Ramgarh Engineering College में रैगिंग का खौफनाक मामला, 40–50 सीनियर्स ने मिलकर जूनियर छात्र को जमकर पीटा; 6 के खिलाफ FIR
झारखंड के रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष के कंप्यूटर साइंस छात्र ने आरोप लगाया कि करीब 40–50 सीनियर छात्रों ने हॉस्टल में गेट तोड़कर उसे कमरे में घसीटा और कुर्सियों व बर्तनों से पीटा, क्योंकि उसने गालियां सुनने से इनकार कर दिया था. पीड़ित की पसलियों और गले में चोट आई है और वह अस्पताल में भर्ती है. उसका कहना है कि कॉलेज में रैगिंग 'नॉर्मल प्रैक्टिस' बन गई है, जहां जूनियर्स को जबरन झुककर अभिवादन करना, गाने-नाचने के लिए मजबूर करना और गालियां सहना पड़ता है.
Ramgarh Engineering College ragging case: झारखंड के रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस के प्रथम वर्ष के छात्र ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार शाम हॉस्टल में करीब 40–50 सीनियर छात्रों ने मिलकर उसकी बुरी तरह पिटाई की. पीड़ित का कहना है कि यह हमला तब हुआ जब उसने उनके बार-बार दिए जाने वाले गालियों और 'परिवार को घसीटने' पर आपत्ति जताई.
पीड़ित ने शिकायत में बताया कि सीनियर्स ने हॉस्टल का गेट तोड़कर उसे कमरे में घसीटा और कुर्सियों, बर्तनों और अन्य वस्तुओं से हमला किया. उसका आरोप है कि सीनियर्स लगातार कहते रहे कि जूनियर को गालियां सुननी ही पड़ेंगी... जब उसने विरोध किया तो उनकी 'मर्दानगी पर चोट' लगी.
छह छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज
पीड़ित इस समय अस्पताल में भर्ती है और उसकी पसलियों व गले (विंडपाइप) में चोटें आई हैं. पुलिस ने उसकी शिकायत पर छह छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज की है.
‘रैगिंग का कल्चर बन गया है’
पीड़ित के मुताबिक कॉलेज में रैगिंग को 'नॉर्मल' कर दिया गया है. जूनियर्स को शर्ट टक-इन रखने, छोटे बाल कटवाने और झुके सिर के साथ चलने के लिए मजबूर किया जाता है. सीनियर्स को संबोधित करने के लिए दूसरे वर्ष को 'सर', तीसरे वर्ष को 'बॉस' और अंतिम वर्ष को 'बिग बॉस' कहना पड़ता है. महिला सीनियर्स को 'मैडम' कहकर संबोधित करने का दबाव रहता है.
रास्ते में सीनियर्स मिलने पर 90 डिग्री झुककर अभिवादन करना पड़ता है. न मानने पर गालियां दी जाती हैं और कई बार मां-बहन तक को अपशब्द कहे जाते हैं. उसका दावा है कि हॉस्टल में इस तरह की प्रथाएं आम हैं और शिकायतों के बावजूद प्रशासन अनदेखी करता है. वार्डन और फैकल्टी सब जानते हैं लेकिन चुप रहते हैं. जिस दिन मुझ पर हमला हुआ, तीन वार्डन मौके पर थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.”
प्रिंसिपल ने कहा- आरोपी छात्रों को किया गया निलंबित
कॉलेज की प्रिंसिपल शर्बानी रॉय ने माना कि घटना गंभीर है, लेकिन कहा कि यह पहली बार हुआ है जब हिंसक हमला हुआ. उन्होंने बताया, “पीड़ित छात्र के अभिभावकों ने सीधे पुलिस में शिकायत दी. उसके बाद सभी आरोपित छात्रों को निलंबित कर दिया गया है और उन्हें हॉस्टल से निकाल दिया गया है.”
एंटी-रैगिंग सेल को दी गई मामले की जानकारी
प्रिंसिपल ने कहा कि मामले की जानकारी एंटी-रैगिंग सेल को दी गई है. आमतौर पर अनुशासन समिति कार्रवाई करती है, लेकिन इस बार अभिभावकों ने पुलिस का सहारा लिया. छात्र को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया और अब उसकी हालत स्थिर है.
'कॉलेज में रैगिंग सिस्टमेटिक समस्या नहीं है'
रॉय का कहना है कि कॉलेज में रैगिंग सिस्टमेटिक समस्या नहीं है. पहले छोटी-मोटी शिकायतें आती थीं जिन्हें छात्र सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते थे. शारीरिक हमला का यह पहला मामला है. वहीं, पुलिस ने बताया कि वे पीड़ित द्वारा दिए गए वीडियो सबूत और मेडिकल रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं.





