कौन हैं पूर्व मंत्री कृष्णा नंद त्रिपाठी, जिन्होंने दलित बॉडीगार्ड को जड़ दिया थप्पड़, कहा- कांस्टेबल का...
झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कृष्णा नंद त्रिपाठी द्वारा निजी सुरक्षा में तैनात एक दलित पुलिस कांस्टेबल को थप्पड़ मारने का मामला तूल पकड़ लिया है. पीड़ित कांस्टेबल की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. कांस्टेबल ने आरोप लगाया है कि ट्रैफिक जाम न खुलने और गाड़ी ट्रैफिक में फंसने की वजह से मंत्री ने उसे थप्पड़ मारा और जातिवादी गालियां दी.
झारखंड की राजनीति और पुलिस महकमे से जुड़ी बड़ी खबर झारखंड से सामने आई है. खबर यह है कि झारखंड कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री कृष्णा नंद त्रिपाठी के निजी सुरक्षा दल में शामिल एक दलित पुलिस कांस्टेबल को ट्रैफिक जाम न खुलने पर थप्पड़ जड़ दिया. साथ ही दलित कांस्टेबल को जातिवादी गालियां भी दी. मामला सामने आते ही बवाल मच गया और पुलिस ने पीड़ित कांस्टेबल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया.
कौन हैं कृष्णा नंद त्रिपाठी?
झारखंड कांग्रेस के नेता कृष्णा नंद त्रिपाठी 2005 से 2024 तक छह बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2009 के चुनाव जीतने में सफलता मिली थी. चार बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पूर्व मंत्री त्रिपाठी झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास, श्रम, रोजगार एवं प्रशिक्षण और पंचायती राज के मंत्री रह चुके हैं.
क्या है मामला?
यह मामला झारखंड के डाल्टनगंज की है. यहां के पुलिस थाने में दलित पुलिस कांस्टेबल ने कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे कृष्णा नंद त्रिपाठी के खिलाफ थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले को जांच के लिए लातेहार स्थानांतरित किया जाएगा. पुलिस के अनुसार कथित घटना दोपहर 1:30 बजे हुई जब पूर्व मंत्री की कार लातेहार से गुजर रही थी.
घटना के समय शिकायतकर्ता कांस्टेबल रवींद्र रिखियाशन को कथित तौर पर पूर्व मंत्री ने गाड़ी से उतरकर सड़क खाली करने के लिए कहा. इस मसले पर दोनों में विवाद हो गया. इससे नाराज पूर्व मंत्री ने दलित कांस्टेबल की पिटाई कर दी. साथ ही जातिसूचक गालियां दी.
एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज
डाल्टनगंज टाउन थाने के प्रभारी ज्योति लाल रजवार ने इस मामले को लेकर कहा कि भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कांस्टेबल का आरोप है कि जब हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे थे, तभी नेता जी आ गए और गालियां देने लगे." उन्होंने आगे कहा कि उन्हें पूर्व मंत्री ने आदिवासी और हरिजन कहा. साथ ही कहा कि वो इस काम के लिए अयोग्य है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि त्रिपाठी ने उन्हें थप्पड़ मारा.
पूर्व मंत्री का दावा - मारपीट का आरोप गलत
निजी सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल के आरोपों को ग्रामीण विकास, श्रम, रोजगार एवं प्रशिक्षण और पंचायती राज के पूर्व मंत्री त्रिपाठी ने मारपीट के आरोपों से इनकार कर किया है. उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ एफआईआर बदले की भावना से दर्ज कराई गई है.
उन्होंने कहा, "मैंने बस अपने अंगरक्षकों को सतर्क रहने को कहा था. उसके बाद कांस्टेबल ने ट्रैफिक जाम खुलवाया और फिर सर्किट हाउस के लिए सभी निकल गया. मैंने किसी पर हमला या गाली-गलौज नहीं की. सब कुछ सीसीटीवी में दिख रहा है." पूर्व मंत्री ने इस पूरे मामले को साजिश करार दिया है. विरोधी लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
कृष्णा नंद त्रिपाठी ने आगे कहा, "जब उन्होंने (अंगरक्षकों ने) गाड़ी हटाने से इनकार कर दिया और मैं एक मिनट के अंदर उसे खाली करवा पाया, तो उसे अपमान महसूस हुआ, इसलिए उसने एफआईआर दर्ज कराई."
पुलिस संघ ने वर्दी की गरिमा पर बताया हमला
लातेहार पुलिस पुरुष संघ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को लिखे एक पत्र में कथित घटना की निंदा की और इसे वर्दीधारी पुलिसकर्मियों की गरिमा पर हमला बताया. एसोसिएशन के अध्यक्ष करण सिंह ने लिखा, "अगर किसी नेता को लगता है कि उसका अंगरक्षक अयोग्य है, तो उसे इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को देनी चाहिए, न कि उस पर हमला करना चाहिए. सीसीटीवी फुटेज में घटना के स्पष्ट सबूत मौजूद हैं."
विपक्ष ने की गिरफ्तारी की मांग
घटना को लेकर विपक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए विरोधी दलों ने पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी की मांग की है.





