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जड़ी-बूटी बेचने की आड़ में चल रहा था सांप का जहर बेचने का धंधा, 80 करोड़ की कीमत का जहर जब्त, 7 गिरफ्तार

झारखंड के पलामू जिले में सांप के जहर की तस्करी के धंधे का वन विभाग ने भंडाभोड़ किया है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और वन विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब 80 करोड़ रुपये का सांप का जहर बरामद किया है. 7 लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

जड़ी-बूटी बेचने की आड़ में चल रहा था सांप का जहर बेचने का धंधा, 80 करोड़ की कीमत का जहर जब्त, 7 गिरफ्तार
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( Image Source:  ANI )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 22 Nov 2025 1:30 PM

झारखंड के पलामू जिले में वन्यजीव तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और वन विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब 80 करोड़ रुपये का सांप का जहर बरामद किया है. इस ऑपरेशन में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बरामदगी की मात्रा और कीमत को देखते हुए इसे हाल के वर्षों की सबसे बड़ी जब्तियों में से एक माना जा रहा है.

अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से सांप के जहर और अन्य अवैध वन्यजीव उत्पादों की तस्करी में शामिल था. जांच में पाया गया कि तस्कर इस जहर को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचने की फिराक में थे. गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी के बाद यह पूरा नेटवर्क बेनकाब हुआ.

1200 ग्राम सांप का जहर और 2.5 किलो पैंगोलिन के शल्क बरामद

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त टीम ने कार्रवाई के दौरान 1200 ग्राम सांप का जहर जिसका मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपये और 2.5 किलोग्राम पैंगोलिन के शल्क (मूल्य 15–20 लाख रुपये) बरामद किए. अधिकारियों के अनुसार पैंगोलिन के शल्क की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग होती है, जिसके कारण इनकी तस्करी लगातार बढ़ रही है.

गुप्त सूचना पर हुई छापेमारी, 7 लोग गिरफ्तार

मेदिनीनगर के जिला वन अधिकारी सत्यम कुमार ने बताया कि बुधवार को मिली गुप्त सूचना पर छापेमारी कर तीन लोगों को पकड़ा गया था. शुक्रवार को चार और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें स्थानीय अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. डीएफओ ने बताया “पहले गिरफ्तार किए गए एक बुजुर्ग व्यक्ति और उसके बेटे सहित तीनों आरोपी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं. इस रैकेट में कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है, इसलिए छापेमारी जारी है.”

अधिकारियों का कहना है कि गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा और संगठित है. सांप के जहर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत अधिक होने के कारण तस्कर इसे विदेशों में सप्लाई करने की कोशिश कर रहे थे. टीमें अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए लगातार जांच कर रही हैं.

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