर दबाने की कोशिश कर रहे हैं. परशुराम कुशवाहा का कहना है कि अन्नू पांडे उनके पारिवारिक गुरु हैं, और उन्होंने अपनी इच्छा से उनके पैर धोए थे. उन्होंने अपील की कि कोई भी इस वीडियो को गलत संदर्भ में वायरल न करे. उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि वीडियो हटाया जाए और इसे राजनीतिक या सामाजिक रंग न दिया जाए.अन्नू पांडे ने भी इस मामले पर कोई बयान देने से परहेज किया है. स्थानीय स्तर पर दोनों समुदायों के वरिष्ठ लोग मामले को शांत कराने में लगे हैं. लेकिन प्रशासन अभी भी किसी औपचारिक शिकायत का इंतज़ार कर रहा है. दमोह पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब तक किसी भी पक्ष से लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन वायरल वीडियो की जांच की जा रही है.

कब बदलेगा समाज?

यह घटना सवाल उठाती है कि क्या 21वीं सदी में भी जातीय दबाव और सामाजिक भेदभाव हमारे समाज में इतनी मजबूती से मौजूद हैं कि इंसानियत और व्यक्तिगत सम्मान पीछे छूट जाए. एक तरफ तकनीक, शिक्षा और कानून की उन्नति हुई है, लेकिन दूसरी ओर समाज के कुछ हिस्से में पुरानी सोच और जातीय असमानता आज भी लोगों की मानसिकता और व्यवहार को प्रभावित कर रही है.


MP news
अगला लेख