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नक्सली कमांडर शशिकांत गंझू को पकड़ने गए सुरक्षाबलों की नक्सलियों से हुई मुठभेड़, दो जवान शहीद

Palamu Division News: पलामू जिले में गुरुवार 4 सितंबर की देर रात सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. पुलिस ने बचाव के लिए जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान कई नक्सली घायल हुए. वहीं दो जवान शहीद हो गए. झारखंड सरकार ने साफ कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

नक्सली कमांडर शशिकांत गंझू को पकड़ने गए सुरक्षाबलों की नक्सलियों से हुई मुठभेड़, दो जवान शहीद
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( Image Source:  ani )

Palamu Division News: झारखंड के पलामू जिले में गुरुवार 4 सितंबर की देर रात सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. सेना के जवान एक अभियान के तहत उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे, तभी मुठभेड़ हो गई, जिसमें दो जवान शहीद हो गए. वहीं एक गंभीर रूप से घायल है.

जानकारी के अनुसार, मनातू इलाके में यह मुठभेड़ हुई और सुरक्षाबलों का सामना भाकपा से अलग हुए, TSPC गुट से हुआ. पुलिस ने 12.30 बजे रात को यह कार्रवाई शुरू की थी. पलामू के डीआईजी नौशाद आलम का कहना है कि घायल जवान रोहित कुमार को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं मृतक जवान का नाम संतान कुमार और सुनील राम बताया गया है.

आतंक फैलाते नक्सली

डीआईजी ने मीडिया को बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि क्षेत्र में कर्मा पूजा का आयोजन है. इस दौरान प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी ने अपना आतंक फैलाना चाहते थे. फिर हमें एक सर्च ऑपरेशन का प्लान बनाया और टीम मौके पर पहुंची. जैसे ही पहाड़ी रास्ते से गुजर रहे थे झाड़ियों में छिपे नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी करना शुरू कर दिया. पुलिस ने बचाव के लिए जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान कई नक्सली घायल हुए.

अप्रैल में हुए थे कई नक्सली ढेर

इससे पहले 21 अप्रैल 2025 में झारखंड के बोकारो में 21 लुगूबुरु पहाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर सहित 8 नक्सली मारे गए थे. पुलिस को घटनास्थल से हथियार भी बरामद हुए थे. झारखंड सरकार ने साफ कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. आगे भी ऐसे सर्च ऑपरेशन चलने वाले हैं.

क्या है TSPC नक्सल गुट

TSPC झारखंड में सक्रिय एक प्रतिबंधित नक्सलवादी संगठन है, जो माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (MCC) से अलग होकर 2002 में बना था. यह संगठन पूर्व में CPI-Maoist का विरोधी रहा है और इसने खुद को जन जागरण का वाहक बताया. साथ ही नागरिकों के खिलाफ हिंसा की बजाय विकास पर जोर देने का दावा किया है. हालांकि अपना आतंक फैलाने में यह कभी पीछे नहीं रहा. TSPC का टॉप कमांडर शशिकांत पलामू और चतरा के इलाके में एक्टिव रहते हैं. इस इलाके को इसका गढ़ माना जाता है.

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