CM हेमंत सोरेन का एलान, नेतरहाट रेजिडेंशियल स्कूल की तरह खोल जाएंगे तीन नए विद्यालय, अब लड़कियां भी पढ़ेंगी
समारोह में की गई घोषणाओं ने साफ कर दिया कि झारखंड सरकार शिक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रख रही है. नेतरहाट विद्यालय को को-एजुकेशन बनाने से लेकर विदेशी पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप और 15 लाख रुपये तक के शिक्षा लोन जैसी योजनाएं युवाओं के भविष्य को नई रोशनी देंगी.
झारखंड की राजधानी रांची का झारखंड मंत्रालय मंगलवार को एक खास अवसर का गवाह बना. मौका नियुक्ति पत्र वितरण सह मेधा सम्मान समारोह का था, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. समारोह में उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनसे न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि झारखंड को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान भी दिलाई जा सकेगी. अब झारखंड में तीन नए स्कूल खोले जाएंगे. साथ ही, नेतरहाट रेजिडेंशियल स्कूल में लड़कियां भी पढ़ेंगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में राज्यवासियों से अपील की कि झारखंड के विकास की जिम्मेदारी हर नागरिक की है. चाहे कोई शिक्षा, कृषि, उद्योग या सेवा क्षेत्र से जुड़ा हो, सभी को मिलकर राज्य को मजबूत और अग्रणी बनाने में योगदान देना होगा.
शिक्षा सुधारों की नई यात्रा
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 'उनकी सरकार ने बीते वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं. इन प्रयासों के नतीजे अब दिखने लगे हैं, जिससे यह भरोसा और गहरा हो रहा है कि आने वाले समय में झारखंड शिक्षा की नई ऊंचाइयों को छुएगा. इसी कड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना और झारखंड ई-शिक्षा महोत्सव 2025 की शुरुआत की. ये दोनों पहलें राज्य में गुणवत्ता और स्वच्छता को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ डिजिटल शिक्षा को और सशक्त करेंगी.'
नेतरहाट में लड़कियों की एंट्री
झारखंड की शिक्षा व्यवस्था का गौरव माना जाने वाला नेतरहाट आवासीय विद्यालय अब एक नए अध्याय की ओर बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब इस विद्यालय को को-एजुकेशन बनाया जाएगा, यानी यहां लड़कों के साथ-साथ लड़कियों का भी एनरोलमेंट होगा. यह ऐतिहासिक फैसला लड़कियों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने यह भी बताया कि नेतरहाट की तर्ज पर तीन और ऐसे विद्यालय खोले जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके.
अंग्रेजी मीडियम और सीबीएसई
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय अब सीबीएसई बोर्ड से असोसिएट हो चुका है और यहां अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई शुरू हो गई है. इस बदलाव के पीछे सरकार की मंशा यह है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे किसी भी स्तर पर निजी स्कूलों के छात्रों से पीछे न रहें.
स्कॉलरशिप और शिक्षा लोन की सुविधा
समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उन योजनाओं का भी उल्लेख किया, जो विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की राह में सहूलियत देती हैं. उन्होंने बताया कि विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है. वहीं, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत छात्रों को 15 लाख रुपये तक का शिक्षा लोन बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा विभिन्न छात्रवृत्तियों की राशि में भी व्यापक बढ़ोतरी की गई है, जिससे बच्चों की पढ़ाई का बोझ कम होगा और उनके सपने पूरे हो सकेंगे.





