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छात्राओं के लिए 'डायन' जैसे शब्द, आदिवासी होना बन गया गुनाह; जानें स्कूल से क्यों निकाली गईं 3 छात्राएं

लातेहार जिले के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 3 छात्राओं को स्कूल से निकाल दिया गया. तीनों छात्राओं पर जादू-टोना करने जैसे आरोप लगे और इन छात्राओं के लिए स्कूल स्टाफ द्वारा डायन जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया.

छात्राओं के लिए डायन जैसे शब्द, आदिवासी होना बन गया गुनाह; जानें स्कूल से क्यों निकाली गईं 3 छात्राएं
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 20 Nov 2025 10:02 AM

झारखंड के लातेहार जिले से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली तीन आदिवासी छात्राओं पर “जादू-टोना” का आरोप लगाकर उन्हें स्कूल और हॉस्टल से बाहर कर दिया गया. छात्राओं के परिवारों का कहना है कि सहपाठियों और स्टाफ के भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण बच्चियों को मजबूरन स्कूल छोड़ना पड़ा.

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है. आरोप है कि बच्चियों को स्कूल में ‘डायन’ कहकर बुलाया गया और लगभग दो हफ्तों तक मानसिक उत्पीड़न किया गया. फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

परिवारों ने लगाए गंभीर आरोप

छात्राओं के परिजनों के अनुसार, एडमिशन के कुछ ही दिनों बाद स्कूल के स्टाफ और छात्रों ने तीनों लड़कियों को डायन कहकर बुलाना शुरू कर दिया था. इसके बाद उन पर हॉस्टल की अन्य छात्राओं को परेशान करने का आरोप भी लगाया गया. जबकि लड़कियों ने ऐसा कुछ किया ही नहीं था.

स्कूल से निकाली गई एक छात्रा ने बताया "हमारे सहपाठियों और स्कूल स्टाफ ने हमें डायन कहा और हॉस्टल में रहने वाली दूसरी लड़कियों को परेशान करने का आरोप लगाया. हमने ऐसा कभी नहीं किया। यह उत्पीड़न लगभग दो हफ़्तों तक जारी रहा."

रात में छात्राओं को बुलाकर भेजा वापस

छात्राओं के परिजनों ने बताया कि 16 नवंबर की रात लगभग 8:30 बजे स्कूल के हेडमास्टर ने फोन कर तुरंत छात्राओं को वापस ले जाने का आदेश दिया. एक बच्ची के परिजन ने बताया कि "हेडमास्टर ने हमें रात में बुलाया. हमने कहा कि देर हो रही है, लेकिन वे जिद करते रहे, बाद में स्कूल ने बच्ची को रखने से इनकार कर दिया और ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने को कहा." परिवारों का कहना है कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें दोबारा एडमिशन देने से इनकार कर दिया है.

जिला प्रशासन शुरू की मामले की जांच

लातेहार के उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने बताया कि "हम मामले की जांच कर रहे हैं. फिलहाल यह कोई बहुत गंभीर मामला नहीं लग रहा है. लगता है बच्चों ने कुछ शरारत की है. उन्हें न तो स्कूल से निकाला गया है और न ही हॉस्टल से. उन्हें अभी घर भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी."

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