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पन्ना की तमन्ना हुई पूरी... सालों बाद मिला 'Panna Diamond' को GI टैग, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चमकेगा भारत का हीरा

पन्ना जिले की वर्षों पुरानी उम्मीद आखिरकार साकार हो गई है. मध्य प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध पन्ना हीरे को अब आधिकारिक तौर पर जी.आई. (Geographical Indication) टैग मिल गया है. यह सिर्फ एक प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि पन्ना की धरती की उस अनमोल विरासत की पहचान है जो सदियों से अपनी चमक और गुणवत्ता के लिए दुनिया में मशहूर रही है.

पन्ना की तमन्ना हुई पूरी... सालों बाद मिला Panna Diamond को GI टैग, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चमकेगा भारत का हीरा
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( Image Source:  AI SORA )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 15 Nov 2025 2:13 PM IST

आखिरकार पन्ना का सपना पूरा हो गया है. मध्य प्रदेश के इस छोटे से जिले के विश्वप्रसिद्ध हीरे को आधिकारिक तौर पर जी.आई. टैग मिल गया है. यह केवल एक सर्टिफिकेट नहीं, बल्कि उस मिट्टी की पहचान है जो सदियों से अनमोल रत्नों को जन्म देती आई है. जी.आई. टैग के साथ पन्ना का नाम अब भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चमकने को तैयार है.

पन्ना को 'डायमंड सिटी' भी कहा जाता है. सदियों से अपनी चमचमाती हीरे की खानों के लिए विश्वप्रसिद्ध रहा है. अब जी.आई. टैग के साथ उसकी यह चमक और दूर तक फैलने वाली है.

पन्ना डायमंड को मिला जीआई टैग

पन्ना के लोगों के लिए यह सिर्फ एक औपचारिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भावनाओं से भरी जीत है. दशकों से जिस मान्यता का इंतजार था, वह अब जाकर हासिल हुई है. अब जी.आई. टैग मिलने के बाद पन्ना के हीरे की इंटरनेशनल लेवल पर विश्वसनीयता और बढ़ जाएगी. एक्सपर्ट का मानना है कि इससे हीरे की क्वालिटी, ट्रांसपेरेंसी और ऑथेंटिसिटी पर भरोसा और मजबूत होगा. इस कदम से पन्ना डायमंड का ब्रांड मूल्य कई गुना बढ़ने की उम्मीद है.

जीआई टैग मिलने से बढ़ेगा रोजगार

पन्ना के विशाल खनन क्षेत्र में काम करने वाले हजारों परिवारों के लिए यह एक नई उम्मीद है. जी.आई. टैग मिलने के बाद यहां के हीरा इंडस्ट्री में निवेश बढ़ेगा. नई खदानों, ट्रेनिंग सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट्स की संभावनाएं खुलेंगी. एक्सपर्ट का कहना कि आने वाले समय में पन्ना में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को अपने ही जिले में काम मिलने लगेगा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ेगी पन्ना की पहचान

हीरा उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि जी.आई. टैग मिलने के बाद पन्ना अब वैश्विक नक्शे पर नई पहचान बनाएगा. निर्यात बढ़ेगा, विदेशी खरीदारों का रुझान बढ़ेगा और प्रदेश को राजस्व में बड़ी वृद्धि देखने को मिल सकती है. पन्ना प्रशासन से लेकर उद्योग जगत तक हर कोई इस फैसले को ऐतिहासिक मान रहा है. जी.आई. टैग की प्रक्रिया 7 जून 2023 से शुरू हुई थी. करीब दो साल की लंबी मेहनत के बाद अब यह उपलब्धि हासिल हुई है. वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इसे मध्य प्रदेश के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह स्थानीय कारीगरों और युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा.

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