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पढ़ेंगे नहीं तो और क्या करेंगे?हेडमास्टर की हरकत से शर्मशार झारखंड, पढ़ाई के नाम पर छात्रों से करवाई जा रही थी मजदूरी

एक अभिभावक सूरज मंडल के दो बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं. वे कई महीनों से यह शिकायत कर रहे थे, लेकिन पहले किसी ने ध्यान नहीं दिया. अब वीडियो वायरल होने के बाद सब लोग देख रहे हैं कि सच क्या है. मिड-डे मील में भी गड़बड़ियां बताई गई हैं बच्चों को पूरा और अच्छा खाना नहीं मिलता.

पढ़ेंगे नहीं तो और क्या करेंगे?हेडमास्टर की हरकत से शर्मशार झारखंड, पढ़ाई के नाम पर छात्रों से करवाई जा रही थी मजदूरी
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( Image Source:  Create By Sora AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 18 Nov 2025 10:57 AM

झारखंड राज्य के साहिबगंज जिले में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर पर बहुत गंभीर आरोप लगा है. लोगों का कहना है कि वे स्कूल के बच्चों से जबरदस्ती मजदूरी करवाते हैं. बच्चे स्कूल के समय में ईंटें ढोते हैं, रेत उठाते हैं, क्लास में झाड़ू लगाते हैं और गंदी नालियाँतक साफ करते हैं. यह बात तब सबके सामने आई जब बच्चों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में साफ दिख रहा था कि बच्चे भारी-भारी ईंटें और रेत उठा रहे हैं. इसके बाद स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के अध्यक्ष श्री सिंटू यादव ने साहिबगंज के उपायुक्त (डीसी) महोदय को एक लिखित शिकायत दी. यह शिकायत शुक्रवार को दी गई. शिकायत पत्र पर बहुत सारे अभिभावकों और समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर थे.

स्कूल में सफाई करने वाले कर्मचारी मौजूद हैं, फिर भी बच्चों से सारे काम करवाए जाते हैं. बच्चों से निर्माण सामग्री ढोने को कहा जाता है, राजमिस्त्री (ईंट-गारे वाले) की मदद करवाई जाती है. स्कूल का पूरा परिसर बच्चों से ही साफ करवाया जाता है. यह काम एक-दो दिन नहीं, बार-बार होता रहता है. कभी दो दिन बाद, कभी पांच दिन बाद, कभी हफ्ते-हफ्ते भर. सिंटू यादव जी ने बताया, 'मैंने खुद हेडमास्टर से पूछा था कि बच्चों से ऐसा क्यों करवाते हो? तो उन्होंने कहा, 'अगर बच्चा पढ़ाई नहीं करेगा तो क्या करेगा? कोई छोटा-मोटा काम ही करने दो.' यह सुनकर बहुत दुख हुआ अगर बच्चा सोचेगा कि स्कूल आने का मतलब है मजदूरी करना, तो एक दिन वह स्कूल छोड़ देगा. बाहर मजदूरी करने पर कम से कम पैसे तो मिलते हैं.'

नाराज हुए छात्रों के माता-पिता

एक अभिभावक सूरज मंडल के दो बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं. वे कई महीनों से यह शिकायत कर रहे थे, लेकिन पहले किसी ने ध्यान नहीं दिया. अब वीडियो वायरल होने के बाद सब लोग देख रहे हैं कि सच क्या है. मिड-डे मील में भी गड़बड़ियां बताई गई हैं बच्चों को पूरा और अच्छा खाना नहीं मिलता. हफ्ते में दो बार अंडा मिलना चाहिए, लेकिन ज्यादातर हफ्तों में सिर्फ एक बार या बिल्कुल नहीं मिलता. कई बार तो खाना बनता ही नहीं है.' इसके अलावा आरोप है कि हेडमास्टर पिछले 15 साल से एक ही खाना बनाने वाली महिला (फ़ूड कोऑर्डिनेटर) के साथ मिलकर पैसों का गलत इस्तेमाल करते हैं और सरकारी सामान का दुरुपयोग करते हैं.

हेडमास्टर का पक्ष

स्कूल के हेडमास्टर दिलीप कुमार पिछले 13 साल से इसी स्कूल में हैं. उन्होंने सभी आरोपों को गलत बताया। उनका कहना है, 'वीडियो में जो बच्चे दिख रहे हैं, वे स्कूल के किसी कार्यक्रम की तैयारी के लिए ठेकेदार द्वारा छोड़ी गई ईंटें हटा रहे थे. यह कोई जबरदस्ती या बंधुआ मजदूरी नहीं थी. मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है, 'मुझे बदनाम करने की कोशिश हो रही है.' साहिबगंज के उपायुक्त श्री हेमंत सती ने बताया कि वायरल वीडियो का संज्ञान ले लिया गया है. उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी है. जांच चल रही है और कुछ दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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